पिंकी का हत्यारा उसका दूसरा पति ही निकला

सिलबट्टे से वार कर निंद में ही उतारा मौत के घाट

* आरोपी निकला सरकारी कर्मचारी
* क्राईम ब्रांच के दल की बडी सफलता
अमरावती/दि.2- स्थानीय संताजी नगर से सटकर स्थित विठ्ठल मंदिर के पास रहनेवाली निलीमा उर्फ पिंकी खरबडे के हत्याकांड में क्राईम ब्रांच के निरीक्षक संदीप चव्हाण के नेतृत्ववाले दल ने घटना का पर्दाफाश करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की हैं. पिंकी की हत्या उसके दूसरे पति ने ही की थी और फरार हो गया था. लेकिन क्राईम ब्रांच के दल ने मामले की गहन जांच कर इस सनसनीखेज घटना पर से परदा हटा दिया. गिरफ्तार आरोपी पति का नाम शहर के अर्जुन नगर निवासी नितीन सुरेश इंगोले (32) हैं.
जानकारी के मुताबिक निलीमा उर्फ पिंकी खरबडे नामक महिला के पहले पति का निधन होने के बाद वह संताजी नगर के पास के गुरूकृपा कॉलोनी के मकान में अकेली रहती थी. बताया जाता है कि 2-3 वर्ष पूर्व से अर्जुन नगर के अशोक कॉलोनी निवासी नितीन सुरेश इंगोले (32) नामक युवक के साथ उसके प्रेम संबंध स्थापित हुए थे और 2 से 3 माह पूर्व ही उन्होंने विवाह कर लिया था. विवाह के बाद पिंकी अपने प्रेमी नितीन को अपने घर ले जाने की जिद्द करने लगी थी. इसी बात पर से उनमें अनबन चल रही थी. नितीन इंगोले पहले से ही विवाहित था और वह अपने परिवार के साथ अर्जुन नगर के अशोक कॉलोनी में रहता था. नितीन ने अपनी दूसरी पत्नी पिंकी को गुरूकृपा कॉलोनी में ही रहने कहा था. लेकिन पिंकी यह नितीन की कोई बात सुनने तैयार नहीं थी. वह नितीन के साथ उसके घर जाकर रहना चाहती थी. नितीन यह भूजल सर्वेक्षण विभाग के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग में कार्यरत हैं और वह पिंकी को अपने घर नहीं ले जा सकता था. बताया जाता है कि शनिवार की रात नितीन अपनी दूसरी पत्नी पिंकी से मिलने गुरूकृपा कॉलोनी स्थित घर पहुंचा था. इस कारण पिंकी ने अपने घर के केअरटेकर अशोक खंडारे को बाहर से शराब लाने के बाद उसके घर सोने भेज दिया था. बताया जाता है कि नितीन ने घर पहुंचने के बाद फिर से उपजे विवाद पर से पिंकी की नींद में ही सिलबट्टे से वार कर हत्या कर दी और घटना को अंजाम देने के बाद वहां से फरार हो गया. लेकिन क्राईम ब्रांच के निरीक्षक संदीप चव्हाण के नेतृत्ववाले दल ने इस प्रकरण की बारीकी से जांच करते हुए केअरटेकर खंडारे समेत कुछ लोगों को कब्जे में लेकर गहन पूछताछ की. साथ ही तकनीकी जांच के तहत मुख्य आरोपी तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की और अर्जुन नगर निवासी नितीन इंगोले को कब्जे में लेकर उससे गहन पूछताछ की तब उसने पहले टालमटोल जवाब दिए, लेकिन पुलिस द्बारा कडी पूछताछ करने पर उसने घटना की कबूली दी. पुलिस मामले की जांच कर रही हैं.
बता दें कि संताजी नगर से सटकर स्थित गुरूकृपा कॉलोनी निवासी निलीमा उर्फ पिंकी की उसी के घर में रविवार की शाम हत्या हो गई. घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी हैं. हत्यारा घटना को अंजाम देने के बाद पिंकी का मोबाईल और डीवीआर साथ ले गया हैं. पुलिस ने पिंकी के मोबाईल पर शुक्रवार से किसका फोन आया और उसने किन-किन लोगों को फोन किया, इस बाबत जानकारी ली. शनिवार 29 नवंबर की रात 9.45 बजे नागपुर के एक युवक ने पिंकी को फोन किया था. तब से उसका फोन बंद हैं. इस कारण पुलिस ने फोन करनेवाले युवक से संपर्क कर उसे पूछताछ करने के लिए अमरावती बुलाया था. साथ ही पिंकी ने जिन महिलाओं को फोन किया था उन सभी महिलाओं को पूछताछ के लिए बुलाकर उनसे गहन पूछताछ की की गई. इस दौरान पुलिस ने पिंकी के घर साफसफाई का काम करनेवाले अशोक खंडारे को सोमवार 1 दिसंबर को सुबह ही कब्जे में लेकर उससे गहन पूछताछ की. साथ ही निरीक्षक संदीप चव्हाण के नेतृत्ववाला दल इस प्रकरण में हर दिशा में जांच कर हत्यारे तक पहुंचने का प्रयास कर रहा था. आरोपी का सुराग लगाने की पुलिस के सामने बडी चुनौती थी. लेकिन पुलिस ने प्रकरण की जांच कर घटना का पर्दाफाश करने और आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की.
* शनिवार को आया था नितीन
शनिवार की शाम अशोक यह पिंकी के घर आया था. पिंकी ने उसे एक बियर और एक रम की क्वॉर्टर लाने कहा था. उसने सोनू बियर शॉपी से बियर खरीदी की. पश्चात आदित्य वाईन शॉप से रम की क्वॉर्टर लेकर घर गया. पति घर आता रहने की जानकारी उसने अशोक को दी थी. इस कारण शनिवार को भी अशोक खंडारे घर सोने गया था.
* घर के गेट को नहीं था ताला
पिंकी यह रात के समय अपने घर के कंपाउंड के गेट को ताला लगाकर घर में सोती थी. लेकिन रविवार की सुबह 7 बजे के दौरान जब अशोक उसके घर पहुंचा तब गेट का ताला खुला हुआ था. अशोक ने प्रांगण की साफसफाई की और दूध का पैकेट पीछे से भीतर जाकर सोफे पर रखा. तब घर में अंधेरा था. उसने पिंकी को आवाज दिया लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिला. इस कारण वह चला गया. शाम को वापस लौटा तब भी दरवाजा बंद दिखाई दिया. आवाज देने के बावजूद पिंकी का प्रतिसाद न मिलने से अशोक ने उसके भाई को फोन कर जानकारी दी. तब पिंकी की हत्या होने की बात उजागर हुई.

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