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ट्रायल उड़ान के दौरान हेलीकाप्टर क्रैश होने से युवक की मौत

पुर्जा-पुर्जा जोड़कर घर पर ही बना डाला हेलिकॉप्टर

यवतमाल/दि.११-पुर्जा-पुर्जा जोड़ कर उसने घर में ही बना डाला हेलिकॉप्टर. लेकिन जब ट्रायल (Helicopter Trial) का आया अवसर, तो ऊपर से फैन टूट कर गिरा और सर पर चोट लगी. इस तरह हेलिकॉप्टर बनाने वाले युवक की दर्दनाक मौत हो गई. महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के महागाव तालुके (प्रखंड) के फुलसावंगी इलाके की यह घटना है. शेख इस्माइल उर्फ मुन्ना शेख उस युवक का नाम था. उम्र सिर्फ 25 साल थी. शिक्षा सिर्फ 8 वीं तक पूरी की थी. लेकिन ख़याल आसमान के थे, ख़्वाब उड़ान पे थे. सपना पूरा भी किया, खुद का हेलिकॉप्टर तैयार किया. नाम रखा मुन्ना हेलिकॉप्टर. लेकिन वो अपने सपने को सच होते नहीं देख सका.

हेलिकॉप्टर का ट्रायल शुरू था. आस-पास उसके दोस्त भी मौजूद थे. मुन्ना शेख़ ने हेलिकॉप्टर शुरू किया. हेलिकॉप्टर का पंखा तेजी से घुमने लगा. ऐसा लगा कि हेलिकॉप्टर उड़ने ही वाला है कि हेलिकॉप्टर के ऊपर का पंखा टूटकर केबिन में बैठे मुन्ना शेख़ के सर से टकराया. मुन्ना के सर पर गहरी चोट लगी थी. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. मुन्ना की जान नहीं बच सकी.

पेशे से वेल्डर, आठवीं पास मुन्ना शेख की प्रखर सोच और कल्पनाशीलता को देखकर लोगों को थ्री इडियट्स के रैंचो की याद आती थी. 25 साल की उम्र होती ही क्या है? इस उम्र में पढ़ा-लिखा युवा नौकरी की तलाश में होता है. अपना करियर बनाने की होड़ में खोया होता है. जबकि मुन्ना कुछ नया करने के जुनून में लगा था. उसने अपनी जुनून की हद को पा भी लिया था लेकिन तकदीर ने उसके नाम मौत लिखा था. मुन्ना शेख की मौत के साथ ही महाराष्ट्र ने एक बड़ी संभावना को खो दिया.

हौसले ने भरी थी उड़ान, तक़दीर ने सब किया तमाम

मुन्ना शेख के गांव के लोग बताते हैं कि ज्यादा पढ़ा-लिखा ना होने के बावजूद मुन्ना की सोच बहुत ऊंची थी. हाथों में हुनर बड़ा अनोखा था. पूरे गांव में लोग उसे रैंचो कह कर बुलाते थे. उसकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई थी. उसके बनाए हेलिकॉप्टर को देखने बैंगलोर से एक टीम आने वाली थी. यही वजह है कि मुन्ना ने एक दिन पहले ट्रायल की कोशिश की. लेकिन उसे यह कहां मालूम था कि यह ट्रायल उसकी जिंदगी ले लेगा. मुन्ना की मौत से फुलसावंगी गांव में मातम छाया हुआ है.

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