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अव्वल कारकुन ब्रिजेश वस्तानी की करे बदली

मांग को लेकर अ.जि.म. कर्मचारी संगठन ने दिया धरना

अमरावती/दि.09– ब्रिजेश वास्तानी यह जिलाधिकारी कार्यालय में अव्वल कारकून(आस्थापना) पद पर विगत कई वर्षो से कार्यरत है. जिसकी वजह से वह किसी भी कर्मचारी से अपशब्द की भाषा में बात करते है और मारपीट करते है. इसी तरह विगत दिनों संपन्न हुए राजस्व महोत्सव में वास्तानी व उनके सहयोगियों ने संगठन का स्वागत बैनर फाड कर कर्मचारियों के साथ अपशब्द की भाषा में बात की. इसी के चलते ब्रिजेश वास्तानी की बदली की मांग को लेकर आज 9 मार्च शनिवार को अमरावती जिला महसूल कर्मचारी संगठन की ओर से धरना आंदोलन किया गया.
संगठन अध्यक्ष नामदेव गडलिंग के नेतृत्व में बैठे धरना आंदोलन को राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन के महासचिव डी.एस. पवार, मागासवर्गीय अधिकारी कर्मचारी महासंघ (महाराष्ट्र राज्य) राज्याध्यक्ष विजयकुमार चौरपगार, डीसीपीएस संगठन जिलाध्यक्ष गौरव काले, महाराष्ट्र राज्य महसूल कर्मचारी संगठन अध्यक्ष दीपक चव्हाण ने समर्थन दिया. आंदोलनकारियों का कहना रहा कि बदली अधिनियम 2005 को दरकिनार कर जिलाधिकारी कार्यालय अमरावती के आस्थापना विभाग में ब्रिजेश वास्तानी अव्वल कारकुन (आस्थापना) के रुप में यह लगातार 7 वर्ष से कार्यरत है. इसी तरह जिलाधिकारी कार्यालय में वास्तानी लगभग 10 वर्षो से ज्यादा समय से कार्यरत है. जिसके कारण उनकी अन्यायकारकवृत्ती बढ चुकी है. उनके व्दारा कर्मचारियों को धमकी देेना, मारपीट करना, अभद्र भाषा में बात कर गालीगलौच करना हमेशा की आदत बन चुकी है. अमरावती जिला महसुल क्रीडा व सांस्कृतिक स्पर्धा के समय महसुल कर्मचारी संगठन की ओर से लगाए गए स्वागत बैनर को भी उन्होनें व उनके साथियों व्दारा फाड कर फेंक दिया गया. वास्तानी की हटधर्मी के चलते व उनकी बदली की मांग को लेकर जिला महसुल कर्मचारी संगठन की ओर से 9 मार्च को धरना आंदोलन, 16 मार्च को घंटानांद आंदोलन, 23 मार्च को एक दिवसीय उपोषण व 30 मार्च को आमरण उपोषण का निर्णय लिया गया. शनिवार को किए गए धरना आंदोलन में नामदेव गडलिंग सहित जीवन देशमुख, रघुवंशी, कैलास गुलसुंदरे, आशिष ढवले, प्रितेश देशमुख, तुषार निम्बेकर, निलेश गाढे, राहुल बोबडे, अमोल दांडगे, विनोद जाधव, शिवदास चव्हाण, सुशील काशिकर, विनोद भगत, श्रीकृष्ण तायडे, भाष्कर रिठे, के.टी. गावंडे, विश्वास दंदे, हिम्मतराव भोगांरे, अनिल मानकर, सुरेश शिर्के, आर.एस.राऊत, सुरेश डवाले, विनोद भगत, अब्दुल वाजीद (मास्टरजी) आदि उपस्थित थे.

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