अन्यअमरावतीमुख्य समाचार

विवाह में विलंब व गर्भधारणा से युवावस्था में ही गर्भाशय की गांठे

बदलती जीवनशैली का परिणाम, तकलीफ बढने से पहले डॉक्टर को दिखाना जरुरी

अमरावती /दि.1- बदलती जीवनशैली और हार्मोन्स में होने वाले बदलाव की वजह से युवावस्था के दौरान ही महिलाओं के गर्भाशय में गांठ बनने की समस्या बढ रही है. जिसमें देर से विवाह करना और अधिक आयु में गर्भधारण करना भी एक प्रमुख वजह है.
उल्लेखनीय है कि, आज कल प्रत्येक व्यक्ति द्बारा अपने करियर को प्राधान्य दिया जाता है. जिसकी वजह से विवाह करने की उम्र थोडी अधिक हो गई है. जिसके चलते विवाह पश्चात गर्भधारणा में विलंब होता है. परंतु इस वजह के चलते महिलाओं में गर्भाशय संबंधित कई समस्याएं निर्माणा होती है. बदलती जीवनशैली और मानसिक तनाव भी इस बीमारी के लिए कारणीभूत साबित हो रहे है. इससे पहले 40 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाओं में गर्भाशय की गांठ वाली समस्या देखी जाती थी. परंतु अब 35 वर्ष की आयु के आसपास ही महिलाओं में यह समस्या दिखाई देती है. गर्भाशय की थैली के मांसल भाग में यह गांठ होती है. जिसके चलते मासिक धर्म के दौरान तीव्र वेदनाएं होती है और अतिरक्तस्त्राव की समस्या भी पैदा होती है.

* 40 की आयु के बाद फ्रैब्रॉइड की समस्या
अमूमन 40 वर्षीय आयु पार कर चुकी महिलाओं में फ्रैब्रॉइड की समस्या दिखाई दिया करती थी. परंतु अब 32 से 35 वर्ष आयु गुट वाली महिलाओं में भी यह समस्या दिखाई देने लगी है. ऐसे में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के संदर्भ में ज्यादा सावधान व सतर्क रहने की जरुरत है.

* युवावस्था में भी बढी समस्या
बदलती जीवनशैली, मानसिक तनाव, आहार में बदलाव आदि की वजह से महिलाओं को युवावस्था में ही गर्भावस्था से संबंधित समस्याओं से जुझना पडता है. 35 वर्ष से अधिक आयु वाली 15 से 20 फीसद महिलाओं के गर्भाशय में गांठ विकसित होने की समस्या दिखाई देती है.

* देर से विवाह सबसे प्रमुख वजह
किसी समय लडकियों का विवाह 18 से 30 वर्ष की आयु का हो जाता था. परंतु अब विवाह करने की उम्र बढ गई है तथा युवतियां 30 से 35 वर्ष की आयु में पहुंचकर विवाह कर रही है. ऐसे में गर्भधारणा की उम्र भी बढ गई है और अधिक आयु में गर्भधारणा होना यह गर्भाशय की गांठ बनने की सबसे प्रमुख वजह है.

* क्या होते हैं लक्षण?
– गर्भाशय की कुछ गांठों के लक्षण दिखाई देते है और कुछ में लक्षण नहीं भी दिखते.
– पेट व कमर में दर्द होना, मासिक धर्म अनियमित रहना, मासिक धर्म के दौरान अधिक प्रमाण में रक्तस्त्राव होना आदि को फ्रैब्रॉइड यानि गर्भाशय की गांठ माना जा सकता है.

* कौनसी सतर्कता जरुरी
अपनी बदलती जीवनशैली पर नियंत्रण रखना, योग्य आहार का सेवन करना, मासिक तनावमुक्त जीवन जीना, ढलती उम्र शुरु होने से पहले विवाह करना तथा गर्भधारणा में विलंब को टालना बेहद जरुरी है.

* यदि मासिक धर्म के दौरान तकलीफ अधिक होती है और अधिक प्रमाण में रक्तस्त्राव होता है, तो विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह से तुरंत उपचार करना बेहद जरुरी है.

* गर्भाशय में गांठ तैयार होने के कई प्रमुख कारण है. जिसमें सबसे प्रमुख कारण विवाह और गर्भधारणा में होने वाला विलंब है. 35 वर्ष की आयु वाली महिलाओं में यह समस्या काफी अधिक दिखाई देती है. जिसके चलते यदि महिलाओं को किसी भी तरह की तकलीफ है, तो उसकी ओर अनदेखी न करते हुए तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टरों से मिलकर उनकी सलाह ली जानी चाहिए.
– डॉ. मोनाली ढोले,
स्त्री रोग विशेषज्ञ

Related Articles

Back to top button