पाबंदी के बावजूद थर्माकाल की विक्री

सजावट की सामग्री पर महंगाई हावी

* फूल मालाएं और लडियों पर ग्राहकों का रूझान
अमरावती/ दि. 23 – लाडले गणपति बाप्पा का आगमन दो दिनों बाद होने जा रहा है. मार्केट में सजावट के अनेक आइटम उपलब्ध है. जिसकी खरीदारी हेतु शहर के जवाहर गेट, मोची गली, राजापेठ, रवि नगर, प्रशांत नगर, रूक्मिणी नगर, गाडगे नगर, विलास नगर, सभी एरिया में मार्केट सजे हैं और लोग खरीदारी के लिए उमड रहे हैें. देखा गया कि थर्माकाल की विक्री पर प्रतिबंध के बावजूद उसकी धडल्ले से विक्री हो रही है.
मखर 500 रूपए में
रेडीमेड सिंहासन अर्थात मखर की कीमतें 500 रूपए से प्रारंभ होकर 3 हजार रूपए तक रहने की जानकारी विक्रेता अमित गोयल ने दी. उन्होंने बताया कि मखर की डिमांड सर्वाधिक है. अगले दो दिनों में व्यापार में और तेजी आने की संभावना भी अमित गोयल ने व्यक्त की.
थोडी बढी कीमतें
सजावट की सामग्री में इस बार 10- 20 प्रतिशत मूल्यवृध्दि हुई है. लायटिंग, तोरण, झालर, लटकन, झूमर की डिमांड काफी है. नये आयटम की ओर ग्राहकों का रूझान है. सिंहासन में डिजिटल प्रिंट, थ्रीडी डिजाइन, एलईडी लाइटिंग से सजाए गये सिंहासन बच्चों को आकर्षित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि घरेलू गणपति के लिए भी शासन की पुरस्कार योजना होने से लोगों का चाव बढा है. दो दिनों में मार्केट में बच्चें अपने अभिभावक को पसंद की वस्तुएं और सजावट की सामग्री खरीदने के लिए हठ कर ला रहे हैं.
फूलों की लडियों पर जोर
असल फूलों की कीमतों में बढोत्तरी के कारण आर्टीफीशल फूलों की लडियां भाव खा रही है. एक से बढकर एक डिजाइन के गणपति मूर्तियों के हार भी मार्केट में उपलब्ध हुए हैं. गुजरात और मुुंबई से सजावट के काफी सामान और वस्तुएं ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं. इको फ्रेंडली मखर की डिमांड हाल के वर्षो में बढी है. यह मखर टिकाउ भी होते हैं. दो तीन वर्ष इनका उपयोग किया जा सकता है. इनके दाम 1 हजार से 2 हजार रूपए रहने की जानकारी अमित गोयल ने दी.
इस प्रकार है रेट
लटकन – 50 रूपए
फूलों की लडियां- 50 से 150
लाइटिंग – 80 रूपए से 600
सिंहासन- 500 से 3000
तोरण – 300 से 1000

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