जीवन में माता-पिता का घर आपके लिए हमेशा ही खुला रहता है
प. पू. आचार्य बलराम महाराज का प्रतिपादन
* भक्तिधाम में पोपट परिवार द्बारा श्रीमद भागवत कथा का आयोजन
अमरावती/दि.13– जीवन में माता-पिता का घर आपके लिए हमेशा ही खुला रहता है. यहां आने के लिए किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती. लेकिन परिवार मे किसी प्रकार का विरोध नहीं होना चाहिए. उसी प्रकार भगवान भी ऐसे ही घर में प्रवेश करते है. जहां उन्हें आगमन हेतु किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं होती, ऐसा प्रतिपादन प. पू. आचार्य बलराम महाराज ने व्यक्त किया. वे स्थानीय बडनेरा मार्ग पर स्थित भक्तिधाम में सोमवार से दिलीपभाई पोपट व समस्त पोपट परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद भागवत महापुराण सप्ताह के तीसरे दिन कथा श्रवण करवा रहे थे.
भक्तिधाम में तीसरे दिन की कथा श्रवण करवाते हुए आचार्य बलराम महाराज ने भोले बाबा व सती के पावन चरित्र की कथा का वर्णन किया. किस प्रकार माता सती ने भोलेनाथ ही आराधना कर उन्हें प्राप्त किया. लेकिन पिता द्बारा यज्ञ में न बुलाकर जिस प्रकार भोलेनाथ का अपमान किया गया. उसे वह सह नहीं पायी. जिसके कारण उन्होंने अपनी देह को त्याग दिया. इन सभी प्रसंगों का वर्णन करते हुए बलराम महाराज ने कहा कि हमें हमेशा ही किसी के जीवन में ताकझाक करने से पूर्व उनकी अनुमति लेनी चाहिए. जब हम बिना किसी अनुमति के दूसरेों के जीवन में ताक झाक करते है तो उसका खामियाजा हमें ही भुगतना पडता है. मानसिक एवं शारीरिक पीडा सहनी पडती है. इसीलिए जब माता सती अपने पिता के घर बिना बुलाए पहुंंची तो जो परिस्थिति देखी तो उन्हें आगे कुआं पीछे खाई जैसा प्रतीत हो रहा था. कथास्थल पर बलराम महाराज ने विविध भजनों के माध्यम से भोलेनाथ और माता सती की भावनाओं को व्यक्त करते हुए तीसरे दिन की कथा को विराम दिया.
कथास्थल पर दिलीपभाई पोपट, हंसाबेन पोपट, चंद्रकांत पोपट, विनाबेन पोपट, नरेशभाई पोपट, गीताबेन पोपट, नीलेशभाई पोपट, कविताबेन पोपट, प्रियंश पोपट, राधाबेन पोपट, तेजस पोपट, अदिती पोपट, जयंतीभाई पोपट, शिवलालभाई पोपट, जयेंद्रकुमार तन्ना, अलका तन्ना, सुरेशभाई राजा, हसमुखभाई कारिया, नितिनभाई गणात्रा, किशोरभाई भिंडा, किरीटभाई गडिया, नितिनभाई आडतिया, किशोरभाई उन्नडकाट, वीरेंद्रभाई उन्नडकाट, विनोद नागरेचा, दिलीपभाई परमार, रमनीक भाई उन्नडकाट, इंद्राबेन आडतिया, अनुबेन गणात्रा, मंजूबेन नंदियानी, खुशीबेन नंदियानी, रियाबेन नंदियानी, सोनलबेन मिरानी, डॉ. नंदकिशोर लोहाणा, गीताबेन लोहाणा आदि उपस्थित थे.