* पक्षी प्रेमियों में उत्साह का वातावरण
अमरावती/दि.17– हर साल नवंबर माह में ठंड बढते ही जिले के जलाशयों पर विदेशी पक्षियों का आगमन होता है. इस साल वातावरण में बदलाव के चलते विदेशी पक्षियों का आगमन देरी से हुआ है. विदेशी पक्षियों के आगमन से पक्षी प्रेमियों में उत्साह का वातावरण है. पिछले तीन दिनों से जलाशयों पर विदेश से आए पक्षियों के दर्शन हो रहे हैं.
जलाशयों पर मोरकंठी लीटकूरी (व्हेर्डीटर फ्लायकॅचर), स्वर्गीय नर्तक (एशियन पॅराडाइज फ्लायकॅचर), मुनिया (ट्रायकलर मुनिया), पेन्टेड स्टॉर्क (रंगीत करकोचे), खुली चोच का करोचा (ओपनबिल स्टॅार्क), शेकाट्या (ब्लॅक विंग्ड् स्टिल्स), हलदी कुंकु बदक (स्पॉटबिल डक), चक्रवाक (रूडी शेलडक अथवा ब्राम्हणी डक), चतुरंग बदक (मलार्ड), नीले गाल का वेडा राघू (ब्लू-चीक स्वर्गीय नर्तक बी-इटर)आदि की तीन दिनों से आगमन की शुरूआत हुई.
जिले के नल दमयंती जलाशय, भिवापुर तालाब, छत्री तालाब, वडाली, वरूड बागाजी सागर, वर्धा नदी, कृष्णासागर आदि जलाशयों पर ठंड पडते ही विदेशी पक्षियों के आगमन की शुरूआत होती है. इस साल ठंड देरी से पडने पर उनका आगमन भी देरी से हुआ है. यह सभी विदेशी मेहमान 5 महिने तक जिले के जलाशयों पर रहेंगे. उसके बाद मार्च महीने में वापस चले जायेंगे. जलाशयों पर विदेशी पक्षियों के आगमन से पक्षी प्रेमियों में उत्साह का वातावरण दिखाई दे रहा है.
* मौसम के बदलाव की वजह से विदेशी पक्षियों का स्थलांतरण
जिले के विविध जलाशयों पर विदेशी पक्षियों का ठंड के महीने में आगमन होता है. मौसम के बदलाव की वजह से जहां वे रहते है. वहां ठंड का प्रमाण अधिक बढने से उन्हें असुविधा होती है. जिसके चलते वे जिले के जिलाशयों की ओर चले आते है. पिछले तीन दिनों से जिले के जलाशयों पर विदेशी पक्षियों के दर्शन हो रहे है.
नीलेश कंचनपुरे, पक्षी मित्र