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सूचना एवं संचार क्रांति ने जीवन में अनेकों सुविधा दी है

अमरावती/दि.12- सूचना एवं संचार क्रांति ने जीवन में अनेको सुविधा दी है. वही असमाजिक तत्वों ने इसका दुरूपयोग कर मानव जीवन में कई खतरे भी उत्पन्न कर दिए है. खतरों के डर से सुविधाओं को नहीं छोड सकते. बल्कि तकनीकी ज्ञान और सतर्कर्ता से इन खतरों को दूर किया जा सकता है, ऐसा प्रतिपादन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के विज्ञान फिल्मोंत्सव प्रभाग के प्रमुख डॉ. निमिष कुमार ने व्यक्त किए. वे आईआईएमसी परिसर में आयोजित फैक्ट चेकिंग और डेटा वेरिफीकेशन ऑनलाइन कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.

डॉ. कपूर ने फेक न्यूज की समस्या का जिक्र करते हुए डेटा वेरिफीकेशन के कई टूल्स की जानकारी दी और पत्रकारिता में डेटा के महत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने सॉफ्टवेयर की सहायता से डेटा की व्याख्या करने, स्टोरी बनाने, ग्राफ के जरिए स्टोरी को आसान बनाने की तकनीकी भी सिखाई. डॉ. कपूर ने आगे कहा कि इन दिनों मीडिया में डिजीटल अरेस्ट, ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधडी की घटनाएं बढ रही है. जिससे आम नागरिकों में भय व्याप्त है. पत्रकारिता के विद्यार्थियों को डिजीटल अरेस्ट, ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधडी आदि के प्रति न सिर्फ खुद सतर्क रहना चाहिए. बल्कि अपने मित्रोंं, पारिवारिक सदस्यों और समाज को भी जागृत करना चाहिए.
ऑनलाइन कार्यशाला की अध्यक्षता क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रमेशसिंह कुशवाहा ने की तथा संचालन हिन्दी पत्रकारिता विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. आदित्य मिश्रा व अंग्रेजी पत्रकारिता विभाग की छात्रा प्रियंका ने आभार माना. इस अवसर पर मराठी पत्रकारिता विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. विनोद निताले, अंग्रेजी पत्रकारिता सहायक प्रोफेसर चैतन्य पाटिल, जयंत सोनोने, निकिता वाघ, सहित बडी संख्या में हिन्दी, अंग्रेजी एवं मराठी पत्रकारिता के विद्यार्थी उपस्थित थे. कार्यशाला को सफल बनाने संस्थान ने राजेश झोलेकर, संजय पाखोडे, नुरूज्जमा शेख, भूषण मोहोकर, राजेशकुमार, अनंत नांदुरकर, मंदा पवार, नंदा तुप्पट ने योगदान दिया.

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