मुंबई/दि.20 – उच्च शिक्षा के लिए राज्य के अधिक से अधिक युवाओं ने इंंजिनीयरिंग का पर्याय स्वीकार करना शुरु किया है. इसके चलते विगत 7 वर्षों के दौरान इंंजिनीयरिंग में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में दो गुना अधिक वृद्धि हुई है. वर्ष 2018-19 में समूचे राज्य के 73 हजार 950 विद्यार्थियों ने इंंजिनीयरिंग में प्रवेश लिया था. वहीं जारी शैक्षणिक सत्र यानि वर्ष 2024-25 में राज्य के 1 लाख 49 हजार 78 विद्यार्थी विविध अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में प्रवेशित है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष पहली बार इंंजिनीयरिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश का आंकडा इतना अधिक रहा. जिसके चलते विगत कुछ वर्षों की तुलना में इस वर्ष रिक्त रहने वालों की संख्या भी घटी. खास बात यह रही कि, समूचे राज्य में इंंजिनीयरिंग की उपलब्ध सीटों में भी विगत 7 वर्षों के दौरान 50 हजार सीटें बढी है. इसके बावजूद भी रिक्त रहने वाली सीटों की संख्या कम है. जिसका सीधा मतलब है कि, राज्य के विद्यार्थियों में अब इंंजिनीयरिंग पाठ्यक्रमों को लेकर एक बार फिर रुझान बढा है.
सन 2018-19 में राज्य के इंंजिनीयरिंग कॉलेजों में कुल 1 लाख 30 हजार 356 सीटें उपलब्ध थी. जिसमें से 73 हजार 950 सीटों पर प्रवेश हुए थे और 56 हजार 50 सीटें रिक्त रह गई. वहीं वर्ष 2019-20 के शैक्षणिक क्षेत्र में इंंजिनीयरिंग की सीटें बढी, लेकिन प्रवेश का प्रमाण कम रहा. इस वर्ष राज्य की कुल 1 लाख 44 हजार 9 सीटों में से 71 हजार 350 सीटों पर प्रवेश हुए थे और 72 हजार 669 सीटें रिक्त रह गई थी. 7 वर्षों के दौरान रिक्त रहने वाली सीटों की यह सर्वाधिक संख्या थी. वहीं विगत 3 वर्षों के दौरान इंजिनीयरिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार 1 लाख से अधिक है. इंजिनीयरिंग पाठ्यक्रमों की ओर विद्यार्थियों के बढते रुझान के चलते राज्य में उपलब्ध सीटों में भी वृद्धि की गई है. वर्ष 2022-23 में राज्य के इंजिनीयरिंग कॉलेजों में 1 लाख 43 हजार 413 सीटें उपलब्ध थी. जिसमें वर्ष 2023-24 में 37 हजार सीटों का इजाफा हुआ और इस वर्ष 1 लाख 80 हजार 170 सीटों पर प्रवेश हुए. यानि प्रवेशित सीटों में भी 40 हजार विद्यार्थियों की वृद्धि हुई. वहीं जारी वर्ष 2024-25 में 1 लाख 49 हजार 78 विद्यार्थियों द्वारा इंजिनीयरिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया गया. वर्ष 2018-19 में राज्य के इंजिनीयरिंग कॉलेजों में 56 हजार सीटें रिक्त थी. यह संख्या इस वर्ष घटकर 31 हजार हो गई है. विगत 7 वर्ष के दौरान रिक्त रहने वाली सीटों की यह सबसे कम संख्या है. गत वर्ष समूचे राज्य के इंजिनीयरिंग महाविद्यालयों में 41 हजार 379 सीटें रिक्त थी.
उपरोक्त जानकारी देने के साथ सीईटी कक्ष द्वारा बताया गया कि, राज्य के प्रत्येक इच्छुक व पात्र विद्यार्थियों को इंजिनीयरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिले, इस हेतु सीईटी कक्ष सदैव प्रयासरत रहता है.