पश्चिम विदर्भ में ‘वंचित’ के प्रभाव से त्रिकोणीय मुकाबले
पहले चरण के मतदान पश्चात होगी बडे नेताओं की प्रचार सभाएं
अमरावती /दि.16– आगामी लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में पश्चिम विदर्भ के अमरावती, अकोला, यवतमाल-वाशिम व बुलढाणा सहित वर्धा संसदीय क्षेत्रों में 26 अप्रैल को मतदान होगा. वर्धा क्षेत्र के अलावा अन्य चारों निर्वाचन क्षेत्रों में एड. प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्ववाली वंचित बहुजन आघाडी का प्रभाव है. जिसके चलते अमरावती अकोला बुलढाणा एवं यवतमाल-वाशिम संसदीय क्षेत्रों में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है और ऐसे त्रिकोणीय मुकाबलों का सीधा नुकसान बडे राजनीतिक दलों यानि कांगे्रस और भाजपा को ही होता है, ऐसा अब तक का इतिहास रहा है.
अमरावती संसदीय क्षेत्र में इस समय जबर्दस्त चुनावी प्रतिस्पर्धा देखी जा रहा है. जहां पर महायुति की ओर से भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा के खिलाफ महाविकास आघाडी के बलवंत वानखडे को मुख्य प्रतिद्वंदी माना जा रहा है. साथ ही प्रहार पार्टी ने दिनेश बूब को मैदान में उतारा है. वहीं वंचित बहुन आघाडी ने रिपब्लिकन सेना के आनंदराज आंबेडकर को अपना समर्थन दे दिया है. जिसके चलते मुकाबला चतुर्कोणीय हो गये है.
उधर अकोला निर्वाचन क्षेत्र मेें विगत 20 वर्षों से भाजपा प्रत्याशी ही विजयी होता आया है. परंतु इस बार स्थिति थोडी अलग है. अकोला में भाजपा के अनुप धोत्रे, कांग्रेस के डॉ. अभय पाटिल व वंचित बहुजन आघाडी के एड. प्रकाश आंबेडकर के बीच मुकाबला है. हालांकि अकोला संसदीय सीट के चुनाव मैदान में 15 प्रत्याशी है. लेकिन मुख्य मुकाबला इन्हीं तीन प्रत्याशियों के बीच होने वाला है. इसमें से एड. प्रकाश आंबेडकर को चुनाव लडने का अच्छा खासा अनुभव है. वहीं उनकी तुलना में अनुप धोत्रे व डॉ. अभय पाटिल अभी राजनीति में काफी नौसिखिए है. क्योंकि यह दोनों ही प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड रहे है. साथ ही बदलती राजनीति में कुणबी समाज इस समय भाजपा से अच्छा खासा नाराज चल रहा है और एड. आंबेडकर की ओर कुणबी समाज का रुझान बढ रहा है. स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में भी वंचित बहुजन आघाडी की ओर से कई पदाधिकारी कुणबी समाज का प्रतिनिधित्व करते है. वहीं अनुप धोत्रे व डॉ. अभय पाटिल मराठा पाटिल प्रत्याशी है. जिनके बीच होने वाले वोटों का विभाजन का आंबेडकर को फायदा होने की संभावना है.
यवतमाल-वाशिम निर्वाचन क्षेत्र विगत 25 वर्षों से शिवसेना के पास है. जहां पर भावना गवली लगातार विजयी होती आयी है, जो शिवसेना में हुई बगावत के बाद शिंदे गुट में चली गई थी. ऐसे में पूरी उम्मीद थी कि, उन्हें महायुति की ओर से प्रत्याशी बनाया जाएगा. परंतु ऐन समय पर हिंगोली के सांसद हेमंत पाटिल की पत्नी राजश्री पाटिल को महायुति की ओर से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया, जो सांसद भावना गवली के लिए काफी बडा झटका रहा. यद्यपि भाजपा की जिद के चलते भावना गवली का पत्ता कटा है. लेकिन प्रचार के पहले चरण के दौरान ही भाजपा के भीतर चल रही अंतर्गत गुटबाजी व अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई. जब महायुति के सम्मेलन में भाजपा के लोकसभा समन्वयक राजीव पाटिल राजे की कुर्सी को भाजपा विधायक के पुत्र ने हथिया लिया. व्यासपीठ पर हुए इस हंगामें की जानकारी आम जनता तक गई. वहीं दूसरी ओर महाविकास आघाडी के प्रत्याशी संजय देशमुख के साथ घटक दलों का कोई व्यक्ति दिखाई नहीं दे रहा. जिसके चलते संदेह उत्पन्न किया जा रहा है कि, कहीं महाविकास आघाडी में कोई बिघाडी तो नहीं हो गई. बता दें कि, यवतमाल-वाशिम निर्वाचन क्षेत्र में कुल 27 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है.
बुलढाणा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 21 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है. जिनमें शिवसेना उबाठा, शिवसेना शिंदे गुट, वंचित बहुजन आघाडी व शेतकरी संगठन जैसे दलों के प्रत्याशियों का समावेश है. साथ ही साथ ‘बुलढाणा मिशन’ का प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में है. ऐसे में बुलढाणा संसदीय क्षेत्र में भी बहुकोणीय मुकाबला होने की पूरी उम्मीद है.
वर्धा निर्वाचन क्षेत्र में महायुति की ओर से भाजपा प्रत्याशी रामदास तडस तथा महाविकास आघाडी की ओर से राकांपा शरद पवार गुट के प्रत्याशी अमर काले के बीच सीधा मुकाबला होने जा रहा है. भाजपा प्रत्याशी रामदास तडस इससे पहले लगातार दो बार सांसद निर्वाचित हो चुके है और अब तीसरी बार अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे है. वहीं इससे पहले विधायक रह चुके अमर काले द्वारा पहली बार संसदीय चुनाव में हिस्सा लिया जा रहा है. इसके अलावा वंचित बहुजन आघाडी व बसपा सहित अन्य कुछ राज्यस्तरीय दलों के प्रत्याशी और निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में है. वर्धा संसदीय सीट हेतु कुल 24 प्रत्याशियों हेतु अपनी दावेदारी पेश करते हुए चुनाव लडा जा रहा है.
* किस संसदीय क्षेत्र में किन बडे नेताओं की सभा?
– अमरावती
शिवसेना उबाठा – सुषमा अंधारे
नियोजित सभा – नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, देवेंद्र फडणवीस, शरद पवार, उद्धव ठाकरे
– अकोला
भाजपा – देवेंद्र फडणवीस, चंद्रशेखर बावनकुले, राधाकृष्ण विखे पाटिल
कांग्रेस – नाना पटोले
नियोजित सभा – नरेंद्र मोदी, उद्धव ठाकरे
– बुलढाणा
नियोजित सभा – उद्धव ठाकरे, सीएम एकनाथ शिंदे
– यवतमाल-वाशिम
भाजपा – पीएम मोदी
शिवसेना उबाठा – उद्धव ठाकरे
शिवसेना शिंदे – सीएम एकनाथ शिंदे, अभिनेता गोविंदा व संजय राठोड
– वर्धा
भाजपा – योगी आदित्यनाथ
राकांपा शरद पवार – जयंत पाटिल, सुषमा अंधारे
नियोजित सभा – नरेंद्र मोदी, एकनाथ शिंदे, अजीत पवार, शरद पवार, उद्धव ठाकरे