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हर्षोल्लास के साथ मना वैसाखी पर्व व खालसा साजना दिवस

सैंकडों की संगत ने लिया गुरू लंगर का लाभ

* रागी जत्थे के शबद कीर्तन से निहाल हुई संगत
* गुरूद्वारा श्री गुरूसिंह सभा में हुई अखंड पाठ साहिब की समाप्ती
अमरावती/दि.15– स्थानीय बुटी प्लॉट परिसर स्थित गुरूद्वारा श्री गुरूसिंह सभा में दो दिन चले वैसाखी पर्व के तीसरे दिन खालसा साजना दिवस मनाया गया और सिख समाज बंधुओं सहित पंजाबी व सिंधी समाज बंधुओं ने साथ मिलकर शबद-किर्तन की संगत में हिस्सा लिया. साथ ही सैंकडों की संगत ने पूरी श्रध्दा के साथ गुरू लंगर का लाभ लिया.
बता दें कि, बुटी प्लॉट परिसर स्थित गुरूद्वारा श्री गुरूसिंह सभा में वैसाखी के पर्व पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों तथा शबद-कीर्तन का आयोजन किया गया. जिसके तहत यहां पर 12 अप्रैल से श्री अखंड पाठ साहिब चल रहा था. साथ ही इंदौर से आये रागी जत्थों द्वारा रोजाना शबद-कीर्तन भी प्रस्तुत किये जा रहे थे. जिनसे साथ-संगत निहाल हो रही थी. वहीं कल गुरूवार 14 अप्रैल की सुबह 8 बजे श्री सुखमणि साहेब जी का पाठ करते हुए सुबह 9.15 बजे श्री अखंडपाठ साहेब जी की समाप्ती की गई, जिसके उपरांत ‘गुरू दा नाश्ता’ वितरित किया गया. इसके उपरांत पश्चात सुबह 10 से 11 बजे तक हुजुरी जत्थे के भाई भुपिंदरसिंह जी तथा सुबह 11 से 12.30 बजे तक भाई लवजीतसिंह (बाबा बकाला साहबवाले) द्वारा कीर्तन किया. पश्चात अरदास के साथ ही उपस्थित संगत को वैसाखी पर्व व खालसा साजना दिवस की शुभकामनाएं दी गई. इस अवसर पर श्री गुरूद्वारा गुरूसिंह सभा के पूर्व अध्यक्ष व ख्यातनाम सामाजिक कार्यकर्ता रविंदरसिंह उर्फ बिट्टू सलुजा का उपस्थित गणमान्यों के हाथों भावपूर्ण सत्कार भी किया गया. साथ ही राकेशसिंह पोपली को जन्मदिवस के अवसर पर उपस्थितों द्वारा शुभकामनाएं दी गई. जिसके उपरांत ‘गुरू दा लंगर’ का वितरण हुआ, जिसका सैंकडों की संगत ने लाभ लिया.
विशेष उल्लेखनीय है कि, दशम गुरू श्री गुरू गोविंदसिंह जी ने सन 1699 में वैसाखी पर्ववाले दिन ही अपने पांच शिष्यों (पंज प्यारो) को अमृतपान कराया था और खुद भी पंज प्यारों के हाथों से अमृतपान करते हुए खालसा पंथ की स्थापना की थी. तब से वैसाखी पर्व पर खालसा साजना दिवस मनाया जाता है. इसी दिन से गुरू के अटूट लंगर की सेवा शुरू हुई थी. जो आज भी सभी गुरूद्वारों में बदस्तूर जारी है. इसी परंपरा का स्थानीय गुरूद्वारा श्री गुरूसिंह सभा में भी पालन किया जा रहा है. जहां पर अटूट लंगर की सेवा लगातार जारी है. जिसके तहत कोविड संक्रमण व लॉकडाउन काल के दौरान गुरूद्वारा श्री गुरूसिंह सभा द्वारा रोजाना दो से ढाई हजार लोगोें ने लंगर सेवा का लाभ लिया.
विगत 12 से 14 अप्रैल तक चले वैसाखी पर्व में गुरूद्वारा श्री गुरूसिंह सभा के अध्यक्ष गुरूविंदरसिंह बेदी सहित राजेंद्रसिंह सलुजा, डॉ. निक्कू खालसा, रविंदरसिंह सलुजा, सतपालसिंह बग्गा, नरेंद्रपालसिंह अरोरा, जगविंदरसिंह सलुजा, हेमेंदरसिंह पोपली, हरविंदरसिंह राजपुत, रतनदीपसिंह बग्गा व अजींदरसिंह मोंगा, सूरजीतकौर सलुजा, रम्मीकौर बेदी, शानीकौर पोपली, अनिताकौर उबोवेजा, रेनीकौर अरोरा, स्वर्णकौर अरोरा, काजलकौर जग्गी, स्वीटी सलुजा, वरिंदरकौर बग्गा, साहनीकौर सलुजा, सनमीतकौर बग्गा, जगनदीपकौर खालसा, निम्मी अरोरा, लाडो सलुजा, प्रियंका छाबडा, विमलाकौर बग्गा, सारिका छाबडा, पुष्पाकौर बग्गा, सुप्रित सलुजा सहित बडी संख्या में सिख, सिंधी एवं पंजाबी समाजबंधुओं की संगत उपस्थित थी.

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