रास गरबा आयोजक मंडल का किया स्नेहिल सत्कार
वीर प्रताप मंडल की सराहनीय सोच और कृति

* कालाराम मंदिर में हुआ भावना प्रधान वातावरण
अमरावती/ दि. 3 – शहर के प्रसिध्द दुर्गामंडल वीर प्रताप ने अपने उत्सव को नये आयाम देने का सदैव प्रयत्न किया. कुमारी कन्याओं के समारोह पूर्वक भोज और पूजन का प्रारंभ वीर प्रताप में ही सर्वप्रथम किया गया था. उसकी परिपाटी आज अनेक मंडल और संस्थाएं अपना रही है. इसी कडी में गुरूवार शाम वीर प्रताप् मंडल ने 78 वर्षो से अनवरत गरबा रास आयोजक सक्करसाथ गुजराती नवरात्रि महोत्सव मंडल की समस्त टीम का शाला ओढाकर स्नेहिल सत्कार किया. उनके इस विचार को सभी ने न केवल पसंद किया. अपितु इसकी प्रशंसा भी की.
दोनों ही मंडल के कार्यकर्ता निश्चित ही आपस में जुडाव और सहयोग की श्रेष्ठ भावनाएं रखते हैं. किंतु गुरूवार के इस सत्कार कार्यक्रम ने बडा भावनापूर्ण वातावरण बनाया था. अनेक ने इसे जीवन की धरोहर समान क्षण बतलाए. इस समय वीर प्रताप के मंडल प्रमुख महेन्द्र चोपडा, सचिव सुरेश शर्मा, पूर्व अध्यक्ष विनोद डागा, कोषाध्यक्ष संजय चोपडा, राजेंद्र चोपडा, प्रकाश उधवानी, श्याम वर्मा, श्याम शर्मा, हनुमान आसोपा, संजय मुणोत, घनश्याम सोनी, जुगल दवे, एड. सुमित शर्मा, विक्की पनिया, नकुल डाबी, नरेश तोष्णीवाल, अशोक अंदुरे, राजेश साहू बल्ली, गोपाल दायमा, अक्षय डोबा, मनोज कटारिया, पप्पू छांगाणी, नवल चांडक, करण पुरोहित, अशोक पुरोहित, राजू शर्मा, भोपा महाराज, अनिल भाटी, प्रवीण धानक, मनोज जोगी, राजू उज्जैनकर, मनीष हिरोडे आदि अनेक की उपस्थिति रही. मंडल पदाधिकारियों के हस्ते कालाराम मंदिर गरबा रास आयोजकोें, गरबा गीत गायकों, नंगाडा वादकों सभी का शाल और पुष्प देकर माता रानी के दरबार में सत्कार किया गया.
इस समय सक्करसाथ गुजराती मंडल के दिनेश सोमैया, किरीट ठक्कर, हिेतेश सोनी, किरीट गढिया, दीपक सोमैया, जिग्नेश ठक्कर, अमित लख्तरिया, राम पाटिल, अमन गोयनका, सौरभ डागा, आकाश पांडे, आकाश गुप्ता, अक्षद गोयनका, पराग सोमाणी, रौनक जाजू, पीयूष गांधी , वर्धमान मुणोत, राजू उपासने, रौनक सेवक, पवन सेवक, अनिल शर्मा सहित गरबा गीत गायिका डॉ. प्रीति रावल, अनुष्का चावडा, कान्हा बगडाई, राजेंद्र चांडक, प्रथम खंडेलवाल, आदित्य उपासने, अक्षय गुरव, परेश सोमानी, ममता गोयनका, वैदही उपासने, सुरभि डागा, हिना अन्नम आदि अनेक की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही. सत्कार के समय बारंबार अंबा माता के जयकारे से संपूर्ण सराफा गूंज उठा था. संचालन लक्ष्मीकांत खंडेलवाल ने किया.





