कल से दिल्ली में ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’

‘भारत मंडपम’ में भव्य आयोजन

* संत-महंत, मंत्री और हजारों साधक पधारेंगे
* अमरावती जिले 11 लोग उपस्थित रहेंगे
अमरावती/दि.12 -‘ऑपरेशन सिंदूर’ से लेकर विश्व की चौथी सबसे बड़ी आर्थिक महासत्ता बनने तक भारत ने अभूतपूर्व यात्रा की है, किंतु हाल ही में दिल्ली में हुए बम विस्फोट के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि देशभर में छोटे-छोटे व्हाइट कॉलर आतंकवादी समूह सक्रिय हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ है. इसके साथ-साथ डीप-स्टेट, नक्सलवाद, घुसपैठ, नैरेटिव युद्ध, लव जिहाद, लैंड जिहाद आदि माध्यमों से भारत को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे समय में केवल दिखावटी धर्मनिरपेक्षता नहीं, बल्कि प्रभु श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण और छत्रपति शिवाजी महाराज की क्षात्रशक्ति और तेज की पुनः आवश्यकता है. देश में सुरक्षा, संस्कृति और शौर्य का पुनर्जागरण करने के लिए भारत का ‘विश्वकल्याणकारी सनातन राष्ट्र’ के रूप में पुनः प्रतिष्ठित होना अत्यंत आवश्यक है. इसी संदेश को देशभर में पहुंचाने के उद्देश्य से ‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ के सौजन्य से एवं ‘सनातन संस्था’ के आयोजन में भव्य ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन 13 और 14 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली (इंद्रप्रस्थ) स्थित ‘भारत मंडपम’ में किया जा रहा है, ऐसी जानकारी सनातन संस्था के जिला सेविका विभा चौधरी द्वारा दी गई.
इस महोत्सव में श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष परम पूज्य स्वामी गोविंददेवगिरि महाराज, केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय शेठ, दिल्ली के सांस्कृतिक मंत्री कपिल मिश्रा, छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज सांसद छत्रपति उदयनराजे भोसले, ‘सेव कल्चर सेव भारत’ के अध्यक्ष एवं भारत के पूर्व सूचना आयुक्त उदय माहूरकर, तथा सनातन संस्था की आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्शक्ति बिंदा सिंगबाल और श्रीचित्शक्ति अंजली गाडगील उपस्थित रहकर मार्गदर्शन करेंगे.
रामाश्रयी रामप्रियाजी जनकल्याण ट्रस्ट अमरावती से पू. रामश्री रामप्रियाजी, सांसद अनिल बोंडे, योग वेदांत समिति के मानव बुद्धदेव, संगीता सिताराम राठी, सिताराम जुगल किशोर राठी, गजानन जंवजाल, शंतनु अंबुलकर, ज्योती धनाडे उपस्थित रहेंगे. दिल्ली स्थित भारत मंडपम के एक्जिबिशन हॉल क्रमांक ‘12’ में 13 से 15 दिसंबर 2025 तक दुर्लभ शिवकालीन शस्त्रों की प्रदर्शनी, ‘सनातन संस्कृति’, ‘राष्ट्र, कला एवं आध्यात्मिक वस्तुओं’ की भव्य प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा.

 

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