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व्याघ्र गणना में वन्यजीव प्रेमी को दिखे 5 बाघ

बुद्धपूर्णिमा की रात मचानों से पर्यटकों ने किया प्राणी दर्शन

अमरावती/दि.25– विगत 23 मई को बुद्धपूर्णिमा की रात निसर्ग अनुभव के तहत मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में 131 व अन्य स्थानों पर बनी मचानों सहित कुल 191 मचानों से पर्यटकों को 5 बाघों के साथ ही बायसन, भालू, रानगवे, हिरण, तेंदूए, नील गाय, सांबर तथा विविध पक्षी एवं जमीन पर रहने वाले प्राणी दिखाई दिये. ऐसी प्राथमिक जानकारी है.

वन अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक नरनाला में दो बाघ तथा चिखलदरा के वनपरीक्षेत्र अंतर्गत चुरणी में एक मादा बाघ व दो शावक दिखाई दिये है. बुद्धपूर्णिमा की रात की गई इस वन्यजीव गणना के तहत निश्चित रुप से कितने वन्यप्राणी दिखाई दिये. इसकी निश्चित आंकडेवारी आगामी कुछ दिनों में सामने आएगी. क्योंकि अब तक सभी मचानों पर रहने वाले पर्यटकों एवं वन्यजीव कर्मियों के अनुभव पूरी तरह से संकलित नहीं हुए है.

बता दें कि, प्रतिवर्ष बुद्धपूर्णिमा की रात मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प सहित मेलघाट के जंगलों में मौके वाले स्थानों पर मचाने बनाई जाती है. जहां पर एक-एक वन कर्मचारी सहित वन्यजीव प्रेमियों को पूरी रात रुकने का अवसर प्रदान किया जाता है. हर साल की तरह इस वर्ष भी इस वन्यजीव गणना हेतु मेलघाट में पूरे राज्य से पर्यटक आये हुए थे, जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर बनी मचानों पर रुकवाया गया था. इसमें से नागपुर से आये कुछ पर्यटकों ने इस बार चिखलदरा वन परिक्षेत्र का चयन किया था. जिसमें से एक पर्यटक को पानी पीने हेतु आया भालू दिखाई दिया.

* हरियाणा के अभियंता ने देखा बाघ का रुआब
नरनाला अभियारण्य में निसर्ग अनुभव कार्यक्रम अंतर्गत हरियाणा में रहने वाले सॉफ्टवेअर इंजीनियर श्रेयश कडू सहित अन्य कुछ निसर्ग प्रेमियों ने मचान पर बैठकर शाम 5.15 बजे के आसपास पानी पीने हेतु आये एक बाघ को देखा. पानी पीने हेतु आते समय इस बाघ की शानदार चाल, पानी पीने के बाद बाघ द्वारा की गई शतपावली व छोटी सी बैठक तथा इसके बाद बडे रुआब के साथ उठकर धीरे-धीरे एक-एक कदम बढाते हुए आगे निकले. जंगल के राजा का रुआब भी इन सभी लोगों ने अपनी खुली आंखों से देखा. साथ ही इस दृश्य को अपने मोबाइल के कैमरे में भी कैद किया. इस दौरान इन निसर्ग प्रेमियों ने मचान के नीचे से होकर गुजरने वाले भालू को भी बेहद नजदीक से देखा. वहीं इन लोगों को नील गाय, सांबर, भेडकी व बंदर सहित मोर एवं विविध पक्षी देखने का भी अवसर मिला.

इस बार सभी पर्यटकों को अपेक्षा के मुताबिक वन्य प्राणियों के दर्शन हुए. जिसमें 5 बाघों का भी समावेश रहने की प्राथमिक जानकारी प्राप्त हुई है. निश्चित तौर पर कितने प्राणी देखे गये, इसकी अंतिम जानकारी सभी पर्यटकों द्वारा अपने अनुभव प्रस्तुत करने के बाद ही पता चलेगी.
– स्वप्निल बंगाडे,
पर्यटन विभाग प्रमुख,
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प.

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