अन्यविदर्भ

हमारी तरफ कोई ध्यान देगा क्या?

सिनियर सिटीजनों का राज्य शासन से सवाल

नागपुर/दि.30– रिश्तेदार, परिजनों के अत्याचार से त्रस्त हुए वरिष्ठ नागरिकों पर शासन और प्रशासन ने भी अन्याय किया है. राज्य में वरिष्ठ नागरिक नीति आने को कुछ वर्ष हुए है, लेकिन अब तक इस पर कडाई से अमल हुआ नहीं है. इस पृष्ठभूमि पर हमारी तरफ कोई ध्यान देगा क्या? ऐसा सवाल वरिष्ठ नागरिकों ने उपस्थित किया है.
वरिष्ठों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने 2013 में सर्वसमावेशक वरिष्ठ नागरिक नीति तैयार की. लेकिन वह कागज पर ही रही. राजनेताओं ने उसे गंभीरता से लिया होता और तत्काल इस पर अमल हुआ होता तो निश्चित रुप से वरिष्ठों का जीवन सुधरा रहता, ऐसा वरिष्ठों का कहना है. केवल ग्रामीण इलाकों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी असंख्य नागरिक वर्तमान में दयनीय जीवन बीता रहे हैं. सेवानिवृत्त पेंशनधारकों की भी स्थिति काफी खराब है. नीति पर अमल करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों की संगठना लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन अभी भी राजनीतिक खीचतान में जुटे शासन ने वरिष्ठ नागरिकों के प्रश्न की तरफ नहीं देखा है. यह दुर्भाग्य ही कहना पडेगा, ऐसी वरिष्ठों की भावना है.

* क्या है नीति?
वरिष्ठों को वृद्धावस्था के समय विविध सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य, निवास व सुरक्षा विषयक समस्याओं का सामना करना पडता है. इस निमित्त वरिष्ठों को सहायता दिलवाने के लिए राज्य सरकार ने वरिष्ठ नागरिक नीति तैयार की. इसमें प्रमुख रुप से वरिष्ठों का आर्थिक, मानसिक व शारीरिक शोषण रोकना, खुद के पैरों पर खडे रहने के लिए उन्हें व्यवसायिक प्रशिक्षण देना, इसके लिए समुपदेशन केंद्र की स्थापना करना, वृद्धाश्रम निर्माण के लिए जगह उपलब्ध कर देना समेत अनेक बातों का समावेश है.

* यह है प्रमुख मांगे
– मनपा व्दारा टैक्स में सुविधा दी जाए.
– मनपा के दवाखाने में वरिष्ठों के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए.
– वरिष्ठों के लिए बैंकों में स्वतंत्र कक्ष स्थापित हो.
– श्रावणबाल वार्धक्य निवृत्ति वेतन में 1 हजार तक बढोतरी करें.
– वृद्धों के लिए समुपदेशन केंद्र की स्थापना करें.
– राजीव गांधी जीवनदायी योजना में समावेश करें.
– वरिष्ठों के लिए स्वतंत्र विभाग, आयुक्त व मंत्री रहे.

Related Articles

Back to top button