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 युवक ने किया तृतीयपंथी से विवाह

परिवार की सहमति से स्पेशल मैरेज एक्ट के मुताबिक संपन्न हुआ यह समारोह

अमरावती/दि.22– प्यार में जाति-धर्म नहीं देखा जाता ऐसा हम हमेशा कहते है. लेकिन अब प्यार में लिंगभेद भी नहीं देखा जाता. इसका परिचय देनेवाला एक प्रेमविवाह अमरावती में शुक्रवार 19 अप्रैल को संपन्न हुआ. एक युवक ने तृतीयपंथी से प्रेमविवाह किया है. विशेष यानि इस विवाह को दोनों परिवार के सदस्यो ने सहमति दी. इस कारण इस अफलातून प्रेमविवाह की जिले में जोरदार चर्चा हो रही है. स्पेशल मैरेज एक्ट के मुताबिक इन दोनों का विवाह समारोह संपन्न हुआ.

तृतीयपंथी कहा कि, आज भी उनकी तरफ देखने का समाज का दृष्टिकोण नकारात्मक ही है. लेकिन प्यार के सामने सबकुछ एकजैसा है. इसका उदाहरण अनेक बार देखने मिलता है. अमरावती के उत्तमनगर परिसर के निक्कू नामक तृतीयपंथी की बडनेरा रोड पर गोंडबाबा मंदिर में चेतन नासरे नामक युवक से मुलाकात हुई थी. बार-बार मुलाकात के कारण दोनों में प्रेमसंबंध स्थापित हुए और उन्होंने विवाह करने का निर्णय लिया. ढाई साल तक प्रेमसंबंध रहने के बाद चेतन और निक्कू ने विवाह करने का निर्णय लिया. बेटे की इच्छा के मुताबिक माता-पिता ने भी इस विवाह को अनुमति दी और परिवार के सदस्यो की उपस्थिति में अमरावती में यह विवाह समारोह संपन्न हुआ.

* प्यार में इंसानियत को महत्व
जाति-धर्म के बंधन तोडकर अनेक विवाह समारोह अब तक देखे है. लेकिन अब लिंगभेद छोडकर हुआ विवाह समारोह पहली बार अमरावती में देखा गया है. प्यार में जाति-धर्म और लिंगभेद से ज्यादा इंसानियत महत्वपूर्ण है. समाज में तृतीयपंथी के पक्ष में बदलाव होता दिखाई देने से सामाजिक कार्यकर्ता रजिया सुलतान ने समाधान व्यक्त किया है.

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