नागपुर/दि.1– लगातार चर्चा में रहनेवाले सिंचन अनुशेष प्रकरण में बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव डॉ. नितिन करीर ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में शपथपत्र दाखिल कर विदर्भ का शेष सिंचन अनुशेष जून 2026 तक पूर्ण करने की बात कही है.
विदर्भ के अमरावती, अकोला, वाशिम, बुलढाणा, वर्धा, चंद्रपुर और यवतमाल जिले में सिंचन अनुशेष था. इसमें से वर्धा, चंद्रपुर और यवतमाल जिले का अनुशेष 2011 में ही पूरा किया गया. अब सरकार अमरावती, अकोला, वाशिम और बुलढाणा जिले का सिंचन अनुशेष पूरा करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है. इसके लिए इस जिले के 102 सिंचन प्रकल्प तत्काल पूर्ण करने का लक्ष्य 2012 में निर्धारित किया गया था. अब तक इसमें से 70 प्रकल्प पूर्ण किए गए हैं. 22 प्रकल्प अंशत: पूर्ण हुए हैं. दो प्रकल्प जलसंवर्धन विभाग को हस्तांतरित किए गए है. शेष प्रकल्प भी तत्काल पूर्ण कर अमरावती और वाशिम का जून 2024 तक अकोला का जून 2025 तक और बुलढाणा का जून 2026 तक सिंचन अनुशेष पूर्ण किया जाएगा. जून 2023 तक इन चार जिलों में 73 हजार 10 हेक्टेयर का सिंचन अनुशेष था, ऐसा सरकार ने शपथपत्र में कहा है.
* 46 प्रकल्प पूर्ण, 59 प्रगतिपथ पर
ताडोबा, पेंच, मेलघाट, नवेगांव-नागझीरा और कर्हांडला वनक्षेत्र के कारण बाधित 131 में से 46 प्रकल्प पूर्ण हुए हैं. इसमें टाईप-1 श्रेणी के 45 में से 22, टाईप-2 श्रेणी के 33 में से 8 और टाईप-3 श्रेणी के 53 में से 16 प्रकल्पों का समावेश है. 59 प्रकल्पों का काम प्रगतिपथ पर है. इसमें टाईप-1 श्रेणी के 23, टाईप-2 श्रेणी के 19 तथा टाईप-3 श्रेणी के 17 प्रकल्पों का समावेश है. इन सभी प्रकल्पों की कुल सिंचन क्षमता 10 लाख 98 हजार 411 हेक्टेयर है. अब तक 4 लाख 22 हजार 755 हेक्टेयर की सिंचन क्षमता निर्माण की गई है. इस ओर सरकार ने न्यायालय का ध्यान केंद्रीत किया.
* वनक्षेत्र बाधित 16 सिंचन प्रकल्प रद्द
विदर्भ के वनक्षेत्र बाधित 131 में से 16 सिंचन प्रकल्प रद्द किए गए हैं. वन मंजूरी के अभाव में 10 प्रकल्पों का काम अब तक शुरु नहीं हुआ है. रद्द हुए प्रकल्पों में गोंदिया जिले के सातबहिणी, बंदरचूहा, उपासिया, नवाटोला, पालंदुर जमीनदारी, पिंडकेपार, वंजारी नाला, सुंदरी, मूरडोली, भंडारा जिले के सालेहेटी, सोनकुंड, सावरगांव पाघोरा, चंद्रपुर जिले के भाडगानाला, बल्लारपुर तथा नागपुर जिले के सागरा व रानबोडी प्रकल्प का समावेश है. चंद्रपुुर जिले के हुमन ओर गढचिरोली जिले के डुमीनाला, कारवाफा, पिपरीरीट, पुलखल, दुरकांगुदरा, चेन्ना, देवलमारी, चिचघाट व सालइमोकासा प्रकल्पों का काम अभी शुरु हुआ है, ऐसी जानकारी सरकार ने न्यायालय को दी.
* प्रतीज्ञापत्र रिकॉर्ड पर लिया गया
विदर्भ के ठप पडे सिंचन प्रकल्प तत्काल पूर्ण होने के लिए लोकनायक बापूजी अणे स्मारक समिति ने जनहित याचिका दायर की है. इस पर न्यायमूर्ति नितिन सामरे व अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई. पश्चात न्यायालय ने सरकार का प्रतीज्ञापत्र रिकॉर्ड पर लिया. साथ ही याचिकाकर्ता को इस पर जवाब प्रस्तुत करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया. याचिकाकर्ता की तरफ से एड. अविनाश काले, सरकार की तरफ से एड. दीपक ठाकरे तथा सिंचन महामंडल की तरफ से एड. जेमीनी कासट ने काम संभाला.