संत रामपाल महाराज का अवतरण दिवस 6 से 8 सितंबर को मनाया जाएगा

अहिल्यानगर जिले के धवलपुरी में आयोजन

नांदेड /दि.2 – संत समाज और पूरे आध्यात्मिक जगत में अत्यंत महत्वपूर्ण दिन माने जाने वाला संत रामपाल जी महाराज का अवतरण दिवस इस वर्ष 6, 7 और 8 सितंबर को बड़े भक्तिभाव और भव्यता के साथ मनाया जाएगा. यह आयोजन सतलोक आश्रम, धवलपुरी, जिला अहिल्यानगर में संपन्न होगा, जिसमें लाखों भक्तों के शामिल होने की संभावना है.
इन तीन दिवसीय भव्य समारोह में अनेक सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. इनमें भव्य भंडारा, दहेज-मुक्त विवाह समारोह, अमर ग्रंथ साहेब का अखंड पाठ तथा रक्तदान शिविर प्रमुख रूप से शामिल होंगे. इन सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज में समानता, आपसी प्रेम, निस्वार्थ सेवा और आध्यात्मिक जागरूकता फैलाना है. संत रामपालजी महाराज का जन्म 8 सितंबर 1951 को हरियाणा राज्य के सोनीपत जिले के धनाना गाँव में हुआ था. इसलिए इस दिन को उनका अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज पूरी दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु इस दिन की उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं.संत रामपाल जी महाराज अपने प्रवचनों में स्पष्ट करते हैं कि मनुष्य जन्म अत्यंत दुर्लभ है और यह केवल परमात्मा प्राप्ति के लिए मिला है. उन्होंने चार वेद, श्रीमद्भगवद्गीता, श्रीगुरुग्रंथ साहिब, कुरान शरीफ, बाइबल जैसे सभी धर्मग्रंथों से प्रमाण देकर सच्चे आध्यात्मिक मार्ग को संसार के सामने प्रस्तुत किया है. उनके अनुसार पूर्ण मोक्ष प्राप्ति के लिए ‘पूर्ण गुरु’ आवश्यक है और संपूर्ण विश्व में वे स्वयं ही एकमात्र पूर्ण संत हैं.उनके बताए हुए सतभक्ति मार्ग का अनुसरण करने से उनके अनुयायियों को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक सभी प्रकार के लाभ हो रहे हैं. व्यसनमुक्त जीवन, पारिवारिक सुख-शांति, उत्तम स्वास्थ्य और मोक्ष की गारंटी उनकी शिक्षाओं का आधार है.इस वर्ष का अवतरण दिवस समारोह और भी भव्य होने जा रहा है, जिसमें देश-विदेश से लाखों साधक यहां पहुंचेंगे. भक्तों के लिए सभी व्यवस्थाएं नि:शुल्क होंगी, जिसमें भोजन, आवास और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.यह दिन केवल किसी संत का जन्मदिन नहीं है, बल्कि पूरी मानव जाति को सच्ची आध्यात्मिक दिशा देने वाले युगपुरुष का स्मरण दिवस है. इसलिए 6 से 8 सितंबर का यह अवसर प्रत्येक साधक के लिए आध्यात्मिक महापर्व सिद्ध होगा.

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