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हाईकोर्ट ने विपणन महासंघ की याचिका की खारिज

नागपुर/दि.13– बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के न्यायमूर्ति अनिल पानसरे ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी कपास उत्पादक पणन महासंघ के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है कि, विशिष्ट सीजन के लिए कार्य करनेवाले प्रतिष्ठानों द्वारा अपने अस्थायी कर्मचारियों को दिए जाने वाले भत्ते पर भी पीएफ लागू होता है. अनिवार्य अवकाश की अवधि के दौरान भी किए भत्ते पर पीएफ लागू होता है. कपास पणन फेडरेशन एक संगठन है जो कपास के मौसम के लिए काम करता है. सैकड़ों अस्थायी कर्मचारी फेडरेशन की सेवा करते हैं.

कपास का मौसम खत्म होने के बाद इन मजदूरों के पास कुछ काम नहीं है. लेकिन, इन श्रमिकों को फेडरेशन के अनुरूप बनाए रखने के लिए, उन्हें नए कपास सीजन की शुरुआत तक एक निश्चित भत्ता दिया जाता है. फेडरेशन ने 1991 से 2008 की अवधि के दौरान ऐसे कर्मचारियों को यह भत्ता दिया, लेकिन लागू पीएफ को कर्मचारी के खाते में जमा नहीं किया. इसलिए सहायक भविष्य निधि आयुक्त ने 3 मार्च 2011 को महासंघ को 14 लाख 21 हजार 145 रुपये का डिमांड नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर यह राशि कर्मचारियों के पीएफ खाते में जमा कराने का निर्देश दिया. इसके चलते फेडरेशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

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