सभी सरकारी मेडीकल कॉलेजों व अस्पतालों में निर्मित हो क्लिनिकल फार्मसिस्ट के पद
डॉक्टर ऑफ फार्मसी असो. ने विभिन्न मंत्रियों को सौंपा अपनी मांगों का ज्ञापन

अमरावती/दि.22 – राज्य के सभी सरकारी मेडीकल कॉलेजों व उनसे संलग्नित सरकारी अस्पतालों में क्लिनिकल फार्मासिस्ट के स्वतंत्र पद निर्माण कर उन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरु की जाए. साथ ही शासनादेश जारी कर इन पदों की भूमिका व जवाबदारियां भी स्पष्ट की जाए, इस आशय की मांग का ज्ञापन डॉक्टर ऑफ फार्मसी असो. (महाराष्ट्र) द्वारा राज्य के विभिन्न मंत्रियों को सौंपा गया.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, राज्य में इस समय 20 से अधिक फार्म-डी (डॉक्टर ऑफ फार्मसी) महाविद्यालय कार्यरत है. जहां से प्रति वर्ष 700 से 800 विद्यार्थी 6 साल का शैक्षणिक व क्लिनिकल पाठ्यक्रम पूरा कर पदवीधर होते है और अब तक करीब 5 हजार से अधिक विद्यार्थी फार्म-डी की पदवी प्राप्त कर चुके है. परंतु राज्य के सरकारी मेडीकल कॉलेजो व संलंग्नित सरकारी अस्पतालो में क्लिनिकल फार्मासिस्ट के स्वतंत्र पद उपलब्ध नहीं रहने के चलते सभी पदविधारकों को बेरोजगारी का सामना करना पड रहा है. जबकि भारत सरकार ने अधिसूचना जारी कर इन पदों को मान्यता दी है और स्वास्थ सेवा संचालनालय ने भी वर्ष 2021 में क्लिनिकल फार्मासिस्ट पद को लेकर भूमिका व प्रारुप निश्चित करने हेतु समिति गठित की है. परंतु 4 वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद अब तक क्लिनिकल फार्मासिस्ट पद की निर्मिती नहीं हुई है.
अपनी इस मांग को लेकर डॉक्टर ऑफ फार्मसी असो. (महाराष्ट्र) की राज्य सहित जिला इकाई के प्रतिनिधियों ने राज्य के विभिन्न मंत्रियों व विधायकों से भेंट करते हुए उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. जिसके तहत अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आंबिटकर, पशुसंवर्धन मंत्री पंकजा मुंडे, वैद्यकीय शिक्षा मंत्री हसन मुश्रिफ, विधायक मनोज कायंदे, सत्यजित कांबे आदि को ज्ञापन सौंपे गए. ज्ञापन सौंपते समय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विनायक घायाल, उपाध्यक्ष डॉ. प्रतिक शेंद्रे, सचिव डॉ. मनोज पिसुरे, कोषाध्यक्ष डॉ. स्वप्निल मुंडे सहित विभिन्न जिला इकाईयों के पदाधिकारी उपस्थित थे.





