शिवसेना उबाठा के यवतामल विधानसभा प्रमुख संतोष ढवले पार्टी से सस्पेंड
पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के निर्देश पर की गई कार्रवाई

यवतमाल/दि.15- राज्य में शिवसेना उबाठा, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार) यह दल महाविकास आघाडी में रहते हुए भी यवतमाल नगर परिषद चुनाव स्वतंत्र लढ रहे हैं. इस दौरान पार्टी विरोधी कार्रवाई कर कांग्रेस को सहयोग करने का आरोप करते हुए शिवसेना उबाठा यवतमाल विधानसभा प्रमुख संतांष ढवले को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. शिवसेना पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के आदेशानुसार यह कार्रवाई किए जाने की जानकारी जिला संपर्क प्रमुख राजेंद्र गायकवाड ने दी.
राज्य में महाविकास आघाडी रही तो भी यवतमाल नगर परिषद के चुनाव के दौरान पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के विरोध में जाकर संतोष ढवले ने कु छ शिवसैनिकों को कांग्र्रेस की उम्मीदवारी दिलवा दी. इन उम्मीदवारों के लिए वे शिवसेना के विरोध में प्रचार करते रहने से उन पर यह कार्रवाई की गई. जिला संपर्क प्रमुख राजेंद्र गायकवाड द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक विधानसभा प्रमुख के रूप में कार्यरत रहने के बावजूद संतोष ढवले ने यवतमाल नगर परिषद के चुनाव में शिवसेना उबाठा पार्टी के नगराध्यक्ष व नगरसेवक पद के अधिकृत उम्मीदवार के विरोध में कांग्रेस पार्टी का खुलेआम प्रचार किया. यह कृत्य पार्टी की निती के विरोध में और अनुशासन का उल्लंघन करनेवाला रहने से उन पर कडी कार्रवाई की गई हैं. संतोष ढवले यह यवतमाल शिवसेना के आक्रामक चहरे के रूप में पहचाने जाते थे. वे अनेक साल से शिवसेना से जुडे थे और उन्होंने पार्टी के माध्यम से विविध जिम्मेदारी संभाली हैं. पार्टी में फुट पडने के बाद वह उध्दव ठाकरे के पक्ष में मजबुती के साथ खडे रहे. पार्टी से निकालने के पूर्व वे शिवसेना उबाठा पार्टी के यवतमाल विधानसभा प्रमुख के रूप में कार्यरत थे. इसके पूर्व उन्होंने यवतमाल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के संपर्क प्रमुख के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली हैं. ढवले ने अनेक राजनीतिक और सामाजिक विषयों पर आक्रामकता से आवाज उठाई है. उनके वक्तव्य और आंदोलन करने का तरीका अनेक बार चर्चा का विषय रहा हैं. एक प्रकरण में भाजपा नेता पर टिप्पणी करते समय खुलेआम बडा पुरस्कार घोषित किया था. इस कारण वे राज्य में चर्चा में आ गए थे. उन्होंने पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लडा था. उस समय वे काफी कम वोटो से पराजीत हुए थे. इसके अलावा एक बार बगावत कर निर्दलिय के रूप में भी चुनाव लडा था.





