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हडताल तो खत्म हुई, पर कई बसें अब भी बंद

छह माह से एक ही जगह पर खडे रहने के चलते हो गई खराब

  • रापनि का यांत्रिक विभाग तेजी से कर रहा ‘लालपरी’ की दुरूस्ती

अमरावती/दि.22 – राज्य मार्ग परिवहन महामंडल यानी एसटी का राज्य की सरकारी सेवा में विलीनीकरण किया जाये. इस प्रमुख मांग को लेकर एसटी कर्मचारियों द्वारा विगत नवंबर माह से हडताल करनी शुरू की गई थी और यह हडताल लगातार पांच माह तक चलती रही. चूंकि इस हडताल में रापनि की सभी चालक व वाहक शामिल थे. अत: रापनि की सभी सरकारी बसें विगत पांच-छह माह से अपने-अपने आगारों में एक ही स्थान पर खडी थी और लंबे समय तक प्रयोग में नहीं लाये जाने के चलते इन बसों के इंजिन व गिअर बॉक्स में कई तरह की तकनीकी दिक्कते व खराबी आ गयी. ऐसे में अब रापनि कर्मियों की हडताल खत्म हो जाने और सभी रापनि कर्मियों के काम पर लौट आने के बाद भी सभी रापनि बसों को सडकों पर नहीं उतारा जा सका है. बल्कि इस समय सभी आगारों के यांत्रिक विभाग में एसटी बसों को चुस्त-दुरूस्त करने का काम युध्दस्तर पर किया जा रहा है और जो बसें चलानेयोग्य स्थिति में है, उनके जरिये यात्री परिवहन सेवा शुरू कर दी गई है.
बता दें कि, अमरावती जिले के 8 आगारों में रापनि के पास कुल 369 सरकारी बसें है, जो विगत साढे पांच माह से एसटी कर्मियों की हडताल के चलते एक ही स्थान पर खडी थी. हालांकि इन साढे पांच माह के दौरान यांत्रिक व प्रशासनिक विभाग के कर्मियों सहित एसटी के कई वाहक व चालक काम पर लौट आये थे. साथ ही इस दौरान रापनि ने भी कई चालकों की ठेके पर नियुक्ति की थी. जिनके जरिये कुछ मार्गों पर एसटी बस सेवा को बहाल कर दिया गया था, लेकिन अधिकांश बसें आगारों में एक ही स्थान पर खडी थी. जिनमें खडे-खडे इंजिन व गिअर बॉक्स को लेकर बसों में तकनीकी खराबी व दिक्कत आ गई. वहीं अब हडताल के खत्म हो जाने के चलते एसटी के सभी वाहक व चालक काम पर लौट आये है. ऐसे में अब जिले के सभी आगारों में खडी हर एक बस को चुस्त-दुरूस्त करने का काम किया जा रहा है, ताकि सभी मार्गों पर यात्री परिवहन सेवा को शुरू किया जा सके. ऐसे में इन दिनों सभी आगारों के वर्कशॉप यानी यांत्रिक विभाग में बसों की साफ-सफाई व दुरूस्ती का काम युध्द स्तर पर चल रहा है. जिसके तहत इंजिन व गिअर बॉक्स का ऑईल बदलने, टायर-ट्युब की जांच करने व जरूरत पडने पर उन्हें बदलने तथा बैटरी की चार्जींग करने या बैटरी बदलने के साथ-साथ विगत पांच माह से बसों के भीतर जमी धुल को हटाने एवं सीटों के कटे-फटे कुशन को ठिक करते हुए उन पर कवर लगाने जैसे तमाम काम इस समय आगारों में चल रहे है. जिसके चलते इस समय 369 में से 255 बसें सडकों पर लौट आयी है.

कौनसे आगार में कितनी बसे

आगार        बसे       फेरिया
अमरावती     51         134
बडनेरा         35           56
परतवाडा      70          136
वरूड           44            83
चांदूर रेलव   46           144
दर्यापुर        54           192
मोर्शी           46           118
चांदूर रेल्वे    42           166

255 बसों से 1 हजार फेरियां

एसटी कर्मचारियों की हडताल खत्म होते ही जिले के 8 आगारों द्वारा 255 बसों के जरिये यात्री परिवहन सेवा शुरू कर दी गई है और इन बसों के जरिये इस समय कुल 1 हजार 11 फेरियां पूर्ण की जा रही है. जिसके तहत जिलांतर्गत के साथ ही मध्यम व लंबी दूरीवाले रूटों पर एसटी बस सेवा को बहाल कर दिया गया है.

अदालती फैसले के बाद दो हजार कर्मचारी लौटे काम पर

एसटी कर्मचारियों की मांग और हडताल को लेकर सुनवाई करने के उपरांत अदालत द्वारा दिये गये फैसले के बाद बुधवार तक अमरावती जिले में 2 हजार 280 में से 2 हजार कर्मचारी काम पर लौट आये है. जिनमें यांत्रिक व प्रशासनिक विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ चालकों व वाहकों का भी समावेश है. जिसके चलते अब रापनि की सरकारी बस सेवा धीरे-धीरे पूर्ववत होती जा रही है.

  • विगत पांच माह से हडताल पर रहनेवाले एसटी कर्मचारी अब काम पर लौट रहे है तथा अब तक 2 हजार 280 में से करीब 2 हजार कर्मचारी काम पर वापिस आ चुके है. ऐसे में हडताल के चलते लंबे समय तक ठप्प व प्रभावित रही एसटी बस सेवा दुबारा सुचारू हो गई है. हालांकि कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते कई बसों की दुरूस्ती का काम चल रहा है. वहीं 369 में से 255 बसें सडकों पर उतार दी गई है. जिनके जरिये अलग-अलग रूटों पर बसों की फेरियां चलाई जा रही है.

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