‘बोतल आडी’ के लिए नियम ‘जैसे थे’

मुंबई/दि.9 – किसी भी रिहायशी इलाके में किसी शराब की दुकान को बंद कराने हेतु उस क्षेत्र की महिलाओं का कितने प्रतिशत मतदान हो, इससे संबंधित नियम में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा, ऐसा राज्य के उपमुख्यमंत्री व उत्पादन शुल्क मंत्री अजीत पवार द्वारा गत रोज विधानसभा में स्पष्ट किया गया.
खारघर स्थित शराब के दुकान को बंद करने की मांग करते हुए भाजपा विधायक प्रशांत ठाकुर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा था. जिस पर हुई चर्चा में भाजपा विधायक अभिमन्यू पवार भी शामिल हुए थे. जिस पर जवाब देते हुए सरकार की ओर से कहा गया कि, किसी भी वॉर्ड की 25 फीसद महिलाओं ने शराब दुकान बंद करने की मांग करनी चाहिए. जिसके बाद होनेवाले मतदान में कुल मतदाताओं में से कम से कम 50 फीसद महिलाओं ने शराब दुकान बंद करने के पक्ष में मतदान करना चाहिए, तभी उस शराब दुकान को बंद किया जाएगा.
* सन 2009 से चले आ रहे नियम में बदलाव नहीं
इस समय डेप्युटी सीएम अजीत पवार ने बताया कि, यह नियम सन 2009 से चला आ रहा है. जिसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. महानगर पालिका व किसी अन्य स्थानीय स्वायत्त निकायों द्वारा प्रस्ताव पारित करने के चलते किसी शराब दुकान को बंद नहीं किया जा सकेगा. साथ ही संबंधित गृहनिर्माण संस्था के प्रस्ताव को भी ग्राह्य नहीं माना जाएगा.
– राज्य में वर्धा व गढचिरोली इन दो जिलो में पूरी तरह से शराब बंदी है. साथ ही चंद्रपुर में भी शराब बंदी की गई थी. लेकिन वहां पर अवैध शराब का प्रमाण बढ गया तथा कई युवा अवैध शराब विक्री से पैसा कमाने के काम में लग गए.
– डेप्युटी सीएम अजीत पवार ने यह भी बताया कि, उत्तर प्रदेश में प्रति वर्ष कुल दुकानों की तुलना में तीन फीसद दुकाने बढाई जाती है और एक लाख नागरिकों पर शराब दुकानों का प्रमाण अन्य राज्यों की अपेक्षा महाराष्ट्र में कम है. साथ ही सन 1972 से नई शराब दुकानों के लिए एक भी लाईसेंस नहीं दिया गया है.
* शराब दुकान बंद के लिए मनपा का प्रस्ताव ग्राह्य नहीं
किसी शराब दुकान को बंद करने हेतु मनपा द्वारा प्रस्ताव पारित किए जाने के चलते कुछ शराब दुकान को बंद नहीं किया जाएगा.
– मनपा को ऐसा कोई प्रस्ताव पारित करने का अधिकार नहीं है, ऐसा भी डेप्युटी सीएम पवार ने स्पष्ट किया और कहा कि, खारघर इससे पहले ग्राम पंचायत वाला गांव था, जो आगे चलकर पनवेल महानगर पालिका में शामिल हुआ.
– खारघर ग्राम पंचायत ने शराब बंदी का प्रस्ताव पारित किया था. लेकिन अब खारघर के पनवेल मनपा में शामिल हो जाने के चलते खारघर क्षेत्र स्थित शराब दुकान को बंद नहीं रखा जा सकता है.





