रामदेव बाबा की समाधि सुरक्षित, भक्तों में अपार हर्ष

परम भक्त रमेशचंद्र पांडे का संकल्प हुआ सिध्द

* प्रभात टॉकीज का प्राचीन राम देवरा मंदिर
* भरी बरसात में दिया गया समाधि को सपोर्ट
* रामदेव जी महाराज संस्थान के विश्वस्तों ने अपनाया नरम रूख
अमरावती/ दि. 15 – विदर्भ के कमोबेश सबसे प्राचीन भगवान श्री रामदेव बाबा के मंदिर स्थित समाधि को शहर के प्रसिध्द एवं परम रामदेव बाबा भक्त रमेशचंद्र आसाराम जी पांडे के कठोर संकल्प एवं हठ के कारण बचा लिया गया है. इस मंदिर का जीर्णोद्बार शुरू किया गया है. जिसमें बाबा की पवित्र और पूज्य समाधि को हटाने का कथित रूप से प्रयास होने की भनक लगते ही युवा और वरिष्ठ श्रध्दालुओें ने एक स्वर में रमेशचंद्र पांडे के नेतृत्व में आवाज उठाई. जिससे विश्वस्तों को सर्व श्री किशोर गटटानी, गोविंद राठी, सीए राजेश हेडा ने नर्म रवैया अपनाया और समाधि को यथावत रखते हुए उसके आसपास ईंटों की जुडाई कर सुरक्षित कर दिया. इस कृति से भगवान रामदेव बाबा के हजारों भाविक प्रसन्न हो गये हैं. हर्षित हो गये हैं. उल्लेखनीय है कि भरी बारिश में समाधि के इर्द गिर्द निर्माण कार्य आनन-फानन में करवाया गया.
बता दें कि गत रविवार से बाबा रामदेव का यह प्राचीन मंदिर चर्चा में था. वहां स्थित हनुमान जी की प्रतिमा को गलत ढंग से हटाने का प्रयास भक्तों को नाराज और उत्तेजित कर गया था. उपरांत समाधि के इर्द गिर्द की खुदाई पीलर और अन्य निर्माण के लिए किए जाने से भक्तों को समाधि को क्षति पहुंचने की आशंका हो गई. उपरांत दहीसाथ निवासी और समस्त अमरावती में जय बाबा री के घोष से परिचित रमेशचंद्र पांडे ने मंदिर परिसर में आकर संकल्प धरना प्रारंभ कर दिया.
समाधि रहे यथावत
रमेशचंद्र पांडे के धरना का सैकडों भाविकों ने समर्थन किया. वे भी पांडे के साथ मंदिर में डट गये. ट्रस्टी जनों ने इस बारे में पता चलते ही वहां पहुंचकर पांडे से बात की. बाबा के परम भक्त पांडे अपने हठ पर कायम रहे. उन्होंने कहा कि मंदिर कितना भव्य बनाना है. किस स्वरूप में बनाना है. यह सब निर्णय ट्रस्टियों का है. वे इसे मान्य करते हैं. किंतु समाधि हटाई नहीं जाती. समाधि इंच भर भी नहीं हटेगी. जिससे ट्रस्टियों ने पांडे का आदरपूर्वक आग्रह मान्य किया. समाधि यथावत रखने पर सहमति व्यक्त की.
पहुंचे इंजीनियर वानखडे, बरसात में शुरू हुआ कार्य
यह तय होते ही विश्वस्तों ने मंदिर नवनिर्माण के सिविल इंजीनियर और दर्जनों मंदिरों के कार्यो का अनुभव रखनेवाले वानखडे को मंदिर पर बुलाया और समाधि सुरक्षित करने एवं तनिक भी नहीं हटने पाए, इस प्रकार का प्रबंध करने कहा. राजकर्मी बुलाकर तुरंत ताबडतोड निर्माण कार्य शुरू किया गया. दो दिनों के परिश्रम पश्चात अब बाबा की सैकडों वर्षो से प्रभात टॉकीज मंदिर स्थित समाधि यथावत बनी रही. जिससे रमेश पांडे की आंखों में श्रध्दा मिश्रित प्रसन्नता के अश्रु बह निकले.
अनेकानेक का सहयोग और साथ
पांडे परिवार की तीन पीढियां त्यौहार के बावजूद मंदिर में तीन दिन डटी रही. उनमें विजय पांडे, विशेष पांडे, शुभम पांडे का समावेश रहा. उसी प्रकार पूर्व महापौर विलास इंगोले, बाबा के भक्त निखिल मंत्री राजू रायकवार, संजय गुप्ता अयोध्यावासी, योगेश गुप्ता अयोध्यावासी, विक्की गुप्ता, सचिन साहू, सागर गुप्ता, प्रयाल जी, विनोद ओझा, रवि ओझा, सुरेश रतावा का भरपूर साथ सहयोग प्राप्त होने की जानकारी अमरावती मंडल को सूत्रों ने दी.
कौन हैं पांडे जी
जय बाबा री नाम से फेमस रमेशचंद्र पांडे किराणा व्यवसायी है. वे भगवान श्री रामदेव बाबा के परम भक्त हैं. उनके यहां गत ढाई दशकों से नित्य बीज और दसम पर बाबा की भव्य ज्योत आरती होती है. जिसमें सैकडों की संख्या में श्रध्दालु सम्मिलित होते हैं. अंबा नगरी में परचाधारी भगवान के प्रति जन जन में आस्था जगाने वाले पांडे परिवार के यहां भादवा मेला में नवमी पर बाबा का जम्मा जागरण तथा अगले दिन दाल बाटी चूरमा की प्रसादी का क्रम 25 वर्षो से अनवरत है. उनके दोनों पुत्र महेश तथा विजय सहित संपूर्ण परिवार रामदेव बाबा की असीम भक्ति में रचा- बसा हैं.

Back to top button