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कांग्रेस की भारत जोडो यात्रा में विदर्भ शामिल नहीं

7 सितंबर को होगा कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा का प्रारंभ

* उपराजधानी नागपुर की भी यात्रा में अनदेखी
अमरावती/दि.26- पार्टी में नवचैतन्य लाने तथा पार्टी की नीतियों को जनसामान्यों तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा भारत जोडो यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. जो आगामी 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होगी और देश के विभिन्न राज्यों व शहरों से होते हुए कश्मीर तक पहुचेंगी. किंतु इस यात्रा में उपराजधानी नागपुर सहित विदर्भ के किसी भी शहर को नहीं जोडा गया है. ऐसे में नागपुर सहित विदर्भ क्षेत्र के कांग्रेसियोें में पार्टी द्वारा की गई अपनी अनदेखी को लेकर आश्चर्य जताया जा रहा है.
बता दें कि, कांग्रेस पार्टी द्वारा निकाली जानेवाली भारत जोडो यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी और करीब साढे तीन हजार किमी की दूरी तय करेगी. यह यात्रा करीब 150 दिन चलेगी. जिसमें केवल राजनीति ही नहीं, बल्कि अलग-अलग घटकों को शामिल करने का प्रयास पार्टी द्वारा किया जा रहा है, लेकिन आश्चर्य का विषय है कि, कन्याकुमारी से शुरू होनेवाली इस यात्रा में नागपुर के साथ ही कई प्रमुख शहरों तथा रास्तों में पडनेवाले राज्यों की राजधानियों को भी शामिल नहीं किया गया है. जबकि उल्लेखनीय है कि, विदर्भ क्षेत्र ने हमेशा ही कांग्रेस को नवसंजीवनी देने का काम किया है. भले ही किसी अन्य प्रांत में कांग्रेस को सफलता नहीं मिली है, लेकिन पार्टी को विदर्भ में हमेशा सफलता मिलती रही. हालांकि विगत कुछ चुनावों से पार्टी का यह मजबूत किला धीरे-धीरे ढह गया और एक समय तक पार्टी का एकाधिकार रहनेवाली लोकसभा व विधानसभा सीटों में से अब कोई भी सीट कांग्रेस के लिए सुरक्षित नहीं है. ऐसे में पार्टी द्वारा विदर्भ क्षेत्र की ओर विशेष तौर पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है. लेकिन इसके बावजूद भारत जोडो यात्रा जैसे अभियान से विदर्भ को अलग रखा गया है.
बता दें कि, कन्याकुमारी से शुरू होने के बाद यह यात्रा नांदेड होते हुए महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी तथा जलगांव जामोद होते हुए मध्यप्रदेश के इंदौर की ओर आगे बढेगी. इस यात्रा में कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष रूप से शामिल हो सकेगा और यदि प्रत्यक्ष सहभागी होना संभव नहीं है, तो सोशल मीडिया के जरिये सहभागी होने की व्यवस्था कांग्रेस द्वारा की गई है. लेकिन हैरत इस बात को लेकर जताई जा रही है कि, इस यात्रा में अधिक से अधिक शहरों का समावेश क्यों नहीं किया गया और महत्वपूर्ण शहरों के साथ-साथ राज्यों की राजधानी रहनेवाले शहरों की अनदेखी क्यों की गई.

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