माता-पिता के संस्कारों के साथ-साथ अपनी मातृभाषा का भी सम्मान करें – पुरुषोत्तम महाराज मोरे

बडनेरा में सत्कार एवं सत्संग ज्ञानोदय समारोह सम्पन्न

अमरावती /दि.16 – यद्यपि वर्तमान समय में अंग्रेजी आवश्यक है, फिर भी आज की पीढ़ी किताबों का बोझ उठाकर महंगे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रही है, और माता-पिता के संस्कारों के साथ-साथ मातृभाषा की उपेक्षा के कारण भारतीय संस्कृति पर आघात हो रहा है. पाश्चात्य संस्कृति के प्रदर्शन, विविध मनोरंजनों और खानपान में गिरावट के कारण वृद्धाश्रमों की संख्या में वृद्धि के कारण सामाजिक व्यवस्था दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. अतः मातृहृदयी साने गुरुजी के आदर्श को आत्मसात करना और संतों के विचारों, भक्ति एवं आराधना के माध्यम से साधना करना अत्यंत आवश्यक है, ऐसा प्रबोधन जगद्गुरु तुकोबाराय के दसवे वंशज, हभप पुरुषोत्तम महाराज मोरे ने किया.
श्री भुसारी महाराज विट्ठल मंदिर संस्थान, मालीपुरा जुनिबस्ती बडनेरा में जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज संस्थान के पूर्व अध्यक्ष, देहू के हभप पुरुषोत्तम महाराज मोरे का सत्कार, प्रबोधन एवं ज्ञानप्रदीपन समारोह हाल ही में भारत सरकार के सेवानिवृत्त विशेष सचिव अनिल जोशी, संत गाडगेबाबा विश्वविद्यालय के अध्यासन प्रमुख डॉ. दिलीप काले, गणेशदादा हजारे, दलितमित्र उत्तमराव भैसने की उपस्थिति में संपन्न हुआ. कार्यक्रम के प्रारंभ में जगद्गुरु तुकोबाराय के दशम वंशज हभप पुरुषोत्तम महाराज मोरे, सेवानिवृत्त विशेष सचिव अनिल जोशी, प्राचार्य डॉ. दिलीप काले ने श्री विट्ठल-रखुमाई की प्रतिमा का पूजन एवं माल्यार्पण किया.
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. दिलीप काले ने अतिथियों का परिचय कराया. तत्पश्चात श्री भुसारी महाराज विट्ठल मंदिर संस्थान के प्रमोद नागपुरे, किशोर हजारे, कोंडेश्वर संस्थान के रवींद्र बारापात्रे, रामकृष्ण लांडोरे, गुरुदेव सेवा मंडल के जीवन प्रचारक प्रमोद पोकले, सुभाष सुने, विट्ठल रखुमाई मंदिर, नवीवस्ती के डॉ.चंद्रशेखर पाटिल, संत गजानन महाराज चैरिटेबल ट्रस्ट के गजानन डहाके, हरिश्चंद्र कहाले, मधुकर श्रीखंडे, श्री हरिबाबा दत्त मंदिर संस्थान के साहेबराव तायडे, वर्हेकर, सपाटे वारकरी भजनी मंडल के तुकाराम सपाटे, गणेश खंडार, पुंडलिक सपाटे, गुरुद्वारा बडनेरा के कुलबीर सिंह, रणजीत सिंह, आधार संस्थान के विनायक घिमे, श्याम बडनेरकर, संत गाडगेबाबा बहुउद्देशीय संस्थान के सुरेश वानखड़े, अजय खरबड़े, श्री टेम्बे महाराज दत्त मंदिर झिरी संस्थान के प्रवीण सकलकले, चर्मकार समाज संगठन के शरद ठोसरे, शंकर गव्हाले, शिम्पी समाज संगठन के कैलास हातागड़े, जुमले ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया.
कार्यक्रम के प्रास्ताविक में भास्कर गणोरकर ने श्री भुसारी महाराज के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला. तत्पश्चात अन्य मुख्य अतिथियों ने भी मार्गदर्शन दिया. इस अवसर पर शंकरराव राऊत, गायक विनायक ढोले, दिगंबर तायडे, घुसे सर, यादगिरे गुरुजी, विनायक औरंगपुरे, महेश येते, संजय नागपुरे, सुजय पवार, विनोद डहाके, अशोक वाठ, अंकुश पवार, नितिन नागपुरे, निमकर, वाकेकर, पूर्व नगरसेविका गंगाताई अंभोरे सहित सैकड़ों महिला-पुरुष उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन सुनील तायडे ने और आभार प्रदर्शन प्रज्ञा नागपुरे ने किया. कार्यक्रम का समापन दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के लोक कलाकार प्रमोद पोकले की आवाज में पसायदान के गायन से हुआ.

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