यवतमाल में मिला दो सिर वाला दुर्लभ साँप

वन्यजीव प्रेमियों में उत्सुकता - सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ा गया

अमरावती/यवतमाल/दि.18 – यवतमाल जिले के वडगाँव गाँव में दो सिर वाला यानि द्विमुखी सांप रहनेवाला एक अत्यंत दुर्लभ सांप मिलने की घटना सामने आई है. वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ता विकास बारेकर ने इसे एक पेड़ पर देखा. लगभग 6 से 7 इंच लंबाई का यह साँप बेहद दुर्लभ प्रजाति माना जा रहा है.
अनुभवी सर्पमित्र रहनेवाले विकास बारेकर ने पहले सावधानीपूर्वक साँप का निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि उसे कोई खतरा न हो. इसके बाद ’वॉर’ संस्था के मार्गदर्शन में उसे बचाव कर पुनः जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया.
* क्यों होता है दो सिर वाला साँप?
अकोला के श्री शिवाजी महाविद्यालय के प्राणिशास्त्र विभाग के डॉ. हेमंत सपकाल के अनुसार यह एक दुर्लभ जैविक विकृति है. भ्रूण के अपूर्ण विभाजन के कारण एक ही शरीर में दो सिर विकसित हो जाते हैं. दोनों सिर अलग-अलग दिमाग से नियंत्रित होते हैं. भोजन और दिशा को लेकर आपस में प्रतिस्पर्धा भी होती है. इसी कारण ऐसे साँपों का प्रकृति में ज़िंदा रहना मुश्किल हो जाता है.
वहीं वॉर संस्था के अध्यक्ष नीलेश कंचनपुरे ने बताया कि यह सांप जियो-टैगिंग के साथ फ़ोटोग्राफ़ किया गया है, ताकि भविष्य में उसके मूवमेंट और पुनः अवलोकन की जानकारी मिल सके. स्थानीय लोगों और वन्यजीव प्रेमियों में इस घटना को लेकर काफी उत्सुकता देखी गई है, क्योंकि ऐसे द्विमुखी सांप बहुत ही कम देखने को मिलते हैं.

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