बांबू के लिए डेढ हजार करोड का प्रावधान

राज्य सरकार ने खेती को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति को मंजूरी दी

मुंबई/दि.3 – राज्य सरकार ने पर्यावरण के लिए लाभकारी बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षों के लिए 1,500 करोड़ रुपये के प्रावधान को मंजूरी दी है. राज्य की ’बांस नीति 2025’ मंगलवार को जारी की गई.
एशिया का सबसे बड़ा बांस निर्यातक देश महाराष्ट्र है और लगभग 83 प्रतिशत बांस का निर्यात करता है. देश में बांस उत्पादन में महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है (12 प्रतिशत उत्पादन). राज्य में 13,572 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बांस की खेती होती है. बांस की मांग बढ़ रही है और वर्ष 2030 तक यह 100% तक पहुंच जाएगी. 2020 तक इसका बाज़ार 88.42 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. इसी पृष्ठभूमि में, राज्य ने एक बांस नीति तैयार की है, जिसे अक्टूबर में कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी थी. राज्य में बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षों में 1,534 करोड़ रुपये के प्रावधान को मंज़ूरी दी गई है. राज्य सरकार बांस की खेती के लिए सब्सिडी और बांस नीति के प्रावधानों के क्रियान्वयन पर अगले 20 वर्षों में 11,797 करोड़ रुपये खर्च करेगी. नई बांस नीति के तहत राज्य में निजी और सार्वजनिक ताप विद्युत परियोजनाओं में कोयले का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें पांच से सात प्रतिशत कोयला बांस (बायोमास) से बनाया जाएगा.

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