नागपुर/दि.17– ऑनलाइन बुकिंग के चक्कर में उमरेड-करांडला जंगल सफारी में कई पर्यटकों के हजारों रुपये फस गए हैं. पर्यटक अपने पैसे वापस मांग रहे हैं. तब वन विभाग व्दारा उनसे आवेदन करने के लिए कहा जा रहा है. दरअसल यह पैसा 1 से 15 अक्तूबर के बीच में बुक की गई जंगल सफारियों का है. 1 अक्तूबर से सफारियां शुरू होती है. पर्यटकों ने 1 से 15 अक्तूबर के बीच में पर्यटकों ने सफारियां बुक की थी. लेकिन रास्ते खराब होेने के कारण वन विभाग ने सफारी 15 अक्तूबर के बाद शुरू की. इस बीच जिन्होंने बुकिंग की थी उन्हें पैसा वापस नही मिल रहा है.
जिले में दो जंगल सफारियां पर्यटकों को आकर्षित करती है. एक पेंच व्याघ्र प्रकल्प और दूसरी उमरेड-करांडला सफारी है. बारिश के मौसम में चार महिने के लिए सफारियों को बंद कर दिया जाता है. इस बार सफारियां 1 जुलाई से बंद कर दी गई थी. नियमानुसार सफारी 1 अक्तूबर को शुरू करना था. सफारी खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहें पर्यटकों ने 1 से 15 अक्तूबर के बीच ऑनलाइन बुकिंग की. प्रशासन की तरफ से भी उनकी टिकटें बुक दिखाई दी. लेकिन 1 अक्तूबर को सफारियां नहीं खोली गई. करांडला सफारी के भीतर के रास्ते खराब होने से यहां जीप्सी चलाना जोखम भरा हो सकता था.
वन विभाग के प्रति पर्यटकों में रोष
वन विभाग व्दारा 15 अक्तूबर से जंगल सफारी शुरू करने का निर्णय लिया था. लेकिन रास्ते खराब होने का कहते हुए सफारी रद्द कर दी गई. इसी बीच जिन पर्यटकों ने ऑनलाइन बुकिंग की थी उन्हें पैसा वापस नहीं दिए जाने पर पर्यटकों में वन विभाग के प्रति रोष व्याप्त है.
रिफन्ड के लिए आवेदन करें
यदि किसी की बुकिंग के पैसे अटक गए है तो वे संबंधित कार्यालय में आवेदन करें और सारी जानकारी ले. इसके बाद सिस्टम में जांच कर यदि पैसा जमा हुआ है तो रिफन्ड दिया जाएगा. सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों से नियमानुसार कैमरे का शुल्क भी लिया जाएगा.
डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, क्षेत्र संचालक पेंच व्याघ्र प्रकल्प नागपुर