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विदर्भ में नहीं चला मोदी सभाओं का जादू

जहां-जहां सभाएं हुई, वहां हारे भाजपा के प्रत्याशी

* केवल गडकरी ने अपने दम पर निकाली सीट
अमरावती/दि.5– इस बार लोकसभा चुनाव दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रत्याशियों के प्रचार हेतु विदर्भ के जिन-जिन संसदीय क्षेत्रों में प्रचार सभाएं ली लगभग उन सभी संसदीय क्षेत्रों में भाजपा सहित महायुति के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पडा. जिनमें दिग्गज प्रत्याशी समझे जानेवाले चंद्रपुर के भाजपा प्रत्याशी व राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार का भी समावेश है. इस मामले में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को अपवाद कहा जा सकता है. जिन्होंने अपने दम पर नागपुर संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की.
बता दे कि, विदर्भ क्षेत्र के पूर्वी विदर्भ में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत मतदान कराया गया. जहां पर रामटेक संसदीय क्षेत्र से पीएम मोदी ने पूर्वी विदर्भ में प्रचार सभाओं का श्रीगणेश किया था. रामटेक में महायुति की ओर से शिंदे गुट वाली शिवसेना के प्रत्याशी रहनेवाले राजू पारवे के प्रचार हेतु पीएम मोदी की कामठी में सभा आयोजित की गई थी. इस सभा में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले व राकांपा के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के साथ ही रिपाइं नेता प्रा. जोगेंद्र कवाडे व सुलेखा कुंभारे प्रमुख रुप से उपस्थित थे. लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस प्रत्याशी श्यामकुमार बर्वे के हाथों महायुति प्रत्याशी राजू पारवे को हार का सामना करना पडा.

इसके साथ ही पीएम मोदी की चंद्रपुर संसदीय क्षेत्र में भी सभा हो इस बात के लिए वनमंत्री व भाजपा प्रत्याशी सुधीर मुनगंटीवार विशेष तौर पर आग्रही थे. इस बात को ध्यान में रखते हुए नागपुर जिले की सभा निपटाने के बाद अगले ही दिन पीएम मोदी चंद्रपुर पहुंचे और उन्होंने चंद्रपुर में सुधीर मुनगंटीवार के लिए प्रचार सभा को संबोधित किया. लेकिन इसके बावजूद भी सुधीर मुनगंटीवार को हार का सामना करना पडा और चंद्रपुर में मविआ की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी रहनेवाली प्रतिभा धानोरकर ने मुनगंटीवार को पराजित किया.
इसी तरह मोदी लहर में दो बार चुनकर आए वर्धा संसदीय क्षेत्र के सांसद रामदास तडस को इस बार मोर्शी-वरुड विधानसभा क्षेत्र में नुकसान होने की संभावना स्पष्ट दिखाई दे रही. जिसे ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी की सभा अमरावती व वर्धा संसदीय क्षेत्र की सीमा पर स्थित तलेगांव में आयोजित की गई थी. लेकिन इसके बावजूद भी शरद पवार के नेतृत्ववाली राकांपा के प्रत्याशी अमर काले ने भाजपा प्रत्याशी रामदास तडस को बुरी तरह से परास्त कर दिया.
इसके साथ ही वाशिम-यवतमाल संसदीय क्षेत्र में महायुति की ओर से शिवसेना शिंदे गुट की प्रत्याशी रहनेवाली राजश्री पाटिल के प्रचार हेतु पीएम मोदी की यवतमाल में भी सभा आयोजित की गई थी. लेकिन इस संसदीय क्षेत्र में भी मोदी का जादू नहीं चला. बल्कि यवतमाल-वाशिम संसदीय क्षेत्र में शिवसेना उबाठा के प्रत्याशी संजय देशमुख ने शानदार जीत हासिल की.

* अमरावती में मोदी के साथ भी शाह भी फेल
विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती संसदीय क्षेत्र की ओर राज्य सहित पूरे देश का ध्यान लगा हुआ था. क्योंकि, अमरावती संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने बडी तेजी के साथ लोकप्रियता के शिखर पर पहुंची नवनीत राणा को अपना प्रत्याशी बनाया था. जिन्होंने वर्ष 2019 में कांग्रेस-राकांपा का समर्थन हासिल करते हुए निर्दलीय सांसद निर्वाचित होने के बाद केंद्र की सत्ताधारी मोदी सरकार का समर्थन किया था और राज्य में महाविकास आघाडी रहते समय तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला था. साथ ही विगत कुछ समय से नवनीत राणा अपने बयानो के चलते लगातार चर्चा में बनी हुई थी और खुद को एक फायर ब्रांड नेत्री के तौर पर साबित भी कर रही थी. जिसके चलते ऐन नामांकन के समय नवनीत राणा को भाजपा ने पार्टी में प्रवेश देने के साथ ही उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया था. साथ ही नवनीत राणा के प्रचार हेतु पीएम मोदी के साथ-साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भी अमरावती में प्रचार सभाएं हुई. जिसमें से पीएम मोदी ने अमरावती एवं वर्धा संसदीय क्षेत्र की सीमा पर स्थित तलेगांव में संयुक्त प्रचार सभा को संबोधित करते हुए अमरावती, वर्धा एवं यवतमाल-वाशिम संसदीय क्षेत्रों के प्रत्याशियों हेतु वोट मांगे थे. वही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा के प्रचार हेतु शहर के सायंसकोर मैदान पर विशेष रुप से प्रचार सभा आयोजित की गई थी. लेकिन इसके बावजूद भी नवनीत राणा को कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पडा. ऐसे में कहा जा सकता है कि, अमरावती में मोदी के साथ-साथ अमित शाह का भी जादू नहीं चल पाया.

* महाराष्ट्र की अन्य सीटों पर भी नहीं चला मोदी का जादू
विदर्भ के साथ-साथ महाराष्ट्र की अन्य कई सीटों पर भी लगभग ऐसी ही स्थिति रही. विशेष उल्लेखनीय है कि, इस बार महाराष्ट्र में पीएम मोदी ने करीब 18 प्रचार सभाएं ली, जो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में लगभग दोगुनी रही. क्योंकि इस बार राज्य में 5 चरणों के तहत लोकसभा का चुनाव हुआ. इसके चलते चुनाव प्रचार हेतु काफी अधिक समय भी मिला, लेकिन इसके बाद भी महाराष्ट्र में महायुति के कई प्रत्याशियों को पराजय का सामना करना पडा.

पीएम मोदी ने मुंबई के शिवाजी पार्क पर 17 मई को विशालकाय जनसभा ली थी. जिससे दो दिन पहले काटकोपर में रोड शो भी किया था. लेकिन इसके बावजूद भी मुंबई में महायुति को काफी बडे नुकसान का सामना करना पडा. मुंबई में महायुति के सभी 6 प्रत्याशी चुनकर आएंगे, ऐसा विश्वास राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व भाजपा के मुंबई प्रदेशाध्यक्ष एड. आशीष शेलार ने व्यक्त किया था. लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो पाया. इसके अलावा परभणी में राष्ट्रीय समाज पार्टी के महादेव जानकार, नांदेड में भाजपा के प्रतापराव चिखलीकर, कोल्हापुर में शिवसेना शिंदे गुट के संजय मंडलीक, सोलापुर में भाजपा के राम सातपुते, माढा में भाजपा के रणजीतसिंग निंबालकर, धाराशिव में भाजपा की अर्चना पाटिल, लातूर में भाजपा के सुधाकर शिंगारे, अहमदनगर में भाजपा के सुजय विखे पाटिल, नंदूरबार में भाजपा की हिना गावित को पराजय का सामना करना पडा. साथ ही केंद्रीय मंत्री भारती पवार को शरद पवार गुट वाली राकांपा के भास्कर भगरे ने पराजीत किया.

पीएम मोदी ने पुणे, बारामती, मावल व शिरुर इन चार संसदीय क्षेत्रों में भी प्रचार सभाएं की थी. पुणे से भाजपा के मुरलीधर मोहोल जैसे तैसे विजयी हुए, लेकिन बारामती में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पत्नी सुमित्रा पवार को शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले ने पराजीत किया. वहीं शिरुर में शिंदे गुट वाली शिवसेना के शिवाजी आढलगाव पाटिल को शरद पवार गुट की राकांपा के अमोल कोल्हे ने हराया. हालांकि मावल में शिंदे गुट के सांसद श्रीरंग बावणे दोबारा विजयी हुए. उधर सातारा संसदीय क्षेत्र में छत्रपति उदयनराजे भोसले ने शरद पवार की राकांपा के शशिकांत शिंदे को जैसे-तैसे हराया. साथ ही बीड से भाजपा की पंकजा मुंडे ने भी राकांपा शरद पवार गुट के प्रत्याशी बजरंग सोनावले के खिलाफ जैसे तैसे जीत हासिल की.

पीएम मोदी की कल्याण व भिवंडी निर्वाचन क्षेत्र में भी प्रचार सभाएं हुई थी. जिसमें से कल्याण से सीएम एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे ने शानदार जीत हासिल की, लेकिन भिवंडी से केंद्रीय मंत्री कपिल पाटील को राकांपा शरद पवार गुट के सुरेश म्हात्रे ने पराजीत किया.

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