कैदी को कब्जे में लेने के लिए पुलिस का गृह विभाग से पत्र व्यवहार

तीन माह से प्रकरण ठंडे बस्ते में

* कारागृह में कैदी के पास आधा किलो चरस मिलने का प्रकरण
अमरावती/दि.5 – अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में उम्रकैद की सजा भुगतनेवाले कैदी के पास आधा किलो चरस मिलने के प्रकरण में फे्रेजरपुरा पुलिस तीन माह से कैदी को कब्जे में लेने के लिए गृह विभाग से पत्र व्यवहार कर रही है. लेकिन अब तक गृह विभाग ने कोई भी आदेश नहीं दिए है. इस कारण पुलिस की जांच ठंडे बस्ते में पडी है.
मुंबई निवासी विशाल गौतम पराड को मुंबई न्यायालय ने हत्या के अपराध में उम्रकैद की सजा सुनाई हैं. पश्चात उसे तलोजा कारागृह में रखा गया था और पश्चात अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में लाया गया. अमरावती कारागृह में वह पिछले कुछ साल से सजा भुगत रहा है. साथ ही कारागृह के उसके बर्ताव को देखते हुए कारागृह प्रशासन ने उसे जुलाई माह में 40 दिन की पैरोल पर छोडा था. इस कारण वह मुंबई में परिवार को मिलने गया था. 14 अगस्त को पैरोल समाप्त होने के बाद वह कारागृह वापस लौटा. कारागृह में प्रवेश करते ही वहां के सुरक्षा कर्मियों ने उसकी जांच की तब उसके बैग में आधा किलो चरस बरामद हुई. इस घटना से कर्मचारियों समेत अधिकारियों में खलबली मच गई थी. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जवान अनिल गजानन हरणे ने फ्रेजरपुरा थाने में शिकायत दर्ज की. इस आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया. लेकिन आरोपी कैदी रहने से वह कारागृह में उम्रकैद की सजा भुगतता रहने के कारण गिरफ्तार करने के लिए संबंधित न्यायालय के आदेश लगते है, इस कारण फ्रेजरपुरा पुलिस ने मुंबई न्यायालय से पत्र व्यवहार किया था. लेकिन संबंधित न्यायालय द्बारा पहले से ही आरोपी को सजा दिए जाने के कारण वे आदेश नहीं दे पाए. साथ ही गंभीर अपराध में कैदी को वापस गिरफ्तार करने के लिए गृह विभाग के आदेश लगते हैें. इस कारण फ्रेजरपुरा पुलिस ने गृह विभाग से पत्र व्यवहार किया. लेकिन तीन माह बितने के बाद भी गृह विभाग की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है. इस कारण कैदी ने आधा किलो चरस कहा से और कारागृह में किसके लिए लाई थी. इस बाबत अब तक पता नहीं चल पाया हैं. पूरी जांच ठंडे बस्ते में हैं.

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