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जिले में चहुंओर झमाझम, 85 गांव प्रभावित

2 लोगों की बाढ में बहने से मौत, 262 घरों का नुकसान

* 246 हेक्टेयर क्षेत्र में खेतों की मिट्टी बही, 2917 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बाधित

* मुसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

* नदी-नाले उफान पर, कई इलाकों का संपर्क टूटा

अमरावती/दि.19- जिले में गत रोज चहुंओर झमाझम और मुसलाधार बारिश हुई. इस बारिश का विगत लंबे समय से पूरी बेसब्री के साथ इंतजार किया जा रहा था. किंतु लंबे इंतजार के बाद हुई बारिश ने राहत पहुंचाने की बजाय आम लोगों की दिक्कतों को बढा दिया और बडे पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया.
गत रोज हुई बारिश की वजह से अमरावती जिले में कुल 87 गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए. जिनमें भातकुली तहसील के 69, अचलपुर के 2, चांदूर बाजार के 9 तथा चिखलदरा तहसील के 1 गांव का समावेश रहा. भातकुली तहसील अंतर्गत 2 लोगों की नाले में आयी बाढ में बहकर डूब जाने की वजह से मौत हो गई तथा इस तहसील में 135 घरों का अंशत: व 10 घरों का पूर्णत: नुकसान हुआ. इसके अलावा अमरावती तहसील में 90, चांदूर बाजार में 24, अचलपुर में 2 तथा चिखलदरा तहसील में 1 घर का आंशिक नुकसान हुआ है. जिले में कुल 262 घर आंशिक व पुर्णत: तौर पर बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हुए है. वहीं भातकुली तहसील में 646 हेक्टेयर क्षेत्र में खेतों की उपजाउ मिट्टी बाढ के पानी में बह गयी और 2 हजार 667 कृषि क्षेत्र में 33 फीसदी से अधिक फसलों का नुकसान हुआ है. साथ ही अमरावती तहसील क्षेत्र में 250 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का 33 फीसदी से अधिक नुकसान हुआ है. कुल मिलाकर रविवार को हुई बारिश अमरावती जिले के लिए काफी मुसिबतों भरी रही. जिले के सभी तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति देखी गई और हर तरफ नदी-नाले पूरे उफान पर रहे. जिससे आवाजाही प्रभावित हुई. वहीं बाढ का पानी लोगों के घरों व खेतों में घुस जाने की वजह से जीवनावश्यक वस्तुओं एवं फसलों की बडे पैमाने पर बर्बादी हुई.
बिजली की गडगडहाट एवं तेज आंधी-तूफान के साथ हुई इस बारिश के चलते कई स्थानों पर पेड उखडकर गिर पडे और नदी-नाले पूरे उफान के साथ बहने लगे. जिससे कई इलाकों का आपसी संपर्क भी टूट गया. करीब ढाई से तीन घंटे तक चली इस बारिश की वजह से जनजीवन काफी हद तक अस्त-व्यस्त भी हुआ. किंतु झमाझम होती बारिश की वजह से तापमान नीचे उतरना शुरू हुआ. जिससे आम लोगों को काफी हद तक राहत भी मिलती दिखाई दी, लेकिन ढाई-तीन घंटे पश्चात बारिश रूकने पर देर शाम तक मौसम एक बार फिर उमस से भर गया और उम्मीद के विपरित वातावरण से ठंडक भी गायब हो गयी.
बता दें कि, इस वर्ष अमरावती जिले में मान्सून का आगमन विगत 10 जून को अपने बिल्कुल तय समय पर हुआ. शुरूआती दौर में बारिश की स्थिति अच्छी-खासी व समाधानकारक रहने के चलते किसानों में भी खेती-किसानी के कामों को लेकर उम्मीद जागी थी. साथ ही गर्मी का मौसम बीत जाने और वातावरण में ठंडक आने की भी अपेक्षा व्यक्त की जाने लगी थी, लेकिन उम्मीद और अपेक्षा से विपरित अगले कई दिनों तक बारिश नदारद रही तथा हालात एक बार फिर गर्मी के मौसम की तरह हो गये. चिलचिलाती धूप के साथ ही वातावरण में बडे पैमाने पर उमस भी भर गई. जिससे लोगबाग त्राही-त्राही करने लगे और किसान बडी आतूरता के साथ बारिश होने की प्रतीक्षा करने लगे, क्योंकि जून माह की बारिश पर भरोसा करते हुए की गई बुआई लगभग सूखकर बर्बाद हो गई थी. ऐसे में कई स्थानों पर दुबारा बुआई की नौबत आन पडी थी. वहीं अब रविवार की दोपहर हुई झमाझम बारिश के चलते किसानों में काफी हद तक हर्ष की लहर देखी जा रही है, क्योंकि महज ढाई से तीन घंटे के दौरान हुई झमाझम बारिश ने पूरे जिले को सराबोर कर दिया है. साथ ही इस वक्त तापमान में कमी आने के साथ-साथ जहां मौसम में ठंडक है, वहीं सोमवार की दोपहर बाद भी जिले में कुछ देर के लिए झमाझम बारिश हुई. जिससे उमस का वातावरण कुछ हद तक कम हो गया.

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