आरक्षण के ड्रॉ से इच्छुकों में हडकंप

कई स्वयंघोषित नगराध्यक्षों का बिगड गया गणित

* अब नगराध्यक्ष पद हेतु नए सिरे से हो रही मोर्चाबंदी
अमरावती/दि.7 – जिले की 10 नगर परिषदों व 2 नगर पंचायतों के नगराध्यक्ष पद के आरक्षण का ड्रॉ कल 6 अक्तूबर को मुंबई में निकाला गया. जिसके संदर्भ में घोषणा होते ही नगराध्यक्ष पद के कई इच्छुकों में अच्छा-खासा हडकंप मच गया है. क्योंकि नगराध्यक्ष पद की आस लगाए बैठे कई लोगों को अब नगरसेवक पद पर ही समाधान मानना पडेगा. साथ ही आरक्षण के इस ड्रॉ की वजह से कई स्वयंघोषित नगराध्यक्षों के सारे समीकरण और गणित बिखरकर ढेर हो गए है. जिसके चलते अब सभी स्थानों पर नगराध्यक्ष पद हेतु नए सिरे से मोर्चाबंदी की जा रही है.
बता दें कि, गत रोज घोषित हुए आरक्षण के चलते अब जिले की 6 नगर परिषदों में महिला राज रहेगा. क्योंकि शेंदूरजना घाट नगर परिषद में अनुसूचित जनजाति (महिला), धामणगांव रेलवे नगर परिषद में ओबीसी (महिला), मोर्शी नगर परिषद में ओबीसी (महिला), अचलपुर नगर परिषद में सर्वसामान्य (महिला), चांदुर रेलवे नगर परिषद में सर्वसामान्य (महिला) व चांदुर बाजार नगर परिषद में सर्वसामान्य (महिला) प्रवर्ग हेतु नगराध्यक्ष पद आरक्षित हुआ है.
* कई लोगों के सपने हुए चकनाचूर
नगराध्यक्ष पद का चुनाव लडने की तैयारी में रहनेवाले कई लोगों को आरक्षण के ड्रॉ की वजह से अच्छी-खासी निराशा हुई है तथा खुद को अपेक्षित आरक्षण नहीं निकलने के चलते उनके सपनों पर पानी फिर गया है. परंतु कुछ जगहों पर नगराध्यक्ष पद महिलाओं हेतु आरक्षित रहने के चलते ऐसे लोगों ने अपनी पत्नीयों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है. वहीं सभी दलों के पास उम्मीदवारों की अच्छी-खासी भीडभाड है. इसके चलते महायुति अथवा महाविकास आघाडी होती है या नहीं, इसकी फिलहाल कोई गारंटी नहीं है.
* धारणी में सर्वसाधारण प्रवर्ग हेतु नगराध्यक्ष पद खुला
धारणी नगर पंचायत का नगराध्यक्ष पद पहली बार सर्वसाधारण प्रवर्ग हेतु खुला होने के चलते विविध राजनीतिक दलों ने नगराध्यक्ष पद हेतु अपने-अपने उम्मीदवारों की खोजबीन करनी शुरु कर दी है. नगराध्यक्ष पद के आरक्षण की घोषणा होते ही कांग्रेस, भाजपा, शिवसेना उबाठा, राकांपा, प्रहार एवं युवा स्वाभिमान पार्टी के इच्छुक उम्मीदवारों ने जमकर लॉबिंग व फिल्डींग लगानी शुरु कर दी है. धारणी नगर पंचायत का नगराध्यक्ष पद सर्वसाधारण प्रवर्ग हेतु खुला रहने के चलते धारणी शहर के राजनीतिक वातावरण में एक अलग ही उत्साह दिखाई दे रहा है.
* नांदगांव खंडे. में खुला प्रवर्ग की महिलाओं हेतु पद आरक्षित
नांदगांव खंडेश्वर नगर पंचायत के नए नगराध्यक्ष पद की जिम्मेदारी अब सर्वसामान्य प्रवर्ग की महिला प्रतिनिधि पर आनेवाली है. गत रोज हुई आरक्षण की घोषणा के बाद क्षेत्र के राजनीतिक वातावरण में काफी बदलाव दिखाई दे रहा है और सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए है. जिसके चलते इस चुनाव में कौनसी पार्टी बाजी मारेगी, इसे लेकर अच्छी-खासी उत्सुकता देखी जा रही है.
* सन 2017 की सदस्य संख्या व नगराध्यक्ष
नगर परिषद सदस्य संख्या नगराध्यक्ष
शेंदूरजना घाट 17 भाजपा
धामणगांव रेलवे 17 भाजपा
दर्यापुर 20 भाजपा
वरुड 23 भाजपा
अंजनगांव 27 भाजपा
चांदुर बाजार 17 कांग्रेस
चांदुर रेलवे 17 कांग्रेस
मोर्शी 21 राकांपा
अचलपुर 38 शिवसेना
* नगर परिषद व नगर पंचायतों का आरक्षण
धारणी नगर पंचायत – खुला प्रवर्ग
अंजनगांव सुर्जी – अनुसूचित जाति प्रवर्ग
दर्यापुर – नागरिकों का पिछडा प्रवर्ग
नांदगांव खंडे. नगर पंचायत – खुला प्रवर्ग (महिला)
चिखलदरा – खुला प्रवर्ग
अचलपुर – खुला प्रवर्ग (महिला)
शें. घाट – अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग (महिला)
चांदुर बाजार – खुला प्रवर्ग (महिला)
वरुड – अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग
मोर्शी – नागरिकों का पिछडा प्रवर्ग (महिला)
धामणगांव रेलवे – नागरिकों का पिछडा प्रवर्ग (महिला)
चांदुर रेलवे – खुला प्रवर्ग (महिला)
* मोर्शी में कई उम्मीदवार निराश
मोर्शी में नगराध्यक्ष पद के आरक्षण का ड्रॉ निकलते ही कई इच्छुक उम्मीदवारों का गणित गडबडा गया है. साथ ही कई इच्छुक उम्मीदवारों के पास खडे करने हेतु महिला प्रत्याशी नहीं रहने के चलते इस बार ओबीसी प्रवर्ग की महिलाओं हेतु आरक्षित मोर्शी के नगराध्यक्ष पद के चुनाव में प्रत्याशियों की भीड थोडी कम दिखाई देने की उम्मीद है. उल्लेखनीय है कि, पिछली बार भी मोर्शी का नगराध्यक्ष पद महिलाओं के लिए ही आरक्षित था तथा उस समय भाजपा की शीला रोडे नगराध्यक्ष निर्वाचित हुई थी. साथ ही 21 सदस्यीय मोर्शी नगर परिषद में भाजपा के 8, कांग्रेस के 6, राकांपा के 4, शिवसेना के 2 तथा 1 निर्दलिय नगरसेवक निर्वाचित हुए थे.
* पर्यटन नगरी चिखलदरा में तेज हुई राजनीतिक सरगर्मियां
चिखलदरा नगर परिषद के आगामी नगराध्यक्ष पद का चुनाव सर्वसाधारण प्रवर्ग हेतु खुला रहने की घोषणा गत रोज हुए आरक्षण के ड्रॉ पश्चात की गई. जिसके बाद चिखलदरा में राजनीतिक सरगर्मिया तेज हो गई है. साथ ही संभावित उम्मीदवारों में दावेदारी को लेकर जबरदस्त चर्चा भी शुरु हो गई है. इससे पहले चिखलदरा नगर पालिका का नगराध्यक्ष पद विविध संवर्ग हेतु आरक्षित रहा करता था, जो इस बार सर्वसाधारण संवर्ग के तहत सभी के लिए खुला हो गया है. जिसके चलते सभी समाज घटकों के इच्छुकों हेतु नगराध्यक्ष पद का चुनाव लडने का अवसर उपलब्ध हो गया है, ऐसे में अनुभवी नेताओं सहित नवोदित नेताओं में भी नगराध्यक्ष पद को लेकर उत्सुकता निर्माण हो गई है. नगर परिषद के कामकाज को लेकर विगत कुछ वर्षों में हुई गडबडियां तथा विकास कामों के प्रलंबित रहने का मुद्दा अब एक बार फिर चर्चा में आ गया है. चिखलदरामें स्वच्छता, जलापूर्ति, सडकों के सुधार, पर्यटन विकास व स्थानीय रोजगार के अवसर जैसे प्रमुख विषयों पर मतदाताओं का ध्यान केंद्रीत है. जिसके मद्देनजर विविध राजनीतिक दलों ने अपने-अपने स्तर पर आंतरिक बैठकें लेनी शुरु कर दी है. साथ ही जल्द ही उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी शुरु होगी. ज्ञात रहे कि, चिखलदरा यह पर्यटन सहित राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण केंद्र रहने के चलते चिखलदरा नगर पालिका के चुनाव की ओर पूरे जिलेभर का ध्यान लगा हुआ है.
* चांदुर बाजार में इच्छुक करेंगे अपनी अर्धांगिनी को आगे
चांदुर बाजार नगर परिषद में नगराध्यक्ष पद हेतु इच्छुक उम्मीदवारों की अच्छी-खासी भीडभाड थी. लेकिन चांदुर बाजार नगर पालिका का नगराध्यक्ष पद खुले प्रवर्ग की महिलाओं हेतु आरक्षित हो जाने के चलते कई इच्छुक उम्मीदवारों में अब मायुसी देखी जा रही है. हालांकि अब भी कई उम्मीदवारों ने अब नगराध्यक्ष पद हेतु अपनी-अपनी पत्नीयों को आगे करने की रणनीति पर विचार करना शुरु कर दिया है. जिसे लेकर चांदुर बाजार शहर में अच्छी-खासी चर्चाएं चल रही है. इस समय भले ही भाजपा और प्रहार के पास उम्मीदवारी मांगनेवाले इच्छुकों की भीडभाड सबसे अधिक है, परंतु लोकसभा व विधानसभा से चुनाव में हुए मतदान के आंकडों को देखते हुए इस बार कांग्रेस में भी नगराध्यक्ष पद की उम्मीदवारी मांगनेवालों की संख्या में इजाफा होने की पूरी उम्मीद है.
* धामणगांव में कई इच्छुक हुए मायुस
धामणगांव रेलवे नगर परिषद का नगराध्यक्ष पद नागरिकों के पिछडा प्रवर्ग यानि ओबीसी संवर्ग की महिलाओं हेतु आरक्षित होने के चलते नगराध्यक्ष पद के लिए पूरी तरह से तैयार होकर बैठे इच्छुकों के हिस्से में मायुसी आ गई है और कई इच्छुकों के सपने पूरी तरह से चकनाचूर हो गए है. विगत दो वर्षों के दौरान शहर में खुद को भावी नगराध्यक्ष दर्शाते हुए राजनीतिक पृष्ठभूमि रहनेवाले कुछ लोगों ने अपना राजनीतिक संपर्क बढाया था, परंतु आरक्षण का ड्रॉ घोषित होते ही ऐसे सभी लोगों की तैयारियां धरी की धरी रह गई और अब नए सिरे से राजनीतिक समीकरण तय किए जा रहे है.
* अचलपुर में आरक्षण घोषित होते ही मोर्चाबंदी शुरु
अचलपुर नगर परिषद में नगराध्यक्ष पद खुले प्रवर्ग की महिलाओं हेतु आरक्षित हुआ है. अचलपुर नगर परिषद जिले की सबसे बडी नगर परिषद है. जिसके नगराध्यक्ष पद के आरक्षण की ओर पूरे जिलेभर की निगाहें लगी हुई थी और जुडवां शहर में इसे लेकर जमकर तर्कवितर्क लगाए जा रहे थे. वहीं अब नगराध्यक्ष पद खुले प्रवर्ग की महिलाओं हेतु आरक्षित होते ही ऐसी तमाम चर्चाओं पर पूर्णविराम लग गया है. जुडवां शहर में प्रमुख तौर पर भाजपा व शिवसेना का प्राबल्य रहा है. साथ ही इस बार कांग्रेस भी पूरी ताकत के साथ नगर परिषद के चुनाव में उतरनेवाली है. जिसके चलते नगराध्यक्ष पद को लेकर आरक्षण की घोषणा होते ही जबरदस्त मोर्चाबंदी शुरु हो गई है और सभी इच्छुक अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए है.
अंजनगांव में इच्छुकों के मंसूबों पर फिरा पानी
‘ब’ वर्ग दर्जा प्राप्त अंजनगांव सुर्जी नगर परिषद का नगराध्यक्ष पद इस बार अनुसूचित जाति संवर्ग हेतु आरक्षित हुआ है. विगत 4 वर्षों से चुनाव अधर में लटके हुए थे. जिसके चलते हर कोई चुनाव होने की प्रतीक्षा कर रहा था. वहीं अब चुनावी प्रक्रिया शुरु होने के बाद निकले गए आरक्षण के ड्रॉ को देखते हुए कई इच्छुकों के मंसूबों पर पानी फिर गया है. क्योंकि उनके सारे राजनीतिक गणित व समीकरण धरे के धरे रह गए है. जबकि दूसरी ओर अनुसूचित जाति के इच्छुकों के हाथ अचानक ही एक बडा मौका लग गया है और अब अनुसूचित जाति संवर्ग से नगराध्यक्ष पद पर दावेदारी पेश करने हेतु कई नए चेहरे भी सामने आने की पूरी उम्मीद दिखाई दे रही है. जिसमें से कौन बाजी मारता है, इसे लेकर अच्छी-खासी उत्सुकता भी बनी हुई है. नगराध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर मुंबई में ड्रॉ निकलने के बाद अब कल 8 अक्तूबर को अंजनगांव सुर्जी नगर परिषद के स्व. सुरेशचंद्र भावे सभागार में नगरसेवक पदों हेतु आरक्षण का ड्रॉ निकाला जाएगा.
* नांदगांव खंडेश्वर नगर पंचायत में रहेगा महिला राज
नांदगांव खंडेश्वर नगर पंचायत का नगराध्यक्ष पद सर्वसाधारण प्रवर्ग की महिलाओं हेतु आरक्षित हुआ है. जिसके चलते नांदगांव खंडेश्वर नगर पंचायत में पहली बार महिला राज आएगा. हालांकि इसके चलते विगत कई वर्षों से नगराध्यक्ष पद का चुनाव लडने की तैयारी कर रहे पुरुष प्रत्याशियों की उम्मीद पर पानी फेर गया है. इसके अलावा नांदगांव खंडेश्वर नगर पंचायत के आगामी चुनाव हेतु नगरसेवकों के पदों के लिए आरक्षण तय करने हेतु कल 8 अक्तूबर को सुबह 10.30 बजे नांदगांव खंडेश्वर तहसील कार्यालय में ड्रॉ निकाला जाएगा.
* तिवसा व भातकुली के लिए भी निकले ड्रॉ
गत रोज मुंबई में निकाले गए आरक्षण के ड्रॉ के तहत जनवरी व फरवरी 2027 में कार्यकाल खत्म होनेवाली नगर पंचायतों के नगराध्यक्ष पद का भी आरक्षण घोषित किया गया है. जिसमें अमरावती जिले की तिवसा एवं भातकुली नगर पंचायतों का समावेश है. इसके तहत तिवसा नगर पंचायत का नगराध्यक्ष पद सर्वसाधारण संवर्ग की महिलाओं हेतु आरक्षित हुआ है. वहीं भातकुली नगर पंचायत का अगला नगराध्यक्ष अनुसूचित जाति संवर्ग से होगा.
* वरुड-शें. घाट में एसटी संवर्ग के दमदार प्रत्याशियों की खोज
वरुड नगर परिषद का नगराध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति तथा शेंदूरजना घाट नगर परिषद का नगराध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति (महिला) संवर्ग के लिए आरक्षित हुआ है. जिसके चलते नगराध्यक्ष पद की रेस में रहनेवाले अन्य संवर्गों के कई इच्छुकों के पसीने छूट गए है, जिन्होंने विगत तीन-चार वर्षों के दौरान मतदाताओं से लगातार संपर्क जारी रखते हुए अलग-अलग मौकों पर दक्षिणा व चंदा देने के लिए हाथ खुला रखा था, परंतु सोमवार को निकले ड्रॉ ने राजनीतिक भूकंप लाने के साथ ही कई उभरते उम्मीदवारों की आशाओं व उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. साथ ही आरक्षण के ड्रॉ ने एकतरह से जबरदस्त राजनीतिक धक्का दिया है. ऐसे में अब सभी राजनीतिक दलों द्वारा अपनी मर्जी वाले दमदार प्रत्याशियों की खोजबीन करनी शुरु कर दी है. वहीं दूसरी ओर नगराध्यक्ष पद की लालसा रखते हुए लाखों रुपयों का खर्च करनेवाले कई इच्छुकों के सपने चकनाचूर हो गए है.
* चांदुर रेलवे में पुरुषों के लिए रहा ‘ब्लैक मंडे’
स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव नजदिक आते रहने के दौरान कल सोमवार का दिन चांदुर रेलवे शहर के कई पुरुष राजनेताओं के लिए ‘ब्लैक मंडे’ साबित हुआ. क्योंकि निर्वाचन आयोग द्वारा निकाले गए आरक्षण के ड्रॉ के तहत चांदुर रेलवे का नगराध्यक्ष पद सर्वसाधारण प्रवर्ग की महिलाओं हेतु आरक्षित हुआ. यह जानकारी मिलते ही नगराध्यक्ष बनने की इच्छा रखते हुए तैयारियों में जुटे पुरुष दावेदारों की इच्छाएं धरी की धरी रह गई. जिन-जिन इच्छुक पुरुषों ने विगत कुछ माह के दौरान अपने कपडों को कडक इस्तरी मारकर रखा था और अपने फोटो के साथ बैनर-पोस्टर की डिजाइन भी बनाकर तैयार रखी थी, अब उन सभी के चेहरे पर अचानक ही ‘सिस्टम एरर’ दिखाई देने लगा है.
* दर्यापुर में ‘कहीं खुशी, कहीं गम’
दर्यापुर नगर परिषद में नगराध्यक्ष पद ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित हुआ है. जिसके चलते दर्यापुर में इस बार भी पिछली बार की तरह ही चित्र दिखाई देगा. पिछली बार दर्यापुर नगर परिषद में भाजपा की सत्ता थी, परंतु इस बार राजनीतिक हालात बदल चुके है तथा लोकसभा व विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का पलडा काफी भारी दिखाई दे रहा है और कांग्रेस ने अपने दम पर चुनाव लडने की घोषणा की है. ऐसे में कौन किसके साथ आता है, इसे लेकर अच्छी-खासी माथापच्ची चल रही है. वहीं नगराध्यक्ष पद ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित होते ही दर्यापुर में ‘कहीं खुशी, कहीं गम’ वाला माहौल दिखाई दे रहा है.

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