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युवक लॉरेंस बिश्नोई से हो रहे प्रभावित

सोशल मीडिया पर रील्स देखकर बन रहे अपराधी

मुंबई/दि.14– बाबा सिद्दिकी हत्याकांड की जांच में पुलिस को पता चला है कि युवा पीढी लॉरेंस बिश्नोई की सोशल मीडिया पर रील्स देखकर उनसे प्रभावित हो रही है. रील्स में लॉरेंस और उसके गुर्गो के हावभाव देखकर युवक अपराध की ओर खींचे चले जा रहे है. बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल आरोपी भी इसी लालच में अपराध में शामिल हो गये. इन आरोपियो की उम्र 20 से 23 वर्ष के बीच है. हालांकि मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच ने सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग के बाद सोशल मीडिया फ्लैटफार्म से बिश्नोई के 100 से ज्यादा वीडियों डिलीट करवा दिए थे. लेकिन रील्स अपलोड करने का लॉरेंस गैंग का यह सिलसिला थमा नहीं है.

क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के मुताबिक ऐसे युवाओं पर बिश्नोई गैंग के गुर्गो की नजर रहती है. वे सामने से युवकों से संपर्क करते हैं और उनका ब्रैनवॉश कर अपराधों में उनका इस्तेमाल करते है. बिश्नोई गैंग युवाओं को तब तक ही पैसा देता है. जब तक वो अपराध को अंजाम नहीं दे देेते. सलमान के घर के बाहर फायरिंग करनेवाले शूटर विक्की गुप्ता, सागर पाल और बाबा सिद्दीकी की हत्या करने के बाद तीनों शूटरों को पैसा नहीं मिला. इसकी पुष्टि इन अपराधियों ने पूछताछ में की है.

* ऐसे युवाओं को कॉन्सिलिंग की जरूरत
युवा वर्ग अपराध से जुडे रोमांच की ओर आकर्षित होते है. इन युवाओं पर अभिभावकों को बहुत ज्यादा ध्यान देने और जल्द से जल्द उनकी काउंसिलिंग करने की जरूरत होती है.
सागर मूंदडा मनोचिकित्सक

* कम उम्र के युवाओं का अपराध की ओर झुकाव
कम उम्र के जिन युवाओं का अपराध की ओर झुकाव हो रहा है. उसकी वजह सोशल मीडिया पर गैंगस्टर के रील्स और पैसे की चाहत तो है ही . लेकिन एक बडी वजह यह भी है कि उस युवा का दिमाग भी उसी तरह का हो चुका होता है.
पी.के. जैन, पूर्व आयपीएस अधिकारी

* सोशल मीडिया पर गलत लोगों को बनाया जा रहा है हीरों
भारत में एक ऑनलाइन कंटेंट रेगुलेटर होना जरूरी है. हमारा मौजूदा कानून निवारण का काम नहीं कर रहा. सोशल मीडिया पर गलत लोगों को हीरो बनाया जा रहा है. इसको लेकर सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है.
एड. प्रशांत माली,
साइबर एक्सपर्ट

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