पुलक मंच परिवार ने किया नागठाणा तीर्थ दर्शन
गुरु से लिया आशीर्वाद

अमरावती/दि.30 -अखिल भारतीय पुलक मंच परिवार नागपुर ने अमरावती से 99 कि. मी. दूर वरूड के पास नागठाणा तीर्थक्षेत्र पर जाकर दर्शन, पूजन कर गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया. श्री दिगंबर जैन पार्श्वोदय तीर्थ के विश्वस्तों ने पुलक मंच परिवार को विशेष रूप नागठाणा क्षेत्र पर विशेष रूप से रविवार को आमंत्रित किया था. पुलक मंच परिवार महाराष्ट्र जोन छह के अध्यक्ष सूरज जैन पेंढारी और महामंत्री दिलीप सावलकर के नेतृत्व में 125 सदस्यों का जत्था नागठाणा तीर्थक्षेत्र गया था. वहां जाने के बाद जैन धर्म के बीसवें तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ भगवान का पंचामृत अभिषेक, पूजन, शांतिधारा की.
प्रथम कलश अभिषेक सौधर्म इंद्र सूरज जैन पेंढारी, जगदीश गिल्लरकर ने किया. दुग्धाभिषेक प्रमोद राखे, जिनेंद्र भगवान की शांतिधारा विनोद, जगदीश, सोनासाव गिल्लरकर ने की. छत्र चंद्रनाथ भागवतकर ने चढ़ाया. ज्योतिर्पुंज आचार्यश्री सुवीरसागरजी गुरुदेव के मुखारबिंद से मंत्रोच्चार हुआ. संगीत सहयोग ऋषभ गडेकर ने किया. संयोजन सूरज जैन पेंढारी और नरेशराव मचाले, राजेंद्र सोनटक्के, मनोज मांडवगडे ने किया. दोपहर में श्री आदिनाथ पूजन विधान हुआ. विधान में उपस्थित मंच परिवार के सदस्यों ने बढ़कर चढ़कर हिस्सा लिया.
समारोह की प्रस्तावना जोन अध्यक्ष सूरज जैन पेंढारी ने रखी. पुलक मंच परिवार के नागपुर में चल रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी नितिन नखाते ने दी. नागपुर से आए गुरु भक्तों का धर्म दुपट्टा, मोतियों की माला देकर नागठाणा तीर्थक्षेत्र के मुख्य संयोजक डॉ. अरविंद भागवतकर ने सम्मान किया. आचार्यश्री सुवीरसागरजी गुरुदेव ने गुरु आशीर्वाद स्वरूप भक्तों को सम्मान चिन्ह प्रदान किया. सभी भक्तों ने नागठाणा क्षेत्र की पहाड़ वंदना की. धर्मसभा का संचालन नितिन नखाते ने किया. आचार्यश्री सुवीरसागरजी गुरुदेव ने नागपुर पुलक मंच परिवार को विशेष आशीर्वाद दिया.
इस अवसर पर उपस्थितियों को संबोधित करते हुए आचार्यश्री सुवीरसागरजी गुरुदेव ने कहा धर्म की किसी को चिंता नहीं हैं. धर्म के लिए जान देना, धर्म के लिए समर्पण होना जरूरी हैं. धर्म ओढ़ने की वस्तु नहीं, धर्म धारण करने की वस्तु हैं. धर्म हमारे अंदर, धर्म हमारे हृदय में होना चाहिए. भक्त आते हैं और गुरु आज्ञा का पालन करते हैं. भगवान के भक्ति का सौभाग्य पुलक मंच परिवार ने प्राप्त किया हैं. पुलक मंच एक परिचय हो सकता हैं, पहचान हो सकती हैं. जहां पर भी गुरु हो पुलक मंच परिवार आ जाता हैं. मेरा काम जोड़ने का हैं, मेरा काम तोड़ने का नहीं हैं. अनेक संस्थाओं पुलक मंच परिवार शक्ति प्रदान हैं. आचार्यश्री पुलकसागरजी गुरुदेव के प्रेरणा, आशीर्वाद से स्थापित इस पुलक मंच परिवार के कार्यकर्ता पिच्छी, कमंडलधारी साधु संतों के लिए दौड़े चले आते हैं. नागपुर में हो रहे पुलक मंच परिवार के कार्यों की जानकारी मुझे ज्ञात हैं.
समारोह में प्रमुख रूप से दिलीप राखे, सुधीर सिनगारे, राजेश जैन, मनोज मांडवगडे, अनंत शिवनकर, शरद मचाले, रमेश उदेपुरकर, जितेंद्र गडेकर, देवेंद्र उमाठे, किशोर कहाते, रवींद्र पलसापुरे, शांतिनाथ भांगे, प्रमोद राखे, सुरेश महात्मे, रविकांत जैन, अनंत गव्हाणे, सुधीर जैन, तुषार नखाते, निशिकांत काटोलकर, शुभांगी लांबाडे, सविता मांडवगडे, मनीषा शहाकार, ज्योती भुसारी, नमिता उदेपुरकर, शशि महात्मे, भाग्यश्री नखाते, जया गडेकर, रश्मी सोनटक्के, सुवर्णा सावलकर, अमृता जैन, सीमा शिवनकर, नीलिमा भुसारी, वंदना मखे, ममता रणदिवे, कनकमाला भुसारी, सुनंदा मचाले, ममता गव्हाणे, दीपा जैन, मीना पलसापुरे आदि उपस्थित थे.





