एकल महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे!

अमरावती /दि.26 – कोरोना में अकेली (विधवा) महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए ‘मिशन वात्सल्य’ योजना लागू की गई. अब विधवा, एकल, परित्यक्ता महिलाओं को भी इसका लाभ मिलेगा.
यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित की जाती है. इस योजना का उद्देश्य कोरोना संकट के कारण अपने पतियों को खो चुकी विधवाओं और माता-पिता दोनों की मृत्यु के बाद अनाथ हुए बच्चों की मदद करना था. बाद में, इस योजना का विस्तार कर अन्य पात्र श्रेणियों को भी इसमें शामिल किया गया. यदि कोई महिला स्वरोज़गार शुरू करना चाहती है, तो उसे आवश्यक वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने का प्रयास किया जाता है ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके.
* इस योजना का उद्देश्य क्या है?
विधवा, परित्यक्त और एकल महिलाओं को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना, अनाथ एवं बेसहारा बच्चों की देखभाल, पुनर्वास, शिक्षा एवं विकास सुनिश्चित करना तथा आवश्यक दस्तावेज पूर्ण कर महिलाओं एवं अनाथों को विभिन्न सरकारी लाभ योजनाओं का लाभ प्रदान करना है.
* मिशन वात्सल्य द्वारा जागरूकता अभियान
प्रत्येक तहसील में तहसीलदार की अध्यक्षता में एक मिशन वात्सल्य समिति गठित की गई है. इस समिति के माध्यम से जनजागृति का कार्य किया जाता है.
* इस योजना से कौन लाभान्वित हो सकता है?
माता-पिता दोनों का निधन हो गया यह स्पष्ट किया गया कि अनाथ बच्चे, विधवा महिलाएं जिन्होंने अपने पति खो दिए हैं, परित्यक्त महिलाएं जिन्होंने अपने पुरुष कमाने वाले को खो दिया है या जिनके पास परिवार का समर्थन नहीं है, और अन्य गरीब या वंचित समूहों की महिलाएं इस योजना के लिए पात्र हैं.
* आवेदन कैसे करें
गांव और तहसील स्तर की समितियों के माध्यम से जानकारी एकत्र की जाती है. कभी-कभी शिविर और सभाएं आयोजित की जाती हैं जहां दस्तावेज़ों की जांच की जाती है. आवेदन जमा होने के बाद, स्वीकृति प्रक्रिया और लाभ प्रदान किए जाते हैं.
* आवश्यक दस्तावेज़
निवास प्रमाण पत्र, अधिवास प्रमाण पत्र, पति या माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र, अनाथों के लिए जन्म प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आवश्यक हैं.
* क्या फायदे हैं?
– विस्तारित परिवार या जैविक रिश्तेदारों के साथ रहने वाले कमजोर बच्चों को उनकी शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता मिलती है.
– संस्थागत देखभाल पर निर्भरता कम करके बच्चों के लिए सुरक्षित और पोषणकारी पारिवारिक वातावरण बनाने पर जोर दिया जाता है.
– इस योजना का उद्देश्य समाज में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करना, बाल विवाह और बाल तस्करी को रोकना तथा बाल अपराध की दर को कम करना है.
– अनाथ बच्चों को बैंक और डाकघर में खाते दिए गए.





