विशेषाधिकार हनन समिति की पुनर्रचना करें

संजय खोडके की उच्च सदन में मांग

* सभापति राम शिंदे का ही हो चुका अपमान
नागपुर/ दि. 9े – राकांपा नेता और विधायक संजय खोडके ने विशेषाधिकार हनन समिति के पुनर्गठन की मांग करते हुए स्वयं मुख्यमंत्री से इस विषय में तत्परता से ध्यान देने का अनुरोध आज उच्च सदन में किया. खोडके ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के अपमान के विषय में कार्रवाई के नियम लागू हैं. किंतु कई शिकायतें वर्षो से समिति के सामने पेंडिंग चल रही है. ऐसी शिकायतों पर कठोर कार्रवाई करने समिति के अधिकारों हेतु नियमों की पुनर्रचना का मुद्दा भी संजय खोडके ने रखा.
उच्च सदन में बीजेपी के प्रवीण दरेकर और श्रीकांत भारतीय ने स्वयं विधान परिषद सभापति प्रा. राम शिंदे के साथ गत 23 नवंबर को पालिका चुनाव के प्रचार दौरान हुई घटना का उल्लेख करते हुए संबंधित आरोपी सूर्यकांत मोरे के विरूध्द अधिकार हनन प्रस्ताव रखा. प्रस्ताव पर चर्चा जारी रहते संजय खोडके ने कहा कि विधानमंडल ने जनप्रतिनिधियों को विशेषाधिकार दिए हैं. फिर वह सदस्य विधानसभा के हो या परिषद के. खोडके ने कहा कि अधिकारी वर्ग अथवा अन्य लोग उन्हें अहमियत नहीं देते. बारंबार उनके अपमान की बयान बाजी करते हैं. ऐसे में कडी कार्रवाई की आवश्यकता पर संजय खोडके ने जोर दिया.
उन्होंने सदन को बताया कि अधिकार हनन प्रस्ताव दाखिल होने के बाद समिति द्बारा संबंधितों को नोटिस भेजी जाती है. वह नोटिस स्वीकार नहीं करते. नोटिस का उत्तर नहीं देेते, ऐसे में पुन: अधिकार भंग होता है. इसलिए कडी कार्रवाई की आवश्यकता है.

Back to top button