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हर महीने डेढ टन पाम तेल खा रहे हम

आवक 10 प्रतिशत घटी

* अन्य तेलों के दाम बढने का एक कारण यह भी
अमरावती/दि. 2 – खाद्य तेलों के आयात शुल्क में तीन माह पहले की गई बढोत्तरी के कारण तेलों के दाम लगभग 20 फीसद बढ गए थे. अब बताया गया कि, पाम तेल की आवक 10 प्रतिशत कम हो गई है. उसी प्रकार डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर होने से खाद्य तेल के रेट बढे है. अखिल भारतीय खाद्य तेल संगठन के सचिव और होलसेल व्यापारी तरुण जैन ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि, महाराष्ट्र में प्रति माह 2.5 लाख टन खाद्य तेल की विक्री होती है. जिसमें 60 प्रतिशत अर्थात 1.25 लाख टन पाम तेल की खपत है.
उन्होंने संगठन के जुटाए आंकडे शेयर किए. जिसके अनुसार देश में 250 लाख टन खाद्य तेल का उपयोग होता है. जिसमें से आधे से अधिक तेल आयातीत है. स्थानीय मार्केट में सोयाबीन, पाम तेल मलेशिया, अर्जेंटिना, इंडोनेशिया, यूक्रेन, रशिया से आयात होता है. जबकि देश से प्रति वर्ष 10 से 15 हजार मेट्रीक टन फल्ली तेल निर्यात किया जाता है. पिछले वर्ष खाद्य तेल में आयात शुल्क बढाए जाने से फल्ली तेल को छोडकर अन्य सभी प्रकार के तेलो में तेजी आ गई थी.

* तेल के फुटकर रेट (लीटर में)
तिल्ली – 350
फल्ली – 180
सोयाबीन – 140
सूरजमुखी – 180
राईस ब्रान – 190
पाम तेल – 150

* थोक मार्केट में प्रति लीटर
तिल्ली – 340
फल्ली – 170
सोयाबीन – 130
सूरजमुखी – 170
राईस ब्रान – 180
पाम तेल – 140

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