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आंबेडकर की मृत्यु के लिए कौन जवाबदार

सांसद बोंडे का राज्यसभा में सवाल

* राष्ट्रपति धन्यवाद प्रस्ताव पर 17 मिनट बोले
अमरावती/ दि. 5- बीजेपी जिलाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य डॉ. अनिल बोंडे ने मंगलवार को संविधान रचयिता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की मृत्यु के बारे में बडा दावा किया. राष्ट्रपति के अभिभाषण हेतु संसद में रखे गये धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा में सहभागी होते हुए डॉ. बोंडे ने कांग्रेस को टारगेट किया. उन्होंने संबोधन में डमी बापू, लिब्रांडू जैसे शब्दों का उल्लेख किया. जिससे सदन में बहस बढ गई थी.
डॉ. बोंडे ने मंगलवार को सदन में 17 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यो की जी भरकर प्रशंसा की. उन्होंने महाराष्ट्र के विकास सहित दिल्ली राजधानी होने के बावजूद वहां असुविधा का उल्लेख कर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को भी निशाने पर लिया. डॉ. बोंडे ने धनंजय कीर की पुस्तक का संदर्भ देकर बाबासाहब आंबेडकर के चुनाव का उल्लेख किया. उन्होंने दावा किया कि पुस्तक में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नेहरू के रहते चुनाव आयोग ने आंबेडकर के 78 हजार वोट अवैध ठहराए थे. नेहरू दो बार डॉ. आंबेडकर के विरोध में प्रचार हेतु गये थे. जयप्रकाश नारायण जेपी ने भी संशय व्यक्त किया था. आंबेडकर को केवल प्रचार कर नहीं हराया बल्कि उनके 78 हजार वोट इनवेलिड कर उन्हें पराजित किया गया. दोबारा चुनावी हार से डॉ. आंबेडकर बीमार पड गये थे. उन्हें मधुमेह हो गया था. भंडारा के उप चुनाव में भी कांग्रेस ने आंबेडकर को परास्त किया था. वहां भी प्रधानमंत्री आंबेडकर विरोधी का प्रचार करने गये थे. जबकि संघ के दत्तोपंत ठेंगडी ने बाबासाहब का प्रचार किया. 1954 की चुनावी हार से आंबेडकर को बडा धक्का लगा. इस आघात के बाद 1956 में बाबासाहब यह जग छोडकर चले गये. डॉ. बोंडे ने कहा कि इन दो चुनावी पराजय से ही उनकी मृत्यु हुई. आंबेडकर की हार कांग्रेस ने जानबूझकर करवाई थी. बीजेपी नेता ने सदन में कहा कि जो महाराष्ट्र में कहा जा रहा है वही वे कह रहे हैं.
डॉ. बोंडे के शब्दों से विपक्ष बडा आहत हुआ. विपक्ष सदस्यों ने लिब्रांडू शब्द पर आक्षेप किया. यह शब्द कामकाज से निकाल देने की मांग की. डॉ. बोंडे ने कहना शुरू किया कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही बहुत सारे लिब्रांडू …. उनके ऐसा कहते ही विपक्षी मेजों से उनका विरोध किया गया.

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