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बहूजी के रसिया गान से वैष्णव मुग्ध

हवेली मंदिर में हिलगकुमार जी के प्रवचन

* वसंत-धमार-फाग-रसिया महोत्सव
अमरावती/दि.11– श्री गोवर्धननाथ जी हवेली सत्संग मंडल द्बारा मुंबई बोरीवली के मोटा मंदिर के युवा वैष्णवाचार्य प.पू. हिलगकुमार जी महोदय श्री और मातृ चरण प.पू. प्राची बहूजी के पावन सानिध्य में श्री ठाकुर जी को अतिप्रिय वसंत-धमार-फाग-रसिया महोत्सव का प्रारंभ रविवार शाम हुआ. पूज्य बहुजी ने बहुत ही सुंदर कंठ से रसिया गान किया. सभी वैष्णवों ने मंत्रमुग्ध होकर आपके वचनामृत एवं रसिया का खूब आनंद लिया.

हवेली सत्संग मंडल द्बारा आयोजित त्रि दिवसीय वचनामृत में हिलग बाबा श्री अपने मातृ चरण प्राची बहूजी के संग मंच पर विराजमान हुए. प्रारंभ में अध्यक्ष मुकेशभाई श्राफ द्बारा महाराज श्री को माल्यार्पण किया गया. वीणाबेन श्राफ, श्रीमती राजकोटिया और उषादेवी वर्मा ने सौ. प्राची बहूजी को सामूहिक माल्यार्पण किया. बहूजी द्बारा मधुर रसिया प्रस्तुत करते ही हवेली में ब्रज भूमि का वातावरण बन गया. सभी वैष्णव मंत्रमुग्ध हो गये थे. बडी संख्या में वैष्णव बंधु-भगिनी की उपस्थिति रही. आज सोमवार, कल मंगलवार को भी शाम 5 बजे से वचनामृत एवं वसंत धमार-फाग महोत्सव रहेगा. अत: लाभ लेने का अनरोध हवेली सम्संग मंडल के मुकेशभाई श्राफ ने किया है.

 

* हिलग बाबा श्री के वचनामृत
वेद-श्रीमद भागवत -ब्रम्हसूत्र- भगवान श्रीकृष्ण के काव्य 4 प्रमुख स्तंभ है. जिन पर पुष्टिमार्ग खडा है. मनुष्य जन्म 84 लाख योनियों में एक बार मिलता है और वैष्णव परिवार में जन्म लेनेवाला भाग्यवान होता है और परिवार में विराजते श्री ठाकुरजी की सेवा करना सौभाग्य की बात है. हमारे जीवन में समय कम है और काम ज्यादा है. उसमें से हम अपने प्रभु के लिए सेवा में पहुंचना कठिन होता है. लेकिन सेवा के बगैर जीवन व्यतीत हो जाए तो जन्म व्यर्थ है. इसलिए सभी ने सेवा में जरूर पहुंचना चाहिए. आपश्री के सुंदर वचनामृत हुए. उल्लेखनीय है कि हिलगकुमार महोदय श्री राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में आचार्य की उपाधि प्राप्त कर रहे है. आप ने संस्कृत साहित्य, न्याय व्याकरण वेदांत और पुष्टिमार्ग ग्रंथ का अध्ययन किया है. भारतभर में हिलग बाबाजी ने सेवा श्रृंगार शिविर लिए हैं. वे युवा हो या वृध्द सभी आयु सीमा के वैष्णव जन से सीधे, सरल स्वभाव के कारण जुड जाते हैं. प्रभावित कर जाते हैं.

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