अमरावती को गत वैभव दिलाना हमारी पहली प्राथमिकता

कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख का कथन

* मनपा चुनाव में कांग्रेस के ‘सिंगल लार्जेस्ट’ पार्टी रहने का किया दावा
* कुछ सीटों पर समविचारी दलों के साथ आघाडी की संभावना स्वीकार्य
* शहर को बताया बदहाल, भाजपा व मौजूदा जनप्रतिनिधि पर जमकर साधा निशाना
अमरावती/दि.19- किसी समय ‘इज ऑफ डुइंग इंडेक्स’ में अमरावती शहर का स्थान देश के तमाम शहरों की सूची में 14 वें स्थान पर था. जबकि आज अमरावती शहर अंतिम 14 में भी बमुश्किल शामिल होगा. इस कदर अमरावती शहर को बदहाल कर दिया गया है. शहर में हर ओर कचरे व गंदगी का आलम है. वायू प्रदुषण के लगातार बढने की वजह से हवा की गुणवत्ता खराब है, लगातार बढते अतिक्रमण की वजह से सौंदर्यीकरण का कहीं कोई अता-पता ही नहीं है और यातायात को लेकर नियोजनशून्यता रहने के चलते शहर में हर ओर ट्रैफिक जाम की समस्या दिखाई देती है, यानि विगत 7-8 वर्षों के दौरान मनपा की सत्ता में रहनेवाली भाजपा के साथ-साथ शहर के मौजूदा जनप्रतिनिधियों द्वारा अच्छे-खासे शहर को बदहाली की ओर ढकेल दिया गया. जिससे शहर की पुरानी सभी चमक-दमक जाती रही. ऐसे में अब हमने अमरावती शहर को उसका पुराना वैभव वापिस दिलाने की प्राथमिकता तय की है और मनपा की सत्ता में आते ही हम अपने इसी प्राथमिकता के साथ काम करेंगे, इस आशय का प्रतिपादन करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने विश्वास जताया कि, इस बार मनपा चुनाव में कांग्रेस ‘सिंगल लार्जेस्ट पार्टी’ बनकर उभरेगी.
गत रोज अपने आवास पर दैनिक ‘अमरावती मंडल’ के साथ विशेष रुप से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि, विगत 7-8 वर्षों के दौरान अमरावती शहर में तमाम व्यवस्थाएं पूरी तरह से अस्तव्यस्त और बेतरतीब हो गई है. क्योंकि व्यवस्था को चाक-चौबंद व चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने हेतु कोई आवश्यक प्रबंध एवं प्रयास ही नहीं किए गए. जिसके नतीजे अब अव्यवस्था एवं असुविधा के रुप में सामने आने लगे है. जिससे आम जनता को तमाम तरह की दिक्कतों व तकलिफों का सामना करना पड रहा है. पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख के मुताबिक मौजूदा हालात की वजह से अमरावती के आम नागरिक पूरी तरह से हैरान-परेशान व हलाकान हो चुके है तथा अब हर हाल में बदलाव चाहते है. ऐसे में निश्चित तौर पर अमरावतीवासियों द्वारा भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों को मनपा की सत्ता से बेदखल करते हुए एक बार फिर कांग्रेस के पक्ष में जनादेश दिया जाएगा.
मनपा के आगामी चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला व टक्कर मुख्य तौर पर भाजपा के ही साथ रहने की बात स्वीकार करते हुए पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि, पिछले चुनाव में अमरावती की जनता ने बडे भरोसे के साथ भाजपा को रिकॉर्ड 45 सीटों पर जीत दिलाते हुए मनपा की एकतरफा सत्ता दिलाई थी. जिसका सदुपयोग करते हुए भाजपा ने सशक्त तरीके से शहर की भलाई के लिए काम करना चाहिए था, परंतु भाजपा ने इससे उलट काम करते हुए अपनी सत्ता और शक्ति का दुरुपयोग किया तथा पूरे पांच वर्ष के दौरान शहर के हितों व समस्याओं की साफ तौर पर अनदेखी की गई. जिसके लिए काफी हद तक अमरावती शहर के स्थानीय जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार है, जिनकी मनपा प्रशासन पर कभी कोई मजबूत पकड ही नहीं रही. जिसके चलते व्यवस्थाओं को लेकर बडी मेहनत के साथ तैयार किया गया पूरा नियोजन गडबडा गया है.
मौजूदा हालात के समाधान हेतु मनपा में कांग्रेस की सत्ता को एकमात्र पर्याय बताते हुए पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि, उन्होंने अपने विधायक एवं मंत्रित्वकाल के दौरान अमरावती शहर में मूलभूत सुविधाओं का विकास करने के साथ ही शहर को हराभरा व सुंदर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य शुरु करवाए थे. जिसमें उस समय मनपा की सत्ता में रहनेवाले कांग्रेस के पदाधिकारियों का पूरा सहयोग भी मिला था, परंतु जैसे ही मनपा में भाजपा की सत्ता आई, वैसे ही पूरा मामला गडबडा गया. ऐसे में अब शहर की भलाई के लिए कांग्रेस का एक बार फिर मनपा की सत्ता में आना बेहद जरुरी हो चला है.
इस बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने यह भी कहा कि, कांग्रेस द्वारा मनपा के आगामी चुनाव में पूरी ताकत के साथ हिस्सा लिया जाएगा. जिसके लिए इच्छुकों से आवेदन मंगाते हुए उनके साक्षात्कार लेने की प्रक्रिया चल रही है. साथ ही खास बात यह है कि, कांग्रेस की टिकट पाने के इच्छुकों की संख्या अच्छी-खासी है, यह बात पहले दिन की साक्षात्कार प्रक्रिया के दौरान ही साफ तौर पर दिखाई दी है. कांग्रेस के प्रति इस उत्साह को देखते हुए विश्वास जताया जा सकता है कि, इस बार कांग्रेस ही मनपा में ‘सिंगल लार्जेस्ट पार्टी’ बनने जा रही है. इस समय पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए डॉ. सुनील देशमुख ने यह भी कहा कि, वैसे तो कांग्रेस द्वारा मनपा के सभी 22 प्रभागों की कुल 87 सीटों पर अपने प्रत्याशी खडे करने की तैयारी है, लेकिन कुछ सीटों पर शिवसेना उबाठा, वंचित बहुजन आघाडी एवं रिपाइं (गवई) के साथ आघाडी भी की जा सकती है. हालांकि ऐसा करते समय कांग्रेस द्वारा अपने हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि, कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट देते समय ‘विनिंग मेरीट’ के आधार पर नए व पुराने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के बीच संतुलन रखा जाएगा और सभी समाजों को उचित प्रतिनिधित्व देने का भी पूरा प्रयास किया जाएगा.
इस बातचीत के अंत में पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि, मनपा चुनाव में राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक मुद्दों का कोई महत्व नहीं होता है, बल्कि यह चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ही लडा जाना चाहिए और आम शहरवासियों ने भी उनके पास वोट मांगने हेतु पहुंचने वाले राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों से अपने-अपने प्रभागों सहित शहर से संबंधित मुद्दों को लेकर उनकी भूमिका व विचारों के बारे में सवाल-जवाब करने चाहिए. साथ ही साथ इस वक्त अमरावती शहर की मौजूदा स्थिति के लिए भी जवाबदेही तय करते हुए उसी आधार पर शहर के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखकर मनपा में भेजने हेतु प्रतिनिधियों का चयन करना चाहिए. यदि अमरावती शहरवासी इस बार इतनी समझदारी भी दिखा दें, तो शहर का भविष्य बेहतर होने के साथ-साथ शहर की स्थिति काफी हद तक सुधरने में सहायता होगी.

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