* धामणगांव के भाजपा उम्मीदवार प्रताप अडसड का साक्षात्कार
अमरावती/दि.18– धामणगांव विधानसभा क्षेत्र में पिता अरुण अडसड की विरासत को संजोनेवाले विधायक प्रताप अडसड एक बार फिर मैदान में है. दिलचस्प बात है कि, इस बार भी उनका मुकाबला पुराने प्रतिस्पर्धी वीरेंद्र जगताप और डॉ. नीलेश विश्वकर्मा से ही है. ऐसे में अडसड द्वारा गत 5 वर्षों में किए क्षेत्र विकास के कार्यो से लेकर राज्यस्तरीय मुद्दों पर संक्षिप्त वार्तालाप किया गया. गिनती के किंतु महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देते हुए लोगों में प्रताप दादा नाम से प्रसिद्ध अडसड ने आगामी वर्षों में धामणगांव के तीनों तहसीलों में किए जानेवाले कार्यो और प्रस्तावों के बारे में भी चर्चा की. प्रस्तुत है, उनसे साक्षात्कार के सवाल-जवाब.
प्रश्न :- कोरोना महामारी दौरान आपने लोगों को कैसे इंसाफ दिलाया?
दादा :- कोरोना के समय संपूर्ण जग भयभीत हो गया था. मृत्यु की छाया नजर आ रही थी. ऐसे में स्वास्थ सेवाओं को प्राधान्य देकर अपने विधायक फंड से एक करोड रुपए केंद्र सरकार को कोरोना का टीका बनाने के लिए प्रदान कर सामाजिक जिम्मेदारी निभाई. निर्वाचन क्षेत्र की तीनों तहसीलों में कोरोना उपचार के लिए केंद्र शुरु किए. रुग्णवाहिका लाई. आज भी निर्वाचन क्षेत्र में यह एंबुलेंस सभी को सेवा दे रही है. गरीब और जरुरतमंदो को किराणा पहुंचाने की व्यवस्था कर निर्वाचन क्षेत्र में कोई भी भूखा न रहने पाए, इसकी सावधानी हमने बरती. इस दौरान सबसे अधिक महत्वपूर्ण था, अन्य राज्यों और विदेशो में शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों को सुरक्षित घर लाना, यह बडी चुनौती थी. अभिभावक खासे चिंतित थे. ऐसे में संबंधित सरकारी मशनरी से संपर्क कर नियोजनपूर्वक सभी छात्र-छात्राओं को उनके गांव, उनके घर सुरक्षित लाया गया.
प्रश्न :- सोयाबीन के रेट को लेकर सरकार के प्रति किसानों की नाराजगी है. आपका क्या कहना है?
दादा :- किसानों में जानबूझकर नाराजगी तैयार की जा रही. सरकार के जैसे ही ध्यान में आया कि, किसानों का सोयाबीन में नुकसान हो रहा है. तत्काल गारंटी मूल्य घोषित कर 20 प्रतिशत भावांतर राशि देने की घोषणा सरकार ने कर दी. पहले भी ऐसी भावांतर राशि किसानों के खाते में बराबर पहुंची है. इस बार भी एमएसपी और बाजार भाव के फर्क का अनुदान किसानों के खाते पहुंचेगा. शासन के अध्यादेश पश्चात नांदगांव खंडेश्वर में खरीदी-विक्री संघ ने सोयाबीन की खरीदी शुरु की है. इस बारे में हम बराबर संपर्क में है. अब तक 1800 क्विंटल सोयाबीन खरीदी हुई है. दुभाग्य से धामणगांव रेलवे और चांदुर रेलवे फसल मंडी पर कांग्रेस की विचारधारा के लोगों का दबदबा है. इसलिए इन दोनों ही तहसीलों में जानबूझकर सोयाबीन की खरीदी शुरु नहीं की गई है. यह लोग गलत सोच के हैं. उनका मानना है कि, किसानों की जान जाती है तो जाए. वे विधानसभा चुनाव में किसानों का फायदा नहीं होने देंगे. बोरे नहीं मिलने का कारण सामने किया जाता है. जबकि नांदगांव खंडेश्वर में बोरे मिल जाते है तो धामणगांव और चांदुर रेलवे में क्यों नहीं. मै स्पष्ट कहता हूं की वीरेंद्र जगताप के कारण धामणगांव, चांदुर में सोयाबीन किसानों का नुकसान हो रहा है.
प्रश्न :- लाडली बहना योजना आपकी सरकार दोबारा आने पर शुरु रहेगी क्या?
दादा :- जहां-जहां भाजपा की सरकारे है, वहां लाडली बहन योजना शुरु है. जहां कांग्रेस की सरकारे आ गई है वहां यह योजना बंद कर दी गई है. आज की घडी में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कितने भी लिखे हो हम लाडली बहना को सभी योजनाएं देंगे. किंतु वह संभव नहीं होगा. कारण मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तो लाडली बहन योजना शुरु थी. बीच के दौर में कांग्रेस की सरकार आई तो यह योजना बंद कर दी गई. दोबारा भाजपा की सरकार आने पर लाडली बहन योजना शुरु की गई. क्योंकि भाजपा और उसके मित्र दल महिला सक्षमीकरण को प्राथमिकता देते है. उनके कारण ही महिला सबलीकरण हुआ है. आगे भी करेंगे. हमारी सरकार ने लाडली बहन योजना के पैसे 1500 से बढाकर 2100 रुपए कर दिए है.
प्रश्न :- आप विधानसभा चुनाव कौनसे मुद्दे पर लड रहे है?
दादा :- विकास कामों की जो गति गत दो वर्षों में हमारे निर्वाचन क्षेत्र में आई है, उसे कम नहीं होने देकर महिलाओं को रोजगार के लिए प्रत्येक गांव में क्लस्टर विकसित करना, युवाओं और युवतियों को पुलिस भर्ती में सहभागी होने के लिए प्रशिक्षण केंद्र और आनेवाले दिनों में उद्योग बढाकर रोजगार उपलब्ध कराने पर बल है. इन्हीं मुद्दों को लेकर चुनाव लडा जा रहा है. महायुति के दौर में भरपूर फंड लाकर विकासकार्य शुरु किए गए. उन्हें पूर्ण करना है. उसी प्रकार प्रत्येक गांव में वाचनालय, जीम और युवाओं की तरफ से आनेवाली प्रत्येक मांग पूर्ण करने एवं महिला, भगिनी के सम्मान हेतु उनका भाई प्रताप दादा हमेशा उनके साथ खडा है. यही हमारा चुनावी एजेंडा है. प्रत्येक के मानसम्मान की रक्षा होनी चाहिए. गत 5 वर्षों में हुआ विकास और बदलाव जनता देख रही है. प्रताप पर्व में घोषित प्रत्येक कार्य और वचन साकार हुआ है. ऐसा ही कार्य अगले 5 वर्षों तक जारी रखने का प्रण है. जनता भी पहले के और हमारे दौर के कार्य व फर्क साफ देख रही है. प्रताप पर्व जनता तक पहुंचा है. जो वचन हमने दिए वह सभी पूर्ण हुए है. विधायक पद हमारे लिए सत्ता सुख नहीं तो जिम्मेदारी है. आनेवाले समय में भी निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को हल करने पर जोर रहेगा.
प्रश्न :- चुनाव में अरुण अडसड प्रचार में नहीं दिखाई दे रहे?
दादा :- तबियत ठीक न होने से अरुणभाऊ घर है. उनकी कमी मुझे समस्त धामणगांव निर्वाचन क्षेत्र को खल रही है. एखाद भी कार्यकर्ता को फोन किया तो उस कार्यकर्ता के आनंद का ओरछोर नहीं रहता. कोरोना महामारी के समय भी अरुणभाऊ प्रत्येक की आस्थापूर्वक पूछताछ करते थे. भाऊ आज स्वास्थ में गिरावट के कारण निर्वाचन क्षेत्र में नहीं घूम सकते. पर उनके साथ लाठी-पत्थर खानेवाले और गांव-गांव में घूमकर पार्टी खडी करनेवाले सभी कहते है कि, भाऊ की कमी प्रताप दादा को नहीं खलनी चाहिए. भाऊ ने जो-जो हमें कहा है, वह ताकत से निर्वाचन क्षेत्र में कार्य करना है. प्रत्येक कार्यकर्ता स्वयं अरुण अडसड बनकर काम कर रहा है. इससे अधिक क्या कहूं? अरुण अडसड ने कार्यकर्ताओं पर जो प्यार लुटाया वहीं प्यार और आदर आज कायम है. यही उनके कार्यो की पोचपावती है.
प्रश्न :- आप में और अन्य उम्मीदवारों में क्या फर्क है?
दादा :- मुझ में और अन्य प्रत्याशियों में जो फर्क है वह जनता देख रही है. जनता ही बोल बता रही हैं, मुझे इस बारे में अधिक कहने की आवश्यकता नहीं.