संत भारतीय संस्कृति के रक्षक : सचिन देव महाराज
संत अच्युत महाराज गुरुपूर्णिमा महोत्सव

अमरावती/दि.17-विदर्भ में संतों की परंपरा बहुत पुरानी है. वे सदैव भारतीय संस्कृति के रक्षक के रूप में कार्य करते हैं. संत अच्युत महाराज विदर्भ के ज्ञानेश्वर हैं और उन्होंने हृदय रोग अस्पताल जैसे सेवा कार्यों की स्थापना करके भक्तों को सेवा का संदेश दिया, ऐसा संत सचिन देव महाराज ने कहा. श्री संत अच्युत महाराज सत्संग मंडल द्वारा पुणे के बालेवाड़ी में लगातार दूसरे वर्ष रविवार, 13 जुलाई को श्री संत अच्युत महाराज गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया. वे इस अवसर पर बोल रहे थे.
महोत्सव का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और गुरुपूजन के साथ हुआ. इस अवसर पर अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सदस्य डॉ. सुरेश हावरे, उनकी पत्नी नलिनी हावरे, पिंपरी चिंचवड के पूर्व महापौर मुरलीधर ढगे, संत अच्युत महाराज जन्मभूमि संस्था के अध्यक्ष शिवदत्त शिंदे, संत अच्युत महाराज हार्ट हॉस्पिटल के संयुक्त सचिव रमेश सावरकर, ट्रस्टी शुभदा पोतदार, सुधीर जोशी, डॉ. मुरलीधर वाडेकर, संत अच्युत महाराज सत्संग मंडल नागपुर के दिनकर बेंडे, मुकुंद हुद्दार, संत अच्युत महाराज सत्संग मंडल चंद्रपुर के श्याम गडकरी, मदन देशपांडे, संत अच्युत महाराज सत्संग मंडल दर्यापुर के अध्यक्ष किरण मोकसदार, अमरावती विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य गिरीश शेरेकर प्रमुख रूप से उपस्थित थे. संत सचिन महाराज और सभी गणमान्य व्यक्तियों का क्रमशः दीप्ति और योगेश पोतदार, श्रद्धा और दीपक मालखेड़े, दत्तात्रय वाडेकर, अभिलाष बेंडे, अरुण पुराणिक, शालिनी असरकर, अमेय वडोदकर, मुकेश पैघन, यश खेर, रागिनी असरकर, ऐश्वर्या गिरिधर, अनिरुद्ध गडकरी ने अभिनंदन किया. गणमान्य व्यक्तियों ने महोत्सव के सफल आयोजन के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सहायक सलाहकार मनोज वाडेकर की सराहना की. यश खेर और उनके साथियों ने भजन प्रस्तुत किए. अर्चना देशपांडे प्रस्तावक, गौरांग असरकर संचालन और नीता पोखरनीकर ने उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया. महोत्सव का समापन आरती, पुष्पांजलि और राष्ट्रवंदना के साथ हुआ. बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे. संत अच्युत महाराज सत्संग मंडल पुणे के पदाधिकारियों और सदस्यों ने इसकी सफलता के लिए प्रयास किए.
* पंढरपुर भवन के लिए 11 लाख
सुरेश हावरे ने कहा, संत अच्युत महाराज और हावरे परिवार के बीच गहरा स्नेह था. गरीबों का कल्याण ही महाराज के कार्यों का उद्देश्य था. विज्ञान और अध्यात्म एक दूसरे के पूरक हैं। अध्यात्म पर शोध आवश्यक है. उन्होंने पंढरपुर स्थित संत अच्युत महाराज भवन के लिए 11 लाख रुपये के योगदान की घोषणा की.
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री का बधाई संदेश
राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल गुरु पूर्णिमा उत्सव में उपस्थित होने वाले थे. लेकीन अचानक उन्हें कार्यक्रम के लिए कोल्हापुर जाना था. उन्होंने तुरंत एक बधाई संदेश के माध्यम से अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं. उन्होंने कहा, संत अच्युत महाराज का कार्य अतुलनीय है. उनकी विरासत को संत सचिन देव महाराज आगे बढ़ा रहे हैं. पुणे के भक्तों द्वारा गुरुपूजा के लिए शुरू किया गया यह उत्सव अध्यात्म को और मजबूत करेगा.





