रबी फसल का बड़े पैमाने पर होंगा नुकसान
अतिदुर्गम कोटमी गावं के पचास किसानों की बिजली काटी

परतवाड़ा/मेलघाट/दी १४-आदिवासी अंचल की चिखलदरा तहसील अंतर्गत अतिदुर्गम कोटमी गावं के पचास कृषिधारक किसानों की बिजली आपूर्ति खंडित कर दी गई गई.महावितरण द्वारा यह प्रताप बगैर किसी सूचना अथवा इतल्ला के किया गया.इससे किसान बुरी तरह आहत है.पिछले एक सप्ताह से पचास के करीब आदिवासी किसानों की बिजली काट दी गई है.खेतो में हाल ही में बुआई किया गेहूं और चना अंकुरित होकर प्रगति की राह पर ही था कि अचानक महावितरण ने अपनी कैंची चला दी.उक्त घटना से किसान हतप्रभ है.उन्हें समझ मे नही आ रहा कि इस रबी उत्पादन में अब वो सिंचाई की व्यवस्था कैसे करेंगे.
1500 जनसंख्या के कोटमी गावं में कृषि के सिवाय अन्य कोई पूरक व्यवसाय नही है.इसमें कुछ लोगो के पास तो सिंचाई की सुविधा भी नही है.कुछ लोग कुएं और बोरवेल के माध्यम से कृषि कार्य करते है.रबी में गेहूं और चना उत्पादित कर क्षेत्र के किसान किसी तरह अपना जीवन बसर करते है.महावितरण ने कोई भी पूर्व सूचना न देते हुए स्थानीय किसानों की बिजली आपूर्ति ही खंडित कर दी.इस कारण किसानों के सामने अब जीविका का प्रश्न ही खड़ा हो चुका है.किस जनप्रतिनिधि को जाकर अपना दुखड़ा सुनाए और किससे मदद मांगी जाए इस पर किसान भाई विचार करने में लगे हुए है.
मेरे पास दो एकड़ खेती है.सिंचाई सुविधा होने से इसमें मैने गेहूं और चना बोया है.बुआई को पंद्रह दिन हो गए.एक बार सिंचाई हो चुकी है.दूसरी सिंचाई बाकी है.लेकिन पांच दिन पहले महावितरण ने बिजली काट दी.इस कारण फसल बरबाद होने की संभावना है.क्या करे कुछ समझ मे नही आ रहा है.
-चैतू भुता कंगाले, किसान,कोटमी
हम सभी किसान बिजली बिल का भुगतान करने को तैयार है.लेकिन महावितरण ने बिजली का बिल न देते हुए और बगैर किसी पूर्व सूचना के बिजली खंडित कर दी है.यह किसानों पर अन्याय है.
-मलेज कंगाले,किसान,कोटमी
बिजली वितरण कर्मचारियो की मनमानी के कारण किसानों की समस्या कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है.किसानों के कृषि पंप कनेक्शन बगैर सूचना के खंडित किये जा रहे है.पानी के अभाव में फसल का दफन होना तय है.महावितरण कंपनी यह किसानों पर एक प्रकार से अत्याचार ही कर रही है.
-राजेश वर्मा,तहसील अध्यक्ष ,युवा स्वाभिमान चिखलदरा





