अमरावती/दि.22 – विगत शनिवार को विदर्भ महाविद्यालय में विधि स्नातक द्बितीय वर्ष के चौथे सेमिस्टर के परिक्षा जारी रहते समय कथित तौर पर नकल करने के मामले में गाडगे नगर पुलिस द्बारा नामजद किए गए पूर्व भाजपा पार्षद प्रणित सोनी ने इसे अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश बताया है. साथ ही कहा है कि, इस मामले में कोई लेना-देना नहीं रहने के बावजूद उनका नाम जानबूझकर घसीटा गया और स्थानीय मीडिया के जरिए पूरे मामले को तोड-मरोडकर पेश करते हुए गलत व भ्रामक जानकारी फैलाई गई, ताकि उनकी बदनामी की जा सके.
भाजपा के पूर्व पार्षद प्रणित सोनी ने इस मामले को लेकर जारी स्पष्टीकरण में कहा है कि, स्थानीय वीएमवी में 20 मई 2023 को मेरा विधि शाखा का द्वितीय वर्ष का पेपर था. सुबह 9 से 12 पेपर का समय था. हमें सुबह 9 बजे पेपर मिला. इसके बाद करीब 10.30 बजे पुलिस आयी और मेरी जांच करने लगी. गलती से मेरी जेब में मोबाइल रह गया था. लेकिन पुलिस ने स्पॉट पर जब मोबाइल की जांच करने पर वह स्वीच ऑफ था, पुलिस ने उसे शुरू किया, लेकिन उसमें उन्हें कुछ नहीं मिला. क्योंकि मेरे मोबाइल से उपरोक्त पेपर की कोई भी फोटो अथवा पीडीएफ कॉपी किसी को भेजी नहीं गयी अथवा मेरे मोबाइल पर किसी ने भी मुझे वह कॉपी नहीं भेजी थी. फिर भी मुझे राजकीय हेतु से बदनाम करने की दृष्टि से कारस्थान रचा गया. असल में इस मामले में अगर परीक्षा के पर्यवेक्षक अथवा अन्य किसी को शंका थी तो यह मामला संगाबा अमरावती विवि व वीएमवी के दौरान का था, इसमें पुलिस का हस्तक्षेप किसके कहने पर हुआ. इस पद्धति से परीक्षा शुरू रहते समय हस्तक्षेप करने की शिकायत किसने दी, यह सवाल है. इस मामले में मेरा नाम व फोटो सीधे इस्तेमाल कर जानबूझकर प्रसार माध्यमों में खबरें फैलाई गयी कि, मैंने पेपर लीक किया, लेकिन ऐसा कुछ हुआ ही नहीं, इसलिए पुलिस ने मेरे खिलाफ पेपर लीकेज का अपराध दर्ज नहीं कर सूचना देकर मुझे छोड़ दिया. लेकिन इस संदर्भ में दिनभर जो झूठी खबरें अनेक प्रसार माध्यमों में दी वे सभी मामले झूठे थे, यह पुलिस की कार्रवाई से स्पष्ट हुआ है, ऐसा भी पूर्व पार्षद प्रणित सोनी ने कहा.