रूपभजन चैरिटेबल अस्पताल आज सेवा का माध्यम बन चुका है

नानक आहूजा का प्रतिपादन

* डॉ. हेडगेवारअस्पताल ने दी पूज्य समाधा आश्रम को शवपेटी
अमरावती/ दि. 27 -किसी भी कार्य में सेवाभाव होना आवश्यक होता है.पूज्य समाधा आश्रम की मदद से सन 1991 में बाबा रूप भजन चैरिटेबल अस्पताल की शुरूआत की थी, जो आज सही मायनों में सेवा का माध्यम बन चुका है. यहां हर दिन सैकडों की तादाद में लोग अपना उपचार करवाने आते है. यही सेवा भाव समाज में जागृत होने लगा है. जिसके कारण ही रूपभजन चैरिटेबल अस्पताल का नाम शहर में विख्यात होने का प्रतिपादन मीडिया के तथा पूज्य पंचायत कंवर नगर के पूर्व अध्यक्ष नानक आहूजा ने किया है.
स्थानीय दरोगा प्लॉट स्थित पूज्य समाधा आश्रम में पूज्य समाधा आश्रम के प.पू. शिवस्वरूप महासमरथ, ब्रम्हचारी सदगुरू शहनशाह 1008 बाबा शिवभजन महाराज साहब के आशीर्वाद से व गद्दीनशीन स्वामी नारायण भजन साहिब के मार्गदर्शन में डॉ. हेडगेवार अस्पताल ट्रस्ट के सहयोग से पूज्य समाधा आश्रम को शवपेटी का दान किया गया. इस अवसर पर वे बोल रहे थे.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. हेडगेवार ट्रस्ट के दिलीप खोचे, जनकल्याण सेवा संस्था के अध्यक्ष अजय श्रॉफ, पूज्य पंचायत कंवर नगर के पूर्व अध्यक्ष एड. वासुदेव नवलानी आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
एड. वासुदेव नवलानी ने कहा कि बाबा रूपभजन चेरिटेबल अस्पताल उन मरीजों के लिए स्थापित किया गया . जो आर्थिक रूप से दुर्बल है. उन्हें किफायती दाम में शहर के नामचीन डॉक्टरों द्बारा सेवा दी जा सके. इस उद्देश्य से अस्पताल की स्थापना की गई थी. समय के साथ अब अस्पताल का दायरा और सेवाओं का विस्तार हुआ है. साथ ही शहरवासियों को भी इसका भरपूर सहयोग मिल रहा है. यह अस्पताल अब केवल आर्थिक दुर्बल घटक ही नहीं बल्कि समाज के सभी वर्ग के लिए किफायती दाम में बेहतरीन वैद्यकीय सेवा देनेवाला अस्पताल बन चुका है. उसके साथ पूज्य समाधा आश्रम की सेवाएं भी इस समय उन्होंने विस्तार से व्यक्त की.
डॉ. हेडगेवार ट्रस्ट की ओर से उपस्थित आदेश सातपुते व अजय श्रॉफ ने अस्पताल के कार्य को उपस्थितोंं के समक्ष रखते हुए शवपेटी दान के लिए रूप भजन चैरिटेबल अस्पताल का चयन क्यों किया गया. इसका खुलासा किया गया. कार्यक्रम में सर्वप्रथम मान्यवरों का पूज्य समाधा आश्रम की ओर सेे शॉल, श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर स्वागत एवं सत्कार किया गया. उसके पश्चात डॉ. हेडगेवार ट्रस्ट की ओर से शवपेटी दान दी गई.
बता दें कि आश्रम को अब तक दो शवपेटियां दान दी गई है. जिसमें पहली शवपेटी स्व. चंद्रभान किंगरानी की स्मृति में उनके परिवार द्बारा तथा दूसरी शवपेटी मुकेश व शंकरलाल हरवानी परिवार द्बारा प्रदान की गई. रविवार को आश्रम को प्राप्त यह तीसरी शव पेटी है. जो हेडगेवार ट्रस्ट द्बारा प्रदान की गई है. इस समय वासुदेव बुधलानी, रमेश खत्री, राजा किंगरानी, हिरानंद सावलानी, संजय बत्रा, नानक मूलचंदानी, अनिल गिल्डा, सतीश हरवानी, अमरलाल डेंबला, जोधाराम खत्री, राजु बुधलानी, वासुदेव बजाज, मोहनलाल नानवानी, विशाल वीरवानी, जीतू असनानी, जगदीश खत्री, राजू तख्तानी, धरमदास तरडेजा, सुंदर मोटवानी, अनिल तरडेजा, सतीश लालवानी, कपिल मूलचंदानी, नितिन मूलचंदानी, यश नवलानी, महेश मूलचंदानी सहित बडी संख्या में आश्रम के भक्तगण उपस्थित थे.

Back to top button