* 1400 फार्मसी महाविद्यालय के अस्तित्व को खतरा
यवतमाल/दि.23– औषध निर्माणशास्त्र शाखा की प्रवेश प्रक्रिया देरी से शुरू होने के कारण दो राऊंड होने के बाद ही यह प्रक्रिया रोक दी गई है. दो राऊंड में प्रवेश क्षमता की 60 प्रतिशत जगह भरी गई है. मगर अभी भी विद्यार्थियों का अभ्यासक्रम शुरू नहीं हुआ है. परिणाम 53 हजार 800 विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य लटका हुआ नजर आ रहा है. जबकि राज्य भर के 1381 फार्मसी महाविद्यालय के अस्तित्व को भी खतरा निर्माण हुआ है.
फार्मसी कौन्सिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) व्दारा नये फार्मसी महाविद्यालय को अनुमती दी गई है. वही कुछ महाविद्यालय की प्रवेश क्षमता बढाई गई है. मगर विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से इस संदर्भ में शासन निर्णय नहीं हो पाया. इसके पहले भी फिलहाल की स्थिती में रहने वाले महाविद्यालय के प्रवेश के दो राऊंड पूरे हो चुके थे. जिसमें डी.फार्म.बी.फार्म और एम.फार्म. के 60 प्रतिशत स्थान भरे गए है. इसके बाद प्रवेश प्रक्रिया रोक दी गई.
प्रथम वर्ष का पहला सेमिस्टर दिसंबर में लिया जाता है. इसके लिए लगभग कुछ दिन बचे रहने से अभी भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं की गई. जिसके कारण दिसंबर में परीक्षा लेना संभव नहीं है. एक सेमिस्टर के लिए लगभग 10 दिन के अभ्यास की समयावधी है. अब सरकार बनने के बाद शासन निर्णय होकर प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने पर मार्च महीने में पहला सेमिस्टर हो सकता है. यह सभी प्रकार 2024-25 के शैक्षणिक सत्र के भ्रम में पडने की संभावना है.
महाराष्ट्र के औषध निर्माणशास्त्र शाखा के सभी महाविद्यालय बिना अनुदानित है. विद्यार्थियों के प्रवेश को विलंब होने से उनकी स्कॉलरशिप यह देरी से शुरू होगी. तब तक महाविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन, दैनंदिन व्यवहार करते हुए महाविद्यालय को आर्थिक परेशानी से जुझना पड सकता है.
शासन तुरंत ले निर्णय
फार्मसी की प्रवेश प्रक्रिया का निर्णय शासन व्दारा तुरंत लेना चाहिए. जिसके कारण विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान नहीं होगा. बल्कि महाविद्यालय को भी आर्थिक समस्या से जुझना नहीं पडेंगा.
डॉ. ए.वी.चांदेवार, प्राचार्य, फार्मसी महाविद्यालय
अभ्यासक्रम महाविद्यालय प्रवेश क्षमता
डी. फार्म. 671 40,270
बी.फार्म. 505 40,570
एम.फार्म. 205 7,337