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पत्रकारिता के छात्र बांबू गार्डन पर बना रहे डॉक्यूमेंट्री

आईआईएमसी में 10 दिवसीय प्रसारण पत्रकारिता कार्यशाल

अमरावती /दि. 13– आईआईएमसी के छात्र जल्द ही मशहूर बांबू गार्डन पर एक टीवी डॉक्यूमेंट्री बनाकर प्रसारित करेंगे. बांस के विभिन्न प्रकार, वन संसाधन,औषधीय पौधे,कैक्टस उद्यान और जैव विविधता के विषय में जानकारी लेकर विद्यार्थियों ने शूटिंग कार्य पूरा किया है. इस अद्भूत गतिविधि की जानकारी पूरे देश में प्रसारित करने का मानस आईआईएमसी छात्रों ने किया हैं.

भारतीय जन संचार संस्थान का अमरावती पश्चिम क्षेत्रीय परिसर में ब्रॉडकास्ट पत्रकारिता’ विषय पर 5 से 16 फरवरी 2024 तक दस दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है. इस कार्यशाला में संस्थान के वरिष्ठ प्रसारण प्रशिक्षक रमेश चंद्रा (नई दिल्ली) मार्गदर्शन कर रहे हैं. कार्यशाला के अंतर्गत, छात्रों ने शनिवार 10 फरवरी को वडाली स्थित बांबू गार्डन का दौरा कर रमेश चंद्र के मार्गदर्शन में वीडियो शूटिंग की प्रक्रिया पूरी की।बांबू गार्डन के निर्माण एवं व्यवस्थापन संदर्भ में वनपाल प्रवीण चव्हाण आणि वनरक्षक कोमल शेंडे ने मार्गदर्शन किया. इस समय क्षेत्रीय निदेशक डॉ.राजेश सिंह कुशवाह, डॉ. विनोद निताले, डॉ. आशीष दुबे, चैतन्य कायंदे पाटिल उपस्थित थे.

कार्यशाला में छात्रों को टीवी के लिए समाचार लिखने की तकनीक, समाचार पत्र तैयार करने की प्रक्रिया, कैमरा संभालना, वृत्तचित्र निर्माण, विज्ञापन बनाने और प्रसारित करने की तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए संपादन प्रक्रिया को पूरा करने का व्यावहारिक ज्ञान और कौशल दिया जा रहा है. कार्यशाला में रमेश चंद्र ने विद्यार्थियों को प्रसारण पत्रकारिता के महत्व और तकनीक के बारे में शिक्षित कर रहे है. छात्रों को एक सफल टीवी पत्रकार के गुण, रिपोर्टिंग के प्रकार, न्यूज एंकर की भूमिका, कैमरा हैंडलिंग की तकनीक, कैमरा फेस करना और स्टूडियो में सॉफ्टवेयर की मदद से बेहतर टीवी कार्यक्रम तैयार की प्रविधि के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

कार्यशाला का समापन शुक्रवार 16 तारीख को शाम को होगा. इस अवसर पर छात्र मराठी, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में तैयार समाचार पत्र, पीटीसी, वॉयस ओवर, समूह चर्चा, वृत्तचित्र, विज्ञापन आदि प्रस्तुत करेंगे. कार्यशाला की सफलता हेतु संजय पाखोडे, राजेश झोलेकर, नुरुज़ुमा शेख, अनंत नंदुरकर, भूषण मोहोकर आदि सहयोग दे रहे है. कार्यशाला में मराठी, हिंदी और अंग्रेजी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के छात्र बड़ी संख्या में सहभागी हैं.

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