* पार्टी से एकजुट भी उपयोगी
तिवसा/दि.5– तिवसा निर्वाचन क्षेत्र गत तीन चुनाव से कांग्रेस के कब्जे में है. विधायक यशोमति ठाकुर का गृह क्षेत्र होने से इस विधानसभा में भी वानखडे को मिलनेवाले वोटो पर सभी की नजरे थी. यशोमति ठाकुर ने ऐसी रणनीति बनाई की भाजपा के धुरंधर कुछ न कर सके. बलवंत वानखडे को यहां करीब 11 हजार वोटो की लीड मिली. मजे की बात यह है कि, तिवसा में कांग्रेस प्रत्याशी को पिछली बार से 9 हजार अधिक वोट मिलने से बलवंत वानखडे अपने प्रतिस्पर्धी की तुलना में 11 हजार की लीड हासिल करने में सफल रहे.
बता दे कि, कांग्रेस की प्रमुख नेता यशोमति ठाकुर ने ही आघाडी में उद्धव ठाकरे से अमरावती सीट कांग्रेस के लिए मांगी थी. इसके लिए वे पार्टी का शिष्टमंडल लेकर मातोश्री भी गई थी. शिष्टमंडल में अमरावती के स्थानीय लीडरान को यशोमति ने साथ लिया था. अमरावती पंजे के लिए छूटने का यशोमति को पहले दिन से विश्वास था. अत: उन्होंने सबसे पहले अपने परंपरागत निर्वाचन क्षेत्र में ही पार्टी प्रत्याशी की लीड सुनिश्चित की थी. इसके लिए अपने सभी कार्यकर्ताओं को उन्होंने काम पर लगाया था.
यशोमति की तिवसा नगर पंचायत और मंडी समिति सहित सहकार संस्थाओं पर भी पकड कायम है. जिसके कारण वे बलवंत वानखडे को यहां से अच्छी लीड दिलाने में सफल रही. बता दे कि, पिछले 2019 के चुनाव में भी कांग्रेस के उम्मीदवार को यहां मात्र 1800 वोटो की बढत मिली थी. जिससे साफ है कि, इस बार 11 हजार की बढत यशोमति द्वारा चुनाव पूरा अपने जिम्मे लेने से संभव हुई है.
भाजपा के पास तिवसा में नेताओं की कमी नहीं है. बल्कि भाजपा की जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी (दिघडे) यहां की है. उन्होंने स्वयं विधानसभा चुनाव लडा है. इसके अलावा राजेश वानखडे, साहेबराव तट्टे और अन्य नाम लिए जा सकते हैं. किंतु यशोमति के वोट बैंक में सेंध लगाने में भाजपाई नाकाम रहे. इतना जरुर है कि, शिवसेना उबाठा के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने आघाडी उम्मीदवार वानखडे का साथ दिया जो चुनाव परिणामों में झलक रहा है.
* कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशी को प्राप्त वोट
नवनीत राणा – 74683
बलवंत वानखडे – 85259