* बारामती में फैमिली फाइट के बीच दिखा अजीब दृश्य
* बुर्जुगों ने निभाई वफादारी, युवाओं में दादा का क्रेज
* एक ही बूथ पर युगेंद्र और अजित पवार ने डाला वोट
* सात बार जीत हासिल कर चुके हैं अजित दादा पवार
* बारामती में युगेंद्र पवार और अजित पवार में लड़ाई.
मुंबई /दि.21– बारामती में बुधवार को जब विधानसभा चुनावों के लिए वोट डाले गए तो यह इस बार कुछ ऐसा हुआ. जैसा अभी तक नहीं हुआ. अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के चुनाव चिन्ह घड़ी बनाम तुरही के साथ मतदान केंद्रों पर भतीजे बनाम पोते का मुकाबला रहा. अतीत बनाम भविष्य के बीच मुकाबले के बीच मतदाता बंटे हुए दिखे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख अजीत पवार ने अपनी पत्नी और राज्यसभा सदस्य सुनेत्रा पवार के साथ सुबह 7 बजे अपना वोट डाला. एक घंटे बाद एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार युगेंद्र पवार अपने परिवार के साथ उसी बूथ पर पहुंचे.
* बारामती में दिखा बंटवारा
शरद पवार और उनकी पत्नी प्रतिभा पवार ने कहीं और अपना वोट डाला. बारामती के घरों, चाय की दुकानों और चहल-पहल वाले चौकों पर राजनीतिक उत्साह ने रोजमर्रा की जिंदगी की हलचल को पीछे छोड़ दिया. बुजुर्गों ने साहेब की मूल विरासत के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की. लेकिन युवा मतदाता अजीत पवार की परिवर्तनकारी परियोजनाओं के साथ जुड़े. 72 वर्षीय एक ग्रामीण ने आह भरते हुए कहा कि वे दोनों हमारे हैं. जो भी हारेगा, हम सभी को दुख होगा. इस बार मुकाबला कड़ा होने का हवाला देते हुए एक अन्य निवासी सुनील डांगे ने कहा कि अजीत ने दशकों में पहली बार कई बूथों का दौरा किया.
* एक बूथ पर सामने आया विवाद
पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की और मतदान के दिन उनके साथ सेल्फी ली. युगेंद्र दोपहर 3 बजे तक ग्रामीण मतदान केंद्रों का दौरा करते रहे. दोपहर 1 बजे स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण हो गई जब एनसीपी (एसपी) कार्यकर्ताओं ने युगेंद्र की मां शर्मिला पवार के साथ मिलकर दावा किया कि एनसीपी कार्यकर्ता मतदाता पर्ची पर ’घड़ी’ का चिह्न लगाकर मतदान केंद्र पर लोगों को प्रभावित कर रहे थे. शर्मिला के एक करीबी सहयोगी ने कहा कि हमने शिकायत दर्ज कराई है और सीसीटीवी फुटेज का अनुरोध किया है. अजीत पवार ने आरोप को खारिज कर दिया. शाम 5 बजे तक बारामती में 62.3 फीसदी मतदान हुआ. 2019 के चुनावों में मतदान 68.7 प्रतिशत वोट पड़े थे.